आदिपुरुष फिल्म के विवाद की ये है असली वजह
Adipurush Film Contro: मनोज शुक्ला उर्फ मनोज मुंतशिर की फिल्म आदि पुरुष को लेकर छिड़ा विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा। आलम ये है कि फिल्म के रिलीज होने के बाद से ही हर रोज कोई न कोई नया बखेड़ा खड़ा हो जाता है।
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Adipurush Film Contro: इन दिनों आदिपुरुष फिल्म की चर्चा चारो तरफ है। करोड़ों रुपये की लागत से बनी इस फिल्म के रिलीज होने के साथ ही विवादों की झड़ी लग गई। इस फिल्म के जितने टिकट अभी तक नहीं बिके उससे ज्यादा तो कमेंट सोशल मीडिया पर इस फिल्म की बुराई करके फिल्म का टिकट कैंसल करने वालों के पोस्ट नज़र आने लगे हैं।
दरअसल इस फिल्म को पौराणिक महाकाव्यों में से एक रामायण से जोड़कर देखा जा रहा है, और सारा विवाद फिल्म के किरदार और डायलॉग्स को लेकर हो रहा है। इस फिल्म के रिलीज होने के साथ ही फिल्म की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल क्या हुए कई जगहों पर फिल्म को लेकर विरोध के सुर सिर उठाने लगे।
असल में इस फिल्म में कहानी के स्तर और डायलॉग में इस्तेमाल की गई भाषा को लेकर सबसे ज़्यादा विवाद खड़ा हो रहा है। असल में इस पौराणिक कथा के साथ इस देश के ज़्यादातर लोगों की भावनाएं जुड़ी हुईहैं। रामायण को भारत में बड़ी श्रद्धा के साथ देखा सुना और पढ़ा जाता है। और इस महाकाव्य के तमाम किरादारों की जनमानस में एक अलग अहमियत है। उन्हें किसी न किसी रूप में आदर्श भी माना जाता है। ऐसे में फिल्म निर्माताओं ने जिस तरह से इस फिल्म का निर्माण किया और फिल्म के पात्रों का जो स्वरुप सिनेमा में दिखाया गया वो लोगों के गले नहीं उतर रहा है। हालांकि बताया यही जा रहा है कि इस फिल्म का बजट 500 से 600 करोड़ रुपये के बीच है, लेकिन फिल्म का स्तर से लोगों को बहुत मायूसी हुई है।
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दावा यही किया जा रहा है कि हिन्दुस्तानी सिनेमा के इतिहास में ये सबसे महंगी फिल्म है। इस फिल्म का निर्देशन ओम राउत ने किया जबकि इस फिल्म में मुख्य भूमिका दक्षिण भारत के सुप्रसिद्ध सुपर स्टार प्रभाष ने निभाई और उनके साथ हिन्दी सिनेमा की एक्ट्रेस कृति सैनन हैं। फिल्म में सैफ अली खान रावण की भूमिका में दिखाए गए हैं।
दरअसल फिल्म पर विवाद होने की एक सबसे बड़ी वजह ये भी मानी जा रही है कि इस फिल्म से लोगों ने जो उम्मीद लगाई थी उसका पूरा न होना। बताया जा रहा है कि कहानी का प्रस्तुतिकरण लोगों की निराशा की एक सबसे बड़ी वजह है। इसके अलावा फिल्म के किरदार जिस तरह की भाषा इस्तेमाल कर रहे हैं वो बेहद मामूली और सड़क छाप है। जो रामायण के पात्रों और उनकी हिन्दुस्तानी जनमानस में बनी छवि के आधार पर मेल नहीं खाती। फिल्म के डायलॉग्स और गीत मनोज मुंतशिर शुक्ला ने लिखे हैं। और उन्होंने फिल्म के रिलीज होने के बाद अपने लिखे डायलॉग्स को सही ठहराकर एक तरह से उन लोगों को चुनौती दी है जो इस फिल्म के बारे में अपनी राय रख रहे हैं। जो कि फिल्म के निर्माताओं को रास नहीं आ रहे।
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असल में हिन्दुस्तान में करीब 40 साल पहले रामानंद सागर ने रामायण सीरियल बनाया था जिसके पात्रों को आज भी उसी नज़र से देखा जाता है। वो सीरियल भाषा और प्रस्तुतिकरण के हिसाब से इस फिल्म से बहुत अलग है। लेकिन लोगों ने इस फिल्म की तुलना उसी रामायण सीरियल से करनी शुरू कर दी। जाहिर है कि लोगों की अपेक्षा के पैमाने पर ये फिल्म पूरी तरह से खरी उतरती नहीं दिखाई पड़ रही है।
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असल में इस फिल्म का टीजर यानी ट्रेलर पिछले साल दशहरे के दौरान ही अयोध्या में रिलीज हुआ था और तभी से ये फिल्म विवादों में घिरनी शुरू हो गई थी। दरअसल लोगों ने लुक के तौर पर प्रभाष को मूंछों वाले राम और दाढ़ी वाले हनुमान के तौर पर तो बर्दाश्त कर लिया लेकिन दशानन के तौर पर रावण के लुक को लेकर लोगों ने बहुत आपत्ति दर्ज की है।
इसके आलावा इस फिल्म के सड़क छाप डायलॉग ने भी लोगों को बुरी तरह से निराश किया है।
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