बैंक फ्रॉड होने पर ये तरीका अपनाया तो 100% पैसा हो सकता है रिफंड, जानें पूरा नियम

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बैंक फ्रॉड होने पर ये तरीका अपनाया तो 100% पैसा हो सकता है रिफंड, जानें पूरा नियम
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How to get money back from cyber crime : आप भी बैंक में पैसे जमा रखते हैं. जाहिर है आजकल ज्यादातर लोग घर में कैश रखने की जगह बैंकों में पैसे रखने को सुरक्षित मानते हैं. और ये पैसे सुरक्षित भी हैं. लेकिन साइबर क्रिमिनल की नजर आपके हर बैंक खाते पर है. हर डिजिटल पेमेंट पर है. हजारों किलोमीटर दूर जंगल में रहकर भी ये साइबर क्रिमिनल किसी के बैंक खाते से पल भर में पैसे गायब कर सकते हैं.

कई बार हमारी लापरवाही का वो फायदा उठाते हैं. तो कई बार बैंक या किसी डिजिटल पेमेंट कंपनी की तरफ से बरती गई लापरवाही से भी फायदा उठाते हैं. लेकिन लापरवाही चाहे किसी की भी हो पर नुकसान तो हमलोगों का ही होता है.

ऐसे में ये जानना बेहद जरूरी है कि क्या कोई ऐसी जानकारी है जिसके जरिए अगर कोई बैंक फ्रॉड हो जाए तो भी खाते में पैसे वापस आ जाएं.

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लिहाजा, वो 3 जरूरी बातें जिसके जरिए आप बैंक फ्रॉड होने के बाद पूरे पैसे वापस पा सकते हैं. बैंक फ्रॉड हुए पैसे आपको 100 प्रतिशत भी मिल सकते हैं. लेकिन इसके लिए कुछ जरूरी नियम व शर्तें भी हैं. जिसे जानने के बाद ही आपके पूरे पैसे रिफंड हो सकते है.

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बैंक खाते से पैसे निकल जाएं तो ये 3 तरीके अपनाएं…

1 – ठगी होने के 3 दिनों में कराई शिकायत तो 100% रिफंड

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बैंक फ्रॉड होने पर क्या करें (Bank Fraud Hone Par Kya Kare) : अगर आपके बैंक खाते से पैसों की ठगी हो जाए तो सबसे पहले जरूरी है कि आप तुरंत शिकायत दर्ज कराएं. दरअसल, अगर ठगी के 3 दिनों के भीतर ही आपने बैंक में शिकायत दर्ज करा दी तो आपको पूरे पैसे वापस हो सकते हैं.

आपको बता दें कि यहां 3 दिन का मतलब वर्किंग-डे यानी कामकाजी दिनों से है. अगर मान लीजिए कि शनिवार को आपके साथ फ्रॉड हुआ तो इसमें रविवार को छुट्टी वाला दिन काउंट नहीं होगा.

बैंक अधिकारी बताते हैं कि अगर आपने तीन दिनों के भीतर शिकायत दर्ज कराई है तो बैंक 10 दिनों के भीतर आपके पूरे पैसे लौटा देगा. हालांकि, ये पैसे सीधे आपके अकाउंट में क्रेडिट नहीं होगा बल्कि ये शेडो क्रेडिट होगा. मसलन, इसे अकाउंट में क्रेडिट होने में अधिकतम 90 दिनों का भी समय लग सकता है या इससे कम भी.

लेकिन इसमें एक शर्त ये है कि ये फर्जीवाड़ा आपकी तरफ से बरती गई कोई लापरवाही की वजह से ना हुआ हो. मान लीजिए आपने खुद ही साइबर फ्रॉड को बैंक अधिकारी या कुछ और समझकर बैंक डिटेल्स, एटीएम कार्ड डिटेल, ओटीपी या फिर अन्य कोई जानकारी शेयर की है तब बैंक पैसे वापस नहीं करेगा.

2- ठगी के 3 दिन बाद या 4-7 दिनों में की शिकायत तो इतनी मिलेगी रकम

इस बारे में बैंक अधिकारी पुरुषोत्तम शर्मा बताते हैं कि RBI के निर्देश के मुताबिक, अगर बैंक खाते से हुई धोखाधड़ी की रिपोर्ट कराने में 3 दिनों की देरी हो जाती है लेकिन आपने 4 से 7 दिनों के भीतर शिकायत कर दी है तो भी बैंक पैसे लौटाएगा. लेकिन 100 प्रतिशत पैसे वापस नहीं होंगे. इसके बजाय ग्राहक को 25 हजार रुपये तक का नुकसान उठाना पड़ सकता है. 3 दिनों से ज्यादा देरी होने पर बैंक कुछ और भी नियम-शर्तें लागू कर सकता है.

3 - सात दिन बाद की शिकायत तो फिर ये होगा

ये बेहद जरूरी है कि बैंक फ्रॉड होने के 7 दिनों के बाद अगर आपने शिकायत दर्ज कराई तो आपको पैसे वापस मिलने की उम्मीद छोड़नी पड़ सकती है. क्योंकि इसके लिए नियम ये है कि बैंक का एक बोर्ड तय करेगा कि ग्राहक के पैसे लौटाएं जाएं या नहीं.

इसमें ये भी है कि ठगी की रकम चाहे लाखों रुपये हो या करोड़ों, फिर भी बैंक की अधिकतम देनदारी 10 हजार रुपये तक की ही होगी. इसके लिए पुलिस में एफआईआर की भी जरूरत पड़ेगी.

अगर आपने की ये लापरवाही तो नहीं मिलेंगे पैसे

खुद से बताया OTP : आपको ये जानना भी जरूरी है कि बैंक से ठगी हो चुके पैसे तभी मिलते हैं जब ठगी के दौरान आपने कोई लापरवाही नहीं बरती हो. जैसे कई बार साइबर ठग आपको कोई लालच देकर या कोई बहाना बनाकर ओटीपी पूछ लेते हैं. इसके बाद पैसे निकाल लेते हैं। अगर ऐसी लापरवाही आपने भी बरती है तो ऐसे में बैंक पैसे लौटाने के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

रिमोट ऐप यूज किया : आजकल साइबर क्रिमिनल लोगों को झांसे में लेकर रिमोट ऐप डाउनलोड करा लेते हैं. खासतौर पर तीन रिमोट ऐप Ani Desk, QS (Quick Support) और Team Viewer. इन तीनों ऐप को डाउनलोड करते ही उसके यूनिक कोड जनरेट होता है.

अगर इस कोड को आपने किसी को बता दिया तो आपके फोन का एक्सेस साइबर क्रिमिनल के पास चला जाता है. जिसके बाद वो आसानी से आपके बैंक खाते से पैसे निकाल लेते हैं. इसलिए ये लापरवाही भी की तो बैंक जिम्मेदार नहीं होगा.

सिमकार्ड क्लोनिंग-कार्ड ब्लॉक : आजकल साइबर क्रिमिनल सिम क्लोनिंग के जरिए भी बैंक खाते खाली कर रहे हैं. दरअसल, ये ठग आपके फोन नंबर को बंद होने का झांसा देते हुए एक मैसेज भेजते हैं. इसे देखते ही अगर आप डरकर उनसे संपर्क करते हैं तो जालसाज कुछ वेरिफिकेशन कोड मांगने का झांसा देकर वे आपके सिम को ही क्लोन कर लेते हैं.

इसके बाद उस मोबाइल नंबर से एक्टिवेट बैंक खातों से पैसे निकाल लेते हैं. इसी तरह से कई बार डेबिट कार्ड ब्लॉक करने के नाम पर भी ठग आपको शिकार बनाते हैं. अगर ऐसा भी होता है तो बैंक ठगी के रकम को लौटाने के लिए जिम्मेदार नहीं होता है.

ऐसे भी हो रही है ऑनलाइन ठगी, रहें अलर्ट

  • बैंक खाता, एटीएम या क्रेडिट कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करने या केवाईसी के बहाने ओटीपी पूछ कर फर्जीवाड़ा

  • कार्ड को अचानक ब्लॉक बता या फिर नए ऑफर के साथ पुराने कार्ड को रिन्यू कराने के नाम पर OTP पूछकर ठगी

  • एटीएम बूथ में हिडन कैमरा और स्किमर डिवाइस लगाकर डेबिट कार्ड की डिटेल लेकर फर्जीवाड़ा करना

  • ठग बैंक या थर्ड पार्टी की मिलीभगत से डुप्लिकेट कार्ड या चेकबुक जारी कराकर फर्जी साइन के जरिए भी करते हैं फ्रॉड

  • आजकल साइबर फ्रॉड बैंक के नाम से कोई लिंक भेजकर ऑनलाइन फॉर्म भरवा ले लेते हैं डिटेल फिर करते हैं ठगी

इन बातों का रखें ध्यान

  • अगर आप एटीएम कार्ड या क्रेडिट कार्ड लेते हैं तो फोन बैंकिंग जरूर अपडेट करें और अपना फोन नंबर अपडेट रखें।

  • फोन बैंकिंग अपडेट नहीं होने पर फर्जीवाड़ा होने पर आपको रिटर्न मिलने में बड़ी दिक्कत हो सकती है।

  • खुद ओटीपी नंबर या कार्ड की डिटेल शेयर नहीं करें। अगर फ्रॉड हो जाए तो 3 दिन में बैंक में शिकायत करें।

  • आप हमेशा बैंक में लगे एटीएम बूथ से ही पैसे निकाले और यह भी देखें कि वहां सिक्योरिटी रहती हो।

  • गूगल से कस्टमर केयर का नंबर नहीं निकालें, क्योंकि ठग अपने नंबर को अपलोड कर लोगों को बना रहे हैं शिकार

  • ANI DESK, QS, TEAM VIEWER जैसे रिमोट ऐप को कभी डाउनलोड ना करें और ना ही किसी झांसे में आएं

इन सवालों को ऐसे समझें

बैंक फ्रॉड होने पर क्या करें? तुरंत बैंक की आधिकारिक वेबसाइट से टोल फ्री नंबर या बैंक पासबुक या कार्ड पर लिखे नंबर पर कॉल कर शिकायत दर्ज कराएं. गूगल पर सर्च करके कभी नंबर नहीं निकालें. यहां से फ्रॉड हो सकता है.

साइबर क्राइम होने पर क्या करें? ऐसी घटना होने पर गूगल पर तुरंत कोई नंबर तलाश कॉल करने के बजाय टोल फ्री नंबर 155260 पर कॉल कर समझ लें.

फर्जी कॉल आने पर क्या करें? ये बात जान लीजिए बैंक अधिकारी कभी भी कॉल नहीं करते. उन्हें ये अधिकार नहीं है कि वो कॉल कर आपसे कोई जानकारी मांगे. बैंक वाले कई बार ईएमआई बाउंस होने या फिर कोई बड़ा अमाउंट के ट्रांजैक्शन को लेकर ही आपको फोन कर सकते हैं.

साइबर क्राइम का टोल फ्री नंबर क्या है? 155260 ये है साइबर क्राइम टोल फ्री नंबर.

155260 किसका नंबर है? ये साइबर क्राइम की शिकायत और जानकारी पाने के लिए भारत सरकार की तरफ से जारी टोल फ्री नंबर है.

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