कत्ल से ठीक 1 हफ्ते पहले न्यू ईयर पर भी सूचना सेठ बेटे के साथ गोवा क्यों आई थी? उस संडे में भी छुपा था ये गहरा राज

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AI CEO Suchana Seth News : तो क्या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्टार्टअप की सीईओ सूचना सेठ न्यू ईयर पर ही कुछ बड़ा करने वाली थी. 31 दिसंबर को भी सूचना सेठ अपने बेटे को लेकर गोवा आई थी. फिर 4 जनवरी को वो बेंगलुरू लौट गई थी. असल में हर संडे को कोर्ट के आदेश पर सूचना सेठ को अपने 4 साल के बेटे को पिता से बेंगलुरू में मुलाकात करानी थी. लेकिन किसी ना किसी बहाने संडे वाले दिन सूचना सेठ बेंगलुरू से बाहर चली जाती थी. 31 दिसंबर को भी संडे का दिन था. उस दिन भी सूचना सेठ अपने बेटे के साथ बेंगलुरू से गोवा पहुंच गई थी और अपने पति को मैसेज पर बता दिया था कि उसकी तबीयत ठीक नहीं है. ऐसे में कुल मुलाकर उस संडे भी पिता-बेटे की मुलाकात नहीं हो पाई थी. अब अगले संडे से ठीक पहले 6 जनवरी यानी शानिवार को फिर से सूचना सेठ अपने बेटे को लेकर गोवा पहुंच गई. ताकी अगले संडे को भी वो उसकी मुलाकात पिता से ना करा सके. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इसके पीछे क्या वजह थी. 

31 को गोवा, 4 जनवरी को बेंगलुरू रिटर्न, फिर 6 को गोवा आई

गोवा पुलिस की जांच में ये जानकारी मिली है कि 31 दिसंबर को ही सूचना सेठ बेंगलुरू से गोवा पहुंच गई थी. फिर 4 जनवरी को लौटी और एक दिन बाद ही  6 जनवरी को फिर गोवा पहुंची थी. तब वो यानी सूचना सेठ ने उत्तरी गोवा के एक होटल में 10 जनवरी तक के लिए कमरा बुक कराया था. दर्ज एफआईआर के मुताबिक, सूचना सेठ और उनके बेटे ने 6 जनवरी की रात को होटल सोल के एक सर्विस अपार्टमेंट के कमरा नंबर 404 में चेक इन किया था. उन्होंने 10 जनवरी तक के लिए कमरा बुक किया था, लेकिन होटल के कर्मचारियों को बताया कि उन्हें जल्दी ही जाना पड़ रहा है. इसलिए  7 जनवरी यानी रविवार की रात करीब 9.10 बजे वह बेंगलुरु में जरूरी काम के चलते चेकआउट करना चाहती थीं. इस तरह देर रात में ही उस होटल से चेकआउट कर बैग में बच्चे की लाश लेकर सूचना सेठ कैब से ही निकल गई थी. 

फैमिली कोर्ट से हर संडे पिता-बेटे मिलने का था ऑर्डर

Suchana Seth News : बेंगलुरु की एक फैमिली कोर्ट ने वेंकटरमण को हर रविवार को अपने बेटे से मिलने की इजाजत दी थी, लेकिन पुलिस के मुताबिक, सूचना सेठ ऐसा नहीं होने दे रही थी. वेंकटरमन के वकील अज़हर मीर के मुताबिक, पिछले एक साल में बेंगलुरु फैमिली कोर्ट ने उनके मुवक्किल के पक्ष में बार-बार आदेश पारित किए हैं. अज़हर मीर ने कहा, “जब वह 31 दिसंबर को गोवा पहुंची, तो उसने अपने पति को बताया कि उनका बेटा अस्वस्थ है, इसलिए वह उसे उसके पिता से मिलने के लिए नहीं भेज सकती. उसके बाद फिर दो सप्ताह तक लगातार गोवा आने-जाने वाला ट्रैवल प्लान ये बताता है कि सूचना सेठ किसी कीमत पर नहीं चाहती थी कि उसका पति अपने बेटे से मिले.

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बेटा हमेशा मेरे साथ रहे, चाहे जिंदा या मुर्दा; क्या सूचना सेठ ने मर्डर में भी AI यानी कृत्रिम दिमाग का इस्तेमाल किया?

Suchana Seth News : वो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी कृत्रिम बुद्धि पर काम करती है. नाम सूचना सेठ. AI कंपनी की फाउंडर. लेकिन जिस आर्टिफिशियल बुद्धि को कंट्रोल में करके दुनिया को नई राह दिखाती है वो खुद के दिमाग पर कंट्रोल नहीं कर पाई और अपने ही बच्चे की कातिल बन गई. वो बच्चा जिसे अभी तो देश-दुनिया, पति-पत्नी, तलाक, जिंदगी और मौत का पता ही नहीं था. वो मासूम जिसे सिर्फ ये पता था कि प्यार तो शायद वो होता है जो मां-बाप मुझसे करते हैं. लेकिन वही प्यार कब खून का प्यासा हो जाएगा. शायद उसके दिमाग में ये सबकुछ कभी आया ही नहीं होगा. क्योंकि वो इंसानी बच्चा था. ना कि आर्टिफिशियल दुनिया का कृत्रिम दिमाग वाला कोई रोबोट. लेकिन जब पति-पत्नी का विवाद और अपने पति के प्रति एक बीवी की नफरत इतनी बेइंतहा हो गई कि उसकी जलन में सिर्फ एक मासूम को ही जलना लिखा था. और आखिर में वही मासूम उस इंसानी दिमाग और कृत्रिम दिमाग की लड़ाई के बीच में चारा बना. और जिसे कलेजे से लगाकर वो मां कभी सुलाती थी वही बच्चा उसी मां के साथ बिस्तर पर कई घंटों तक तो लेटा रहा, लेकिन उसकी सांसें खामोश थीं. आंखें बंद थीं. जिस्म बेजुबान थी. अगर कोई चीखती चिल्लाती आवाज थी भी तो वो सबकुछ उस मां के दिलोदिमाग में तैर रही थी. वही मां अपने मरे हुए बच्चे की लाश को हमेशा के लिए अपने साथ रखने को तैयार हो गई ताकी उसे अपने पति से मिलवाना ना पड़े. आखिर सूचना सेठ ऐसा क्यों करना चाहती थी. आइए जानते हैं एक मां की बेटे के कत्ल के पीछे की पूरी सच्चाई.

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मां को जिद थी कि बेटा हमेशा मेरे साथ रहे, चाहें जिंदा या मुर्दा

Goa Suchana Seth : हाल के वक़्त में क़त्ल के बाद श्रद्धा केस समेत ऐसे दर्जनों केस सामने आए, जिनमें क़ातिल लाश को ठिकाने लगाने के अलग-अलग तरीक़े चुन रहा था। लेकिन चार साल के अपने ही बेटे के क़त्ल की आरोपी सूचना सेठ इन सबसे अलग थी। इतनी अलग कि बेटे का क़त्ल करने के बाद अगले 22 घंटे तक वो गोवा के होटल के कमरे में उसी बेड पर लेटी और बैठी रही, जिस बेड पर उसके बेटे की लाश पड़ी थी। इतनी अलग कि जब होटल छोड़ने का वक़्त आया, तब उसने अपने हाथों से अपने बेटे की लाश को बहुत संभाल कर बैग के अंदर डाला। लाश के ऊपर खिलौना रखा। खिलौने के ऊपर उसके कपड़े रखे। कपड़ों के ऊपर फिर बाक़ी बचे खिलौने रखा।  इसके बाद सबसे आख़िर में बैग के सबसे ऊपर अपने कपड़े रखे। इसके बाद उसी बैग के साथ वो गोवा से बेंगलुरु जाने के लिए कैब में सवार हो गई। वो अपने बेटे को अपने साथ बेंगलुरु के अपने उसी घर में ले जाना चाहती थी, जिस घर में वो रहती थी। घर पहुंचने के बाद भी वो अपने बेटे की लाश को अपने घर में ही रखना चाहती थी। उस समय तक जब तक कि इस लाश का सच बाहर नहीं आ जाता।  क्योंकि सूचना सेठ की जिद थी कि उसका बेटा हमेशा उसके साथ रहेगा। और इस साथ रहने वाली बात ने ही गोवा पुलिस को इतना परेशान कर दिया कि अब गोवा पुलिस ने फैसला किया है कि सूचना सेठ से आगे की सारी पूछताछ किसी मनोवैज्ञानिक की मौजूदगी में की जाएगी। दरअसल, गोवा पुलिस को इस सवाल का जवाब ही नहीं मिल रहा है कि सूचना अपने बेटे की लाश के साथ क्या करने वाली थी?  

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खुद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काम करने वाली कैसे असल में दिमागी जंग जीत रही 

 

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पहले छह दिनों तक पुलिस हिरासत में गोवा पुलिस ने हर तरीक़े से सूचना सेठ के दिमाग़ में झांकने की कोशिश कर ली। उसकी ज़ुबान खुलवाने की कोशिश कर ली। लेकिन बकौल गोवा पुलिस सूचना पूछताछ में बिल्कुल सहयोग नहीं कर रही है। इसी शिकायत के साथ गोवा पुलिस छह दिन की पुलिस हिरासत ख़त्म होने के बाद सोमवार को और ज्यादा पुलिस हिरासत की मांग लेकर अदालत पहुंची थी।  जहां अदालत ने गोवा पुलिस की अर्जी मंजूर करते हुए सूचना को पांच और दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है। लेकिन इसी दौरान गोवा पुलिस ने कोर्ट में जो जानकारी दी उस जानकारी के मुताबिक अब तक की इस पूरी कहानी में कुछ नई चीजें सामने आई हैं। तो पेश है पूरे देश के बेचैन कर देने वाली चार साल के एक बच्चे की उसी की मां के हाथों हुए क़त्ल की कहानी का पूरा सच। 

आखिरी 5 संडे पिता से नहीं मिलने दिया था 

बेंगलुरु की एक फैमिली कोर्ट के आदेश के बावजूद आखिरी पांच संडे को सूचना ने अपने बेटे को को उसके पिता से नहीं मिलवाया था। आखिरी बार बाप बेटे की मुलाकात दस दिसंबर को बेंगलुरु के एक कैफे में हुई थी। इसके बाद जब भी संडे को वेंकटरमन अपने बेटे से मिलने जाता, सूचना उसे मिलने नहीं देती। पांच संडे के बाद सूचना को भी अहसास हो चुका था कि कोर्ट के हुक्म को इस तरह नजरअंदाज करना उसके केस के लिए ठीक नहीं होगा।   दरअसल, तलाक के साथ-साथ सूचना और वेंकटरमन दोनों ने ही बच्चे की कस्टडी की भी अदालत में अर्जी डाल रखी थी। इसी के बाद एक सोची समझी साजिश के तहत पांच जनवरी यानी शुक्रवार को सूचना ने वेंकटरमन को टेक्स भेजा। मैसेज ये कि 7 जनवरी यानी संडे को बेंगलुरु के ही एक पते पर सुबह 10 बजे वो अपने बेटे से मिल सकता है। सूचना ने वो पता भी टेक्स्ट किया था। टेक्स्ट पढ़ने के बाद वेंकटरमन सात जनवरी संडे की सुबह दस बजे से पहले ही बताए हुए पते पर पहुंच गया। लेकिन करीब घंटा भर इंतजार करने के बावजूद सूचना अपने बेटे को लेकर नहीं आई। इस दौरान उसने उसके टेक्स्ट और मेल का भी जवाब नहीं दिया।  

वेंकटरमन ने वापस घर पहुंच कर भी सूचना को टेक्स्ट और मेल किया। दरअसल, दोनों के बीच सारी बातचीत इसी तरह होती थी। क्योंकि मामला कोर्ट में था और टेक्स्ट और ईमेल आगे चल कर सबूत बन सकते थे। लेकिन सूचना का फिर भी कोई जवाब नहीं आया। इत्तेफाक से 7 जनवरी यानी संडे की शाम को ही वेंकटरमन को काम के सिलसिले में इंडोनेशिया जाना था। फ्लाइट की टिकट पहले से बुक थी। लिहाजा वो शाम को बेंगलुरु से जकार्ता निकल पड़ा। इस बात से बेखबर कि सूचना अपने बेटे को लेकर संडे से एक दिन पहले ही बेंगलुरु से गोवा जा चुकी है।   

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सूचना सेठ ने पहले ही पति से बोला था ये झूठ, संडे को ही किया कत्ल  

उधर, सूचना सेठ ने पांच जनवरी को वेंकटरमन को जानबूझ कर टेक्स्ट किया था कि सात जनवरी को वो बेटे से मिलने आ सकता है। जबकि उससे पहले ही उसने प्लान के तहत 6 जनवरी को गोवा की फ्लाइट की टिकट और होटल की बुकिंग करा रखी थी। 6 जनवरी की रात की फ्लाइट से वो बेंगलुरु से गोवा पहुंचती है। गोवा पहुंचने के बाद रात साढ़े ग्यारह बजे वो नॉर्थ गोवा के द सोल बनयान ग्रैंडे होटल में चेकइन करती है। होटल की बुकिंग दस जनवरी की तक की थी। यानी अगले चार दिनों तक उसे गोवा में ही रहना था। लेकिन गोवा में चेकइन करने के सिर्फ दो से ढाई घंटे बाद ही रात करीब दो बजे के आस-पास सूचना अपने बेटे का कत्ल कर देती है। इसके बाद पूरी रात वो उसी बेड पर लेटी रहती है, जिस पर उसके बेटे की लाश पड़ी थी।  अगले पूरे दिन भी सूचना कमरे में ही रहती है। वो एक बार भी कमरे या होटल से बाहर नहीं जाती। यहां तक कि वो खाने-पीने के लिए एक बार भी रूम सर्विस तक को कॉल नहीं करती। ये वही संडे का दिन था, जिस संडे को वेंकटरमन को उसके बेटे से मिलवाने के लिए सूचना ने पांच जनवरी को टेक्सट भेजा था। 

यानी उसने अपने बेटे का क़त्ल संडे के दिन ही किया था।   संडे के पूरे दिन उसके मोबाइल पर सिर्फ और सिर्फ सुबह करीब दस से ग्यारह बजे के दरम्यान वेंकटरमन का ही मैसेज आया था। वेंकटरमन तक बेंगलुरु में सूचना के बताए पते पर खड़ा बेटे से मिलने का इंतजार कर रहा था। पूरा संडे होटल के कमरे में गुजारने के बाद रात करीब 11 बजे सूचना ने पहली बार अपने रूम से रिसेप्शन पर फोन किया। उसने किसी अर्जेंट काम से फौरन बेंगलुरु लौटने की बात कहते हुए बेंगलुरु तक के लिए एक कैब बुक कराने को कहा। हालांकि होटल की बुकिंग दस जनवरी तक के लिए थी। लेकिन सिर्फ एक रात होटल में गुजारने के बाद अगली ही रात सूचना होटल से चेकआउट कर रही थी।   

कत्ल के बाद कागज पर सूचना ने लिखा था... 

चेकआउट से पहले 22 घंटे तक सूचना जब अपने बेटे की लाश के साथ कमरे में थी, तब उसने तीन चीज़ें की थीं। पहली -- उसने क़त्ल के बाद एक कागज़ पर दो लाइनें लिखी थीं।   "कोर्ट ने जो मेरे पति को मेरे बेटे से मिलने का ऑर्डर पास किया है, वो मैं बर्दाश्त नहीं कर पा रही हूं। मेरा बेटा मेरे पास ही रहेगा।" इसके बाद उसने इन्हीं 22 घंटों के दौरान एक और नोट लिखा। इस बार उसने लिखा..  "मैं काफी गिल्टी और फ्रस्टेटेड महसूस कर रही हूं। मैं अपने बेटे से बहुत प्यार करती हूं। लेकिन मैं उसे उसके बाप से मिलते नहीं देख सकती।"  इसके बाद इन्हीं 22 घंटों में एक बार उसने कमरे के अंदर ही कैंची से अपनी कलाई की नसें काट कर मरने की कोशिश भी की थी। लेकिन ये कोशिश अधूरी थी।  

 ऐसे हुआ था पुलिस को शक  

सूचना के चेकआउट करने के बाद 8 जनवरी की सुबह पुलिस को शक हो चुका था। इसी के बाद कैब ड्राइवर के जरिए सूचना को बेंगलुरु जाने के रास्ते में ही पकड़ने की प्लानिंग की गई। और ड्राइवर की मदद से दोपहर करीब 12 बजे के आस-पास कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले के आईमंगला पुलिस स्टेशन में सूचना को हिरासत में भी ले लिया गया। चश्मदीद कैब ड्राइवर के मुताबिक जब आईमंगला पुलिस ने सूचना को बैग खोलने के लिए कहा था, तब भी वो बिल्कुल शांत थी। आईमंगला पुलिस सूचना से ही बैग में रखे कपड़े और खिलौने हटाने को कह रही थी। सूचना ने वो कपड़े और खिलौने हटाए भी लेकिन आखिर में जिन कपड़ों के नीचे उसके बेटे की लाश थी, को कपड़े उसने नहीं हटाए। मजबूरन पुलिस को वो कपड़े हटाने पड़े। लाश देख कर पुलिस ने पहला सवाल सूचना से यही पूछा कि ये कौन है। जवाब ने सूचना ने कहा, ये मेरा बेटा है। चेहरे पर तब भी उसके कोई शिकन नहीं थी।   

गोवा पुलिस के मुताबिक शुरुआत से ही पूछताछ में सूचना इस बात से इनकार कर रही है कि उसने अपने बेटे का कत्ल किया है। उसका कहना है कि रात बेटे के साथ सोई, सुबह उठी तो बेटा मर चुका था। इतना ही नहीं शनिवार को पहली बार सूचना और वेंकटरमन की कलंगुट पुलिस स्टेशन में पुलिस की मौजूदगी में आमने-सामने मुलाकात कराई गई। 15 मिनट की इस मुलाकात के दौरान वेंकटरमन ने सूचना से पहला सवाल ही यही पूछा -- कि तुमने हमारे बेटे को क्यों मारा? तब भी सूचना का जवाब यही था कि उसने ऐसा नहीं किया। यानी सूचना ने वेंकटरमन को भी वही जवाब दिया, जो अब तक वो पुलिस से कहती आ रही है। 

15 मिनट की इस मुलाकात के दौरान भी सूचना वेंकटरमन से झगड़ती रही। उसने कहा कि इस सबके लिए तुम जिम्मेदार हो।  लेकिन गोवा पुलिस जब भी उससे बेटे की लाश को बैग में रखने और बेंगलुरु ले जाने की वजह पूछती, तो वो सिर्फ एक ही जवाब देती। मेरा बेटा मेरे साथ ही रहेगा। सूचना के इसी जवाब ने पिछले छह दिनों से गोवा पुलिस को परेशान कर रखा है। गोवा पुलिस के सूत्र इस बात से इनकार नहीं कर रहे कि सूचना अपने बेटे की लाश को बेंगलुरु ले जा कर अपने घर में ही अपने साथ रखती। पर गोवा पुलिस रिकॉर्ड पर ऐसा कुछ नहीं कहना चाहती। वजह भी बहुत साफ है। अगर ऐसी बातों से सूचना की दिमागी हालत को लेकर सवाल उठेंगे, तो अदालत में उसे इसका कानूनी फायदा मिल सकता है। इसीलिए इससे बचते हुए गोवा पुलिस ने ये तय किया है कि अब सूचना से पूछताछ किसी मनोचिकित्सक की मौजूदगी में ही गोवा पुलिस करेगी। 


 

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