कोटा में एक छात्रा की किडनैपिंग का हैरतअंगेज सच, राजस्थान से दिल्ली तक हिल गया 'सिस्टम'

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KOTA STUDENT KIDNAPPING CASE: बीते कुछ अरसे में ऐसा माहौल सा बन गया है कि कोटा का नाम सुनते ही एक ही बात जेहन में आती है। की कहीं फिर किसी छात्र या छात्रा ने अरमानों और हसरतों को बोझ तले दबकर  खुदकुशी तो नहीं कर ली। ये शायद हिन्दुस्तान का वो इलाका है जहां के मकानों में लोग नहीं बल्कि सपने और हसरतें सांस पलती हैं। लेकिन अक्सर कोटा से अब ऐसी खबरों सामने आने लगी हैं जो एक ही झटके में उम्मीदों को चकनाचूर कर देती है। पिछले दिनों एक छात्रा के किडनैपिंग की खबर सामने आई थी और देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वो सनसनीखेज वाकया वायरल हो गया। उस खबर के साथ 30 लाख रुपये की फिरौती का भी जिक्र था। साथ में एक तस्वीर थी जिसमें छात्रा को रस्सियों से बांधा हुआ था। फिरौती की चिट्ठी में येभी लिखा था कि अगर बच्ची की सलामती चाहते हो तो 30 लाख रुपये दे दो। 

दिल्ली के सियासी गलियारों तक सनसनी

इस खबर ने राजस्थान के कोटा से लेकर मध्य प्रदेश के शिवपुरी तक हड़कंप मचा दिया था। दिल्ली के सियासी गलियारों में भी उस किडनैपिंग केस की चर्चा होने लगी। अभी तक तो कोटा से खुदकुशी की ही खबरें सामने आ रहीं थी लेकिन अचानक चुनाव के माहौल के बीच किसी छात्रा के अगवा किए जाने की खबर ने सारे सिस्टम को झकझोर कर रख दिया। 

कोटा में छात्रा के किडनैपिंग की खबर से फैली थी सनसनी

बेटी की तस्वीरों से मचा हड़कंप

असल में मध्य प्रदेश पुलिस के पास एक शख्स ने ये कहते हुए शिकायत दी थी कि उन्हें उनकी बेटी की तस्वीरें मिली है जिसमें उसके हाथ पैर बंधे हुए थे। और फिरौती में 30 लाख रुपये मांगे गए थे। इसके बाद कोटा के विज्ञाननगर थाने में छात्रा की किडनैपिंग की रिपोर्ट दर्ज करवाई गई क्योंकि वो छात्रा नीट की तैयारी के सिलसिले में कोटा ही गई थी और वहां विज्ञाननगर में रह रही थी। 

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-हालात किस कदर संगीन हो गए थे कि एक पिता की शिकायत के बाद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा से इस मुद्दे पर बात की ...इतनी ही नहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पीड़ित परिवार को भरोसा दिलाया कि छात्रा को अपहरणकर्ताओं से चंगुल से बहुत जल्दी बचा लिया जाएगा-

कोटा की एसपी का सनसनीखेज खुलासा

इससे ये तो साफ हो गया कि ये शिकायत और इस खबर का कितना बड़ा और खौफनाक असर हुआ था जिसे सुनकर खुद सिस्टम तक सहम कर रह गया था।  लेकिन बुधवार खत्म होते होते कोटा की एसपी अमृता दुहन जिस सच के साथ सामने आईं उसने किडनैपिंग की उस खबर से भी ज्यादा लोगों को चौंका दिया। कोटा की एसपी ने बताया कि उस छात्रा का कभी अपहरण हुआ ही नहीं था। ये खबर बिजली की तेजी से कोटा से लेकर शिवपुरी तक फैल गई। लेकिन अब इस पूरे चक्रम में इंदौर का नाम भी सामने आया। क्योंकि लड़की की मोबाइल लोकेशन खंगालने पर वह इंदौर की मिली। 

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राजस्थान में अपहरण की शिकायत

पिता के अनुसार सोमवार को उन्हें व्हाट्सएप पर बेटी के फोटो भेजकर 30 लाख रुपए की फिरौती मांगी गई है। है। दरअसल शिवपुरी में बैराड़ के स्कूल संचालक रघुवीर धाकड़ की बेटी काव्य धाकड़ कोटा में रह कर पढ़ाई कर रही थी। रघुवीर धाकड़ ने अपनी 20 साल की बेटी काव्या को लेकर कोटा राजस्थान में अपहरण की शिकायत दर्ज करवाई थी। उन्होंने पुलिस को बताया कि अपहरणकर्ताओं ने वाट्सएप पर बेटी के हाथ-पैर व मुंह बंधे फोटो भेजे और 30 लाख रुपये मांगे। बदमाशों ने अकाउंट नंबर भी भेजा है। अपहरणकर्ताओं ने मंगलवार शाम तक का समय दिया। रघुवीर धाकड़ ने पुलिस को ये भी बताया कि करीब तीन साल पहले उसकी बेटी इंदौर रहकर पढ़ाई कर रही थी। तब पोहरी का एक लड़का उसे इंदौर में परेशान करता था जिसकी शिकायत उन्होंने पुलिस में की थी। तब पुलिस ने लड़के को पीटा भी था। इसके बाद उस लड़के ने काव्या का नंबर बदमाशों में बांट दिया। इसके बाद पिता ने बेटी को शिवपुरी वापस बुला लिया। शिकायत मिलते ही पुलिस जैसे ही एक्शन में आई तो मध्य प्रदेश से लेकर राजस्थान पुलिस को अलर्ट मोड में कर दिया गया था। 

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कोटा से 400 किमी दूर लड़की

कोटा की एसपी अमृता दुहन ने कहा कि जांच में जो सबूत सामने आए उससे यही पता चलता है कि लड़की के साथ कुछ नहीं हुआ। उसका कोई अपहरण नहीं हुआ। और जो कुछ पुलिस की तफ्तीश में पता चला उससे यही खुलासा होता है कि ये सब कुछ ड्रामा है। एसपी ने कहा कि जांच में पता चला कि लड़की कोटा से करीब 400 किलोमीटर दूर इंदौर में अपने दो दोस्तों के साथ रह रही थी। 

सामने आया फोटो का सच

अब सवाल उठता है कि अगर लड़की कोटा में नहीं थी और इंदौर में थी तो वो फोटो का क्या चक्कर है। तब पुलिस ने ये दावा किया कि ये ड्रामा इंदौर में ही छात्रा ने अपने दोस्त के किचन में रचाया और दोस्त ने ही छात्रा की तस्वीरें खींची थी और अपहरण की बनावटी स्क्रिप्ट भी उन्हीं तीनों दोस्तों ने मिलकर लिखी थी। 

हाथ पैर बंधे छात्रा की तस्वीर 

सात महीने से कोटा से लापता

पुलिस की तफ्तीश में ये बात खुल गई कि वो लड़की पिछले छह से सात महीनों से कोटा में नहीं थी और उसने शहर के किसी भी कोचिंग संस्थान या छात्रावास में प्रवेश नहीं लिया। जहां तक लड़की के माता-पिता को उसके इम्तिहानों में मिले अंकों के सिलसिले में मिले मैसेज की बात की छानबीन की गई तो खुलासा हुआ कि वे किसी भी कोचिंग संस्थान ने नहीं भेजे। 

फिरौती की रकम से विदेश भागने की प्लानिंग

अब सवाल उठता है कि आखिर ये सारा तमाशा क्यों। तब पुलिस ने दावा किया कि छात्रा ने अपने बॉयफ्रेंड के साथ अपहरण का नाटक इसलिए रचा था ताकि वो अपने परिवार से 30 लाख रुपये वसूल सके और उन रुपयों से वो अपने साथी के साथ विदेश जाना चाहती थी। क्राइम ब्रांच ने अपहरण की साजिश में शामिल एक छात्र को हिरासत में लिया तो ये सारा किस्सा सामने आ गया। मंगलवार शाम कोटा के विज्ञाननगर थाना पुलिस इंदौर पहुंची। वहां मध्य प्रदेश पुलिस की क्राइम ब्रांच के साथ मिलकर भंवरकुआं में मौजूद भोलाराम उस्ताद मार्ग में सिमरन ग्रुप हॉस्टल पर छापा मारा। इसी हॉस्टल में नीट का छात्र ब्रजेंद्र प्रताप अहिरवार रहता था। पुलिसवालों ने जब उसके हॉस्टल की तलाशी ली तो उसके कमरे और किचन को देखते ही उसे पहचान लिया क्योंकि उसी किचन में ही फोटो शूट हुआ था। छात्रा का रस्सी से बंधा जो फोटो उसके पिता को भेजा गया था, वह उसी कमरे में फिल्माया गया था। 

पुलिस की गिरफ्त में नीट का छात्र

पुलिस ने फोटो खींचने और भेजने में शामिल रहे ब्रजेंद्र प्रताप को हिरासत में ले लिया। पुलिस अब छात्रा और उसके दोस्त की तलाश कर रही है। कोटा की एसपी डा. अमृता दुहन के मुताबिक अपहरण का नाटक करने वाली छात्रा काव्या 3 अगस्त 2023 को अपनी मां के साथ कोटा आई थी। कोटा में उसने एक कोचिंग सेंटर में रजिस्ट्रेशन का फॉर्म भर बस लिया था और एक हॉस्टल में रहने का तय करके उसकी मां उसी दिन वापस शिवपुरी लौट गई थी। इसके बाद छात्रा पांच अगस्त तक कोटा में रही और फिर इंदौर चली गई। पुलिस ने जांच की तो यह स्पष्ट हो गया था कि छात्रा के साथ कोई अपराध नहीं हुआ है। 

मैनेजर ने देखा और भगा दिया

इंदौर की जो कहानी सामने आई उसके मुताबिक सागर का रहने वाला ब्रजेंद्र प्रताप पुत्र भूपत अहिरवार 20 फरवरी से हॉस्टल के रूम नंबर- 403 में रुका था। ब्रजेंद्र भी नीट का छात्र है। 14 मार्च को ब्रजेंद्र का दोस्त उसी लड़की काव्या के साथ हॉस्टल में आया था। तब तीनों एक ही रूम में रुके थे। ब्रजेंद्र ने हॉस्टल के मैनेजर को बताए बगैर छात्र-छात्रा को दूसरे रूम में ठहरा दिया था। 15 मार्च को मैनेजर ने उन्हें दूसरे रूम में देख पूछा तो ब्रजेंद्र ने कहा मेरे भाई-बहन हैं, परीक्षा देने आए हैं। इस पर मैनेजर ने आइडी कार्ड और दूसरे रूम के किराए के बिना उन्हें वहां ठहराने से इन्कार कर बाहर भेज दिया। 19 मार्च को दोनों फिर उसी होटल पहुंचे और मैनेजर मनोज से रूम मांगा, तब भी उन्होंने यही कहा कि उनकी परीक्षा चल रही है। एक महीने के लिए रूम चाहिए। 

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