अनुराधा को भा गया था काला जठेड़ी का 'दब्बूपन', लेडी डॉन की गिटिर पिटिर अंग्रेजी पर पूरी तरह से फिदा था 'गैंग्स्टर'

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काला जठेड़ी और अनुराधा ऐसे हुए दोनों एक दूसरे पर फिदा
काला जठेड़ी और अनुराधा ऐसे हुए दोनों एक दूसरे पर फिदा
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KALA JATHERI AND ANURADHA : सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफॉर्म पर इस समय काला जठेड़ी या अनुराधा चौधरी लिखिए.. सैकड़ों पेज खुद ब खुद खुल जाएंगे.. हैरानी ये जानकर हो जाती है कि एक्टर और एक्ट्रेस के साथ साथ देश के बड़े बड़े  नेताओं की तरह सोशल मीडिया पर इन गैंग्स्टरों के फैन पेज भी चलते हैं.. और उनके हज़ारों फॉलोअर्स हैं.. यूट्यूब पर तो इनके ऐसे ऐसे वीडियो भी मौजूद हैं कि एक बार को देखकर कोई भी दंग रह जाए कि ये असल ज़िंदगी की तस्वीरें हैं या किसी फिल्म का सीन..

संगीनों के साये में शादी

12 मार्च को लेडी डॉन अनुराधा और गैंग्स्टर काला जठेड़ी की शादी पूरे गाजे बाजे के साथ होने वाली है। ऐसी शादियां बहुत कम देखी होंगी जो संगीनों के साये में होती है। ये बात तो खुद काला जठेड़ी ने भी अपने सपने में नहीं सोची होगी कि उसकी शादी में कानून का पहरा होगा, और हिफाजत  का इंतजाम खुद पुलिस देख रही होगी। यानी रंगबाजी हो तो ऐसी। 

काला जठेड़ी को अनुराधा की फर्राटेदार अंग्रेजी बोलना भाता था

प्रेम कहानी की शुरुआत

काला जठेड़ी और अनुराधा इन दोनों की प्रेम कहानी की शुरुआत हुई थी करीब तीन साल पहले। साल 2020 में। और वो भी उस समय जब ये दोनों ही पुलिस से बचने के लिए भागे भागे घूम रहे थे। हालांकि दोनों एक दूसरे को जानते तो थे 2017 से। 

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किस बात ने बनाया मुरीद

काला जठेड़ी और अनुराधा की तस्वीर को देखकर कई लोगों के जेहन में ये ख्याल भी आही जाता होगा कि आखिर वो कौन सी बात थी जिसने दोनों को एक दूसरे का मुरीद बना दिया। एक दूसरे की वो कौन सी अदा थी जिसने एक दूसरे को एक दूसरे पर फिदा कर दिया। जबकि गैंग के तौर पर भी और वैसे भी दोनों का कहीं भी दूर दूर तक मेल जोल होने की कोई गुंजाइश नहीं दिखती। 

लेडी डॉन का बचपन

तो इसको जरा खुलकर समझ लेते हैं।राजस्थान के सीकर जिले में एक  गांव है अल्फासर। उसी गांव में अनुराधा का जन्म हुआ। बचपन से ही पढ़ाई लिखाई में होशियार अनुराधा को मां का प्यार बहुत कम उम्र तक ही हासिल हुआ। कॉलेज तक पहुँचने से पहले ही उसकी मां इस दुनिया से जा चुकी थी। जबकि पिता सरकार नौकरी में थे। अनुराधा को छोटे जानवर को पालने का भी शौक है, और उसके पास एक प्यारा खरगोश था, जिसका नाम उसने अपने ही घर के नाम पर रखा था मिंटू। मिंटू को अनुराधा बेपनाह प्यार करती थी।  और इत्तेफाक से जब वो कॉलेज में अपनी BCA की पढ़ाई कर रही थी उसी दौरान उसका साथ हुआ दीपक मिंज के साथ। पढ़ने लिखने में होशियार ये दोनों मिस्टर एंड मिसेज मिंज बन गए और पढ़ाई लिखाई पूरी करने के बाद शेयर मार्केट में दांव खेलने में एक्सपर्ट भी हो गए। कुछ ही महीनों के भीतर इन लोगों ने शेयर मार्केट से बेहिसाब पैसा कमाया। इनकी कमाई को देखकर कुछ लोग भी इनकी तरफ झुके और इनकी बनाई एक फर्म में पैसा लगाना शुरू कर दिया। लेकिन इसी बीच शेयर मार्केट के उतार चढ़ाव में इनकी तेज चलती नैया अचानक डगमगा गई और इनका करोड़ों रुपया डूब गया। इनके साथ साथ इन पर दांव खेलने वालों का भी पैसा डूब गया। जिसकी वजह से कुछ लोगों ने इन पर देनदारी का दावा ठोंका और पुलिस में एफआईआर लिखवा दी। 

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पुलिस ने नहीं सुनी

इतना ही नहीं अनुराधा से पैसा वसूली के लिए कुछलोगों ने गुंडे और बदमाशों का भी सहारा लिया जिसकी शिकायत लेकर वो कई बार पुलिस के पास गई मगर किसी पुलिसवाले ने उसकी एक नहीं सुनी। बल्कि उसके साथ कुछ ऐसी बातें हुईं जिसको लेकर अनुराधा के दिल से पुलिस की वर्दी का खौफ और इज्जत दोनों ही खत्म हो गई। 

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पुलिस ने अनुराधा की तब कोई मदद नहीं की जब उसने अपने हक में गुहार लगाई थी

गैंग्स्टर की एंट्री

अनुराधा अपनी लाइफ स्टाइल और रहन सहन की वजह से लोगों की नजरों में जल्दी चढ़ जाती थी। उस पर गैंग्स्टर राजू बसोदी की नजर पड़ी। राजू बसौदी के ही गैंग में काम करने वाले बलबीर बानूदा ने अनुराधा की बड़ी मदद की और राजू बसोदी के चंगुल में फंसने से पहले ही बलबीर बानूदा उसे लेकर राजस्थान में धड़ल्ले से अपना गैंग चलाने वाले आनंदपाल सिंह के पास लेकर पहुँच गया। 

आनंदपाल का साथ

अपने पास किसी लड़की को इस तरह बेधड़क आता देखकर पहले तो आनंदपाल चौंका। लेकिन जब अनुराधा ने उसके सामने अंग्रेजी में बोलना शुरू किया तो आनंदपाल उस पर पूरी तरह से लट्टू हो गया। अनुराधा का इस तरह आनंदपाल के पास जाना उसके पति दीपक मिंज को अच्छा नहीं लगा तो उसने अनुराधा को छोड़ दिया और अपराध की दुनिया से पूरी तरह से अपना नाता तोड़ लिया। लेकिन अनुराधा को आनंदपाल का साथ बहुत रास आ रहा था। 

रिवॉल्वर का शौक

अनुराधा को शुरू से ही बंदूकों और रिवॉल्वर चलाने का शौक था। लेकिन कभी उसने चलाया नहीं था। उसकी इस हसरत को आनंदपाल ने अच्छी तरह से हवा दी और उसे रिवॉल्वर के साथ साथ एक 47 जैसी राइफल को चलाने का स्वाद चखाया। 

शेयर मार्केट से पैसा पीटा

लेकिन शर्त ये रखी कि अनुराधा भी उसके लिए दो काम करेगी। एक तो आनंदपाल को अंग्रेजी बोलना सिखाएगी दूसरा उसके पैसों को शेयर मार्केट में लगाकर मुनाफा कमाएगी। अनुराधा ने ये काम बड़ी ही दिलचस्पी से किया और इसी वजह से दोनों और भी नजदीक आ गए। अनुराधा ने आनंदपाल का बड़ा पैसा शेयर बाजार में लगवाया और जमकर मुनाफा पीटा। सब कुछ सही ही चल रहा था। तभी 2017 में आनंदपाल को पुलिस ने बड़ी ही चालाकी से चुरू के एक मकान में घेरकर उसका एनकाउंटर कर दिया। 

आनंदपाल ने अनुराधा को रिवॉल्वर और बंदूक चलाना सिखाया

आनंदपाल के गैंग की सरगना

आनंदपाल की मौत के बाद लेडी डॉन बन चुकी अनुराधा ने आनंदपाल के गैंग की कमान अपने हाथों में ली और गैंग चलाने लगी। लेकिन जल्दी ही पुलिस ने उसे दबोच लिया। कुछ महीनों के बाद जेल से बाहर आने के बाद अनुराधा को फिर से किसी सहारे की जरूरत पड़ी। उसके सामने पैसों की भी तंगी थी और गैंग को संभालकर रखने की बड़ी जिम्मेदारी। तब उसके संपर्क में पंजाब का गैंग्स्टर लॉरेंस बिश्नोई आया। हालांकि लॉरेंस बिश्नोई का आनंदपाल सिंह के साथ 36 का आंकड़ा बन चुका था। 

पुलिसवाले ने बताया सच

आनंदपाल की मौत के बाद अनुराधा को गिरफ्तार करने वाले एक पुलिस अफसर ने अपना नाम न छापने की शर्त पर ही ये बात बताई कि आनंदपाल की मौत के बाद अनुराधा की जिंदगी लगभग खत्म ही हो गई थी। वो खुद भी डिप्रेशन का शिकार होती जा रही थी। लेकिन तभी लॉरेंस बिश्नोई तक उसकी ये खबर पहुँच गई और बिश्नोई उसकी मदद के लिए आगे आया। 

लॉरेंस ने ही भेजा था काला जठेड़ी

कहा जाता है कि लॉरेंस ने अनुराधा की हर मुमकिन मदद करने के लिए अपने सबसे खास संदीप उर्फ काला जठेड़ी को उसके पास भेजा। काला जठेड़ी यूं तो बड़ा ही दबंग है, मगर अनुराधा के सामने शुरू शुरू में वो भीगी बिल्ली बना रहता था। 

लॉरेंस बिश्नोई ने ही अनुराधा के पास भेजा था काला जठेड़ी को

अनुराधा की अंग्रेजी से डरा जठेड़ी

असल में काला जठेड़ी किसी ठेठ हरियाणवी लड़के की तरह फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाली लड़की से डरता था। क्योंकि एक तो अंग्रेजी उसके पल्ले पड़ती नहीं थी। दूसरा लड़की खुद भी गैंग चला रही थी, और तीसरी सबसे बड़ी वजह ये थी कि अनुराधा के पास उसे खुद उसके आका गैंग्स्टर लॉरेंस बिश्नोई ने भेजा था, लिहाजा किसी भी तरह की कोई शिकायत का मौका वो नहीं रखना चाहता था। 

जठेड़ी का 'दब्बूपन'

मगर काला जठेड़ी का अपने सामने दब्बू पना अनुराधा को बहुत पसंद आया। अनुराधा को संदीप उर्फ काला की ये बात बहुत अच्छी लगती थी कि वो बेशक अनुराधा के सामने दब कर रहता था लेकिन खुले में वो किसी को कुछ भी नहीं समझता था। और गोली चलाने और पुलिस को चकमा देने में वो उस्ताद था। 

कोरोना एक दूसरे के नजदीक ले आया

बस इस अदा ने दोनों को एक दूसरे के प्रति संजीदा कर दिया। दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगे। लेकिन अभी दोनों के बीच प्यार व्यार जैसी कोई बात नहीं थी। असल में दोनों के बीच प्यार पनपा साल 2020 में जब ये दोनों पुलिस से बचने के लिए भागे भागे घूम रहे थे। ये वही दौर था जब कोरोना महामारी की वजह से लोग एक दूसरे से दूर दूर जा रहे थे, मगर काला जठेड़ी और अनुराधा एक दूसरे के नजदीक आने लगे थे। जब लोग हाथ मिलाने से परहेज करते थे, तब इन दोनों ने वैली ऑफ फ्लॉवर में हाथों में हाथ डालकर न जाने कितने गीत गुनगुनाए। 

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