कैसे कंडोम के पैकेट से सुलझी मर्डर मिस्ट्री? बेहद उम्दा जांच की मिसाल पेश की यूपी की अंबेडकर नगर पुलिस ने

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आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
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के के पांडेय के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट

UP Crime News : कंडोम के पैकेट के जरिए मिले सुराग से एक मर्डर मिस्ट्री को पुलिस ने सुलझा लिया है। हैरान करने वाला ये मामला यूपी के अंबेडरनगर जिले का है।

अंबेडकर नगर जिले के अंतर्गत बेवाना थाना के भीतरीडीह गांव में एक स्कूल में एक व्यक्ति का बीते 11 जून को शव बरामद हुआ। शव जली हुई अवस्था में था। मृतक की पहचान कर पाना बेहद मुश्किल हो रहा था। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और पहचान करने की कोशिशें तेज की। शव के आसपास पुलिस ने तलाशी ली तो उन्हें एक कंडोम का पैकेट बरामद हुआ। शुरुआत में पुलिस के लिए ये मामला अंधेरे में तीर चलाने जैसा था। उन्हें कोई क्लू नहीं मिल रहा था। न तो मृतक की पहचान हो पा रही थी और न ही कोई और सबूत मिल पा रहा था।

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पहले पता किया कि इस ब्रांड के कंडोम कहां कहां मिलते है ?

अब पुलिस के पास सिर्फ सबूत के तौर पर कंडोम का पैकेट था। जांच की गई तो पता चला कि इस ब्रांड के कंडोम दिल्ली एनसीआर में मिलते हैं। साथ में ये भी पता चला कि पश्चिमी यूपी में भी इस ब्रांड का कंडोम मिलता है। ये पता लगाया है कि इन कंडोम की यूपी के किन-किन जिलों में सप्लाई होती है। ये भी पता लगाने की कोशिश की गई कि ये कंडोम अंबेडकर नगर जिले की किन-किन केमिस्ट Chemist Shop और जनरल स्टोर General Store की दुकानों पर हाल फिलहाल में सप्लाई हुआ था।

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प्रतिकात्मक तस्वीर

ये भी पता किया गया कि हाल फिलहाल में किन-किन लोगों ने कंडोम खरीदा था। लेकिन ये कवायद भी पुलिस को क्लू नहीं दे रही थी, क्योंकि दुकानदारों से ये जानकारी निकाल पाना बेहद मुश्किल था, क्योंकि किसी भी दुकानदार को अपने ज्यादातर ग्राहकों के बारे में जानकारी नहीं होती है।

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मौका ए वारदात का डम्प डाटा निकाला

पुलिस ने जहां शव बरामद हुआ था, वहां का मोबाइल डम्प डाटा निकाला। ये पता चला कि मौके पर कितने नंबर इस्तेमाल हो रहे थे और इन सिम कार्ड्स के मालिकों का एड्रेस क्या है? इनकमिंग और आउट गोइंग काल्स का भी विश्लेषण किया गया। इन नंबरों की लोकेशनस का बारीकी से विश्लेषण किया गया। ये पता लगाया गया कि मौका ए वारदात पर कितने मोबाइल नंबरों की लोकेशन कितनी देर तक रही और कितने देर तक रहने के बाद उनकी मोबाइल लोकेशन बदल गई।

प्रतिकात्मक तस्वीर

कैसे चार नंबर पुलिस ने जीरो डाउन किए?

ये जांच की गई कि अंबेडकर नगर के आसपास के जिलों (जहां से कंडोम का सेमटूसेम ब्रांड बिकता था) के मोबाइल नंबरों की लोकेशन घटना के वक्त मौका ए वारदात पर कितनी देर तक रही। ये काफी बड़ा टास्क था, क्योंकि ऐसे कई नंबर थे, जिनकी लोकेशन मौका ए वारदात से होकर आगे निकल रही थी, लेकिन उनमें से ये पता लगाना कि ये नंबर हत्यारों के हो सकता है, बेहद जटिल काम था। पुलिस ने मृतक की मौत के अनुमानित समय और नंबरों के लोकेशन के समय का मिलान किया गया।

जिस वक्त ये घटना हुई। उस वक्त मौके ए वारदात पर सैंकड़ों नंबर चल रहे थे। हर मोबाइल की लोकेशन पल-पल बदल रही थी। कुछ नए मोबाइल लोकेशन मौका ए वारदात में Enter कर रहे थे और कइयों की लोकेशन EXIT कर रही थी। पुलिस ये पता लगाने लगाने लगी कि जिन एरिया में ये कंडोम मिलते हैं, वहां से किन-किन मोबाइल नंबरों की लोकेशन किस वक्त मौका ए वारदात की लोकेशन तक पहुंची। धीरे-धीरे जांच करते हुए ऐसे चार नंबरों का पुलिस को पता चला, जिनकी मौका ए वारदात पर सबसे ज्यादा देर तक लोकेशन रही।

पुलिस ने इन नंबरों की जांच की। इन नंबर के सिम कार्ड्स के एंड्रेस और मालिकों का पता लगाया। इनमें से एक नंबर बंद जा रहा था। पुलिस का शक और बढ़ गया।

 

चार नंबर सहारनपुर के निकले

 

ये चारों नंबरों के मालिक सहारनपुर के निकले। जब पुलिस उनके घर पहुंची तो पता चला कि चारों लोग सर्कस देखने गए थे। पुलिस ने तीनों आरोपियों को पकड़ लिया और सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने सारा राज उगल दिया।

मृतक का नाम अजब सिंह रंगीला निकला। पता चला कि उसका आरोपियों में से एक इरफान की बहन से प्रेम-प्रसंग था। ये बात आरोपी को नापसंद थी। वो बहाने से अजब को सर्कस दिखाने निकले। इस बीच आरोपियों ने अजब सिंह को शराब पिलाई और इसके बाद उसकी हत्या कर दी। आरोपियों ने उसकी जेब से सभी चीजें निकालीं और कंडोम का पैकेट मौके पर फेंक दिया। बस यही गलती आरोपियों को कानून के शिकंजे तक ले आई। 

Note : इस खबर में क्राइम तक में INTERNSHIP कर रही आरजु शर्मा (Twitter Handle: @AarzooSharma_) का भी इनपुट है।

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