30 लाख का कर्ज, पत्नी और बेटे का क़त्ल, लोन कंपनियों से तंग व्यापारी ने घर में किया डबल मर्डर, जान देने की कोशिश

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जांच में जुटी पुलिस
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ग़ाज़ियाबाद से मयंक गौड़ की रिपोर्ट

Ghaziabad Crime News: इस तेज रफ्तार भागती दुनिया  के साथ कदम से कदम मिला कर भागने के चक्कर में हम सब कहां और किधर भाग रहे हैं कभी सोचा है आपने? ख्वाहिशों का गुलाम बन कर हर ख्वाहिश को पूरी करने के चक्कर में कहीं हम और आप भी अपने पांव चादर से बाहर तो नहीं निकाल रहे? आज से कई बरस पहले मशहूर शायर मिर्ज़ा ग़ालिब ने सच ही कहा था कि हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी कि हर ख्वाहिश पे दम निकले, बहुत निकले मेरे अरमान फिर भी कम निकले। 

हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी कि हर ख्वाहिश पे दम निकले

कहते हैं कि इंसान की एक ख्वाहिश पूरी होती नहीं कि दूसरी जाग उठती है। और फिर इन्हीं जायज़-नाजायज़ ख्वाहिशों को पूरी करने के चक्कर में कब उसका पांव चादर के बाहर निकल जाता है उसे पता ही नहीं चलता। और जब पता चलता है तब तक काफी देर हो चुकी होती है। फिर अंजाम कुछ इसी तरह सामने आता है जो दहला देता है।  

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कर्ज का दिल दहला देने वाला अंजाम

गुरुवार को को देश की राजधानी से सटे गाजियाबाद में लोगों ने आंखें खोली ही थीं कि तभी पूरे शहर को झकझोर देने वाली एक दर्दनाक खबर ने दस्तक दे दी। वक्त, हालात, नसीब और ख्वाहिशों ने एक हंसते-खेलते परिवार को मौत के आगोश में पहुंचा दिया था। दरअसल 42 साल का अमरदीप गाजियाबाद के महिंद्रा एन्क्लेव में अपने परिवार के साथ रहता है। उनके परिवार में पत्नी सोनू और 10 साल का बेटा विनायक था। 

बर्बाद हो गया हंसता खेलता परिवार

अमर का छोटा सा हंसता खेलता परिवार था। इस परिवार को अचानक ना जाने किसकी नजर लग गई। गुरुवार दोपहर अमर ने हिमाचल प्रदेश में अपने भाई नवदीप को फोन किया कि उसके ऊपर किसी ने जानलेवा हमला कर दिया है। इतना कहते ही अमर का फोन कट गया। गाजियाबाद से सैंकड़ो किलोमीटर दूर बैठा नवदीप परेशान हो गया लगातार अमर को कॉल लगाता रहा लेकिन फोन नहीं उठा। 

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पूरे में खूनी मंज़र, दो लाश

परेशान हाल नवदीप ने गाजियाबाद में रहने वाली अपनी चाची को फोन किया। चाची संगीता हांफते कांपते अमर के घर पहुंची। मेन गेट खोला तो घर का दरवाजा अंदर से बंद था। इसके बाद संगीता ने पड़ोसियों की मदद से दरवाजा तोड़ा तो घर में दाखिल होते ही संगीता की चीख निकल गई। घर के अंदर अमर, उसकी पत्नी सोनू और बेटा विनायक लहूलुहान पड़े थे। पत्नी सोनू शर्मा और बेटे विनायक का शव बिस्तर पर पड़ा था।  

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पत्नी और बेटे की बिस्तर पर लाश

अमरदीप जमीन पर पड़ा कराह रहा था उसकी सांसे चल रही थीं। संगीता ने तुरंत पुलिस को खबर दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने पाया कि अमर तो जिंदा था लेकिन उसकी पत्नी और बेटे की मौत हो चुकी थी। पुलिस को घर से एक सुसाइड नोट भी मिला है। जिसमें 30 लाख का रुपए का लोन लेने की बात कही गई है। शुरुआती जांच में पता चला है कि अमरदीप जिस घर मे रहता था लो उसके पिता के नाम पर था। 

कर्ज न चुकाने के कारण घटना को दिया अंजाम

बताया जा रहा है कि इसी घर के बदले उसने 30 लाख का लोन लिया था और परिजनों को ये बात नहीं बताई थी। पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक जांच से पता चला कि अमरदीप शर्मा पर कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा था। जिसकी वजह से वह डिप्रेशन में चला गया था। पुलिस अफसरों के मुताबिक शुरुआती जांच में कर्ज चुकाने में नाकाम रहने पर पत्नी और बेटे की हत्या कर खुदकुशी की कोशिश का मामला लग रहा है।

पति की भी हालत नाजुक

घर से बरामद सुसाइड नोट में शर्मा ने अपनी पत्नी सोनू शर्मा (36) और बेटे विनायक (11) की हत्या के लिए ईश्वर से क्षमा मांगी है। डीसीपी (सिटी) ज्ञानंजय सिंह ने बताया कि अमरदीप ने अस्पताल में अचेत अवस्था में पुलिस के सामने अपना अपराध स्वीकार किया है। अफसरों के मुताबिक पुलिस टीम इस मामले में कुछ अन्य सुराग तलाश रही है और अमरदीप के सामान्य स्थिति में वापस आने पर ही इस मामले की वास्तविक स्थिति का पता चल सकेगा। 

हिमाचल का रहनेवाला है परिवार

पुलिस इस अपराध में इस्तेमाल हथियार खोजने की कोशिश कर रही है। एक ही वक्त में एक ही परिवार के दो लोगों की लाशें मिलने से पुलिस के साथ-साथ हर कोई सन्न था। पुलिस तब तक उलझन में है कि मामला कत्ल का है या फिर खुदकुशी का? उलझन ये भी कि पहले सोनू की मौत हुई या फिर उसके बेटे विनायक की हत्या की गई? फिलहाल पुलिस के पास कई सवालों के जवाब फिलहाल नहीं है।

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