रूस में भाड़े के सैनिकों की बगावत, पुतिन का तख्ता पलटने की साजिश हुई नाकाम

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रूस में भाड़े के सैनिकों की बगावत से मची दहशत
रूस में भाड़े के सैनिकों की बगावत से मची दहशत
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wagner mutiny: रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच एक ऐसी खबर सामने आई जिसे सुनकर पूरी दुनिया हैरत में पड़ गई। ये खबर सामने आई कि रूस के लिए लड़ाई लड़ रही भाड़े की सेना ने बगावत कर दी और एक रूसी शहर पर कब्जा तक कर लिया। जिस सेना ने रूस के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंका उसे दुनिया वैगनर ग्रुप के नाम से जानती है। बैगनर ग्रुप की इस हरकत ने पूरे रूस में हड़कंप मचा दिया। आलम ये हो गया कि रूस में हालात बेकाबू हो गए। ये खबर जैसे ही सामने आई तो सोशल मिडिया में तो जैसे तूफान सा खड़ा हो गया। हर कोई इस खबर की असलियत और गहराई को समझने के लिए दनादन सोशल मीडिया के अलग अलग हिस्सों को खंगालने लगा। विदेशी मीडिया की वेबसाइट्स पर भी ताबड़तोड़ हिट्स आने लगे। क्योंकि पूरी दुनिया की निगाह इस बात के लिए लगी हुई थी कि अगर विद्रोह की इस बात में सच्चाई है तो रूस में हालात वाकई बद से बदतर हो सकते हैं और ऐसे में दुनिया के सामने तबाही के नए नए मंजर के ख्याल आने लगे। 

रूस में भाड़े के सैनिकों ने की बगावत

पुतिन के बयान से तस्वीर साफ

इसी बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सामने आकर जो बयान दिया उसने साफ कर दिया कि हालात वाकई संगीन और बेहद नाज़ुक हैं। खबर खुली कि वैगनर ग्रुप का मुखिया येवगेनी प्रिगोझिन की अगुवाई में भाड़े के सैनिकों की टोली ने रूसी सेना के लिए सबसे अहम कहे जाने वाले दक्षिणी सैन्य मुख्यालय पर कब्जा करने का दावा कर दिया। इतना ही नहीं प्रिगोझिन ने खुद रोस्तोव में रूसी सेना के मुख्यालय में होने का दावा करके रूसी सेना के शीर्ष कमांडरों को मिलने के लिए अपने पास आने का फरमान जारी कर दिया। 

विद्रोह दबाने के लिए बुलाई बैठक

ये खबर जैसे ही मास्को पहुँची तो चारो तरफ हड़कंप मच गया। खुद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने विद्रोह को दबाने के लिए एक आपात बैठक बुलाई को रूस के साथ विद्रोह करने वालों को अंजाम भुगतने की धमकी तक दे डाली। इतना ही नहीं रूसी सेना ने मॉस्को समेत देश के कई बड़े शहरों की सुरक्षा को मजबूत कर दिया। कई घंटों की मशक्कत और हवा में गर्मी पैदा करने वाली इस खबर को उस वक्त ठंडा किया गया जब रूसी रक्षा मंत्रालय का बयान सामने आया। बयान में कहा गया था कि वैगनर ग्रुप के कई लड़ाकों को अपनी गलती का अहसास हो चुका है। हम उनके स्थायी बेस तक पहुँचने का भरोसा दे रहे हैं। 

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प्राइवेट आर्मी का दो शहरों पर कब्जा

हुआ ये था कि रूस की प्राइवेट आर्मी कहलाने वाली वैगनर ने वोरोनेज और रोस्तोव शहर पर कब्जा करके क्रेमलिन को ये चुनौती दे दी कि वो अब तब तक इस युक्रेन युद्ध का हिस्सा नहीं बने रहेंगे जब तक उनकी कुछ जरूरी बातों को नहीं मान लिया जाता। उल्टे वैगनर ग्रुप की तरफसे ये भी कहा गया था कि उनके मुखिया से बात करने के लिए मॉस्को से खुद रूसी सेना के शीर्ष कमांडर उनके पास पहुंचे। अन्यथा वो खुद मास्को की तरफ कूच कर सकते हैं। 

रूस में दौड़ गई बिजली

इसके अलावा वैगनर ग्रुप की तरफ से दावा किया गया कि रूसी सेना के लिए बेहद अहम दक्षिणी सैन्य मुख्यालय के दो अहम शहरों बोरोनेज और रोस्तोव शहर पर उनका कब्जा है और ये कब्जा तब तक रहेगा जबतक उनके मुखिया से मिलने या बातचीत करने सेना से शीर्ष कमांडर वहां नहीं पहुंचेंगे। इस खबर के फैलते ही पूरे रूस में बिजली जैसी दौड़ गई। इसके बाद तो दक्षिणी मुख्यालय के शहरों को जाने वाले रास्तों पर सेना के वाहन और टुकड़ियों के दस्ते तेज रफ्तार से दौड़ते दिखाई देने लगे। 

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व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंकने वाले वैगनर ग्रुप के मुखिया येवगेनी प्रिगोजिन

सैनिकों का बड़े हिस्से पर कब्जा

शहर के बाशिंदों को रुसी सेना और वैगनर ग्रुप के सैनिकों की चहलकदमी से दहशत होने लगी क्योंकि वैगनर ग्रुप अपनी खूंखार युद्ध शैली के लिए बदनाम है। और जिस अंदाज में उसने रूसी सेना और क्रेमलिन को धमकी दी थी उससे यही अहसास हो रहा था कि लगता है कि भाड़े के सैनिकों ने रूस के बड़े हिस्से में कब्जा करने के बाद मॉस्को में राष्ट्रपति पुतिन का तख्ता पलट करने की तैयारी कर ली है। 

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रूसी वायुसेना का हमला

मॉस्को की तरफ मार्च करने की कोशिश कर रहे वैगनर ग्रुप को रास्ते में रोकने की कोशिश में रूसी वायूसेना ने हाईवे पर हमला तक किया था। इसी बीच बेलारूस के राष्ट्रपति ने सुरक्षा की गारंटी के साथ वैगनर ग्रुप की रफ्तार को रोकने की कोशिश की और मॉस्को मार्च को रोकने का प्रस्ताव किया। वैगनर ग्रुप के मुखिया येवगेनी प्रिगोजिन ने बेलारूस के राष्ट्रपति का प्रस्ताव मान लिया। 

रूस के दो बड़े शहरोंं पर वैगनर के कब्जा करने का दावा था

येवगेनी प्रिगोजिन के खिलाफ देश द्रोह का मामला

हालांकि इस सुलह समझौते से पहले रूस में येवगेनी प्रिगोजिन के खिलाफ देश द्रोह का मामला दर्ज हो गया था और उन्हें गिरफ्तार करने के आदेश भी दे दिए गए थे। अब सवाल उठता है कि रूस के लिए येवगेनी प्रिगोजिन और भाड़े के फौजियों का वैगनर ग्रुप क्यों इतना अहम है। असल में वैगनर ग्रुप ने यूक्रेन में जंग हारती जा रही रूसी सेना की तरफ से लड़ते हुए बीते पांच महीनों के दौरान यूक्रेन के दो शहरों को जीता है। लेकिन पिछले कुछ अरसे से वैगनर ग्रुप लगातार रूसी सेना से कुछ खास किस्म के हथियार और अधिकार की मांग कर रहा था। इसी बीच वैगनर ग्रुप ने जब मिलिट्री बेस के लिहाज से अहम दो रूसी शहरों के पास अपना सिक्का मज़बूत कर लिया तो ये बगावती तेवर दिखाए। 

मिलिट्री बेस पर हुआ था कब्जा

असल में जिन दो मिलिट्री बेस के आस पास वैगनर ग्रुप का कब्जा था वहां से यूक्रेन जंग के लिए हर तरह के लॉजिस्टिक, यानी सेना के हथियार, गोला बारूद और रसद मुहैया करवाई जाती है। बस इसी लिए वैगनर का सिक्का मज़बूत लग रहा था जबकि उसके आगे रूस मजबूर नजर आने लगा। लेकिन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपनी चौतरफा चालों की वजह से इस बगावत को पूरी तरह से सिर उठाने से पहले ही दबा दिया। 

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