झगड़े में पत्नी से खेला खूनी खेल, चाकू मारने से हुई थी मौत, कोर्ट ने कहा, पति हत्या का दोषी नहीं, जानिए क्यों?
Delhi Court News : दिल्ली में 14 साल पहले झगड़े में पत्नी की चाकू मारकर मौत हुई थी. कोर्ट ने कहा मर्डर नहीं. गैर इरादतन हत्या.
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Delhi (PTI News) : मियां बीवी की आपसी लड़ाई में पत्नी की हुई हत्या को कोर्ट ने मर्डर केस नहीं माना है. बल्कि इसे गैर इरादतन हत्या का केस माना है. एक व्यक्ति ने करीब 14 साल पहले झगड़े में अपनी पत्नी की चाकू मारकर हत्या कर दी थी और अब यहां की एक अदालत ने उसे गैर-इरादतन हत्या के अपराध का दोषी ठहराया है। इसके साथ ही अदालत ने कहा कि अभियुक्त ने क्रूर तरीके से अपराध को अंजाम नहीं दिया था। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि पीड़िता और उसके पति के बीच झगड़ा हुआ था, जहां पत्नी ने आरोपी पर हमला किया और उसके बाद पति ने उसे चाकू मार दिया। सहायक सत्र न्यायाधीश नवजीत बुद्धिराजा ने कहा कि 'कोई पूर्व योजना' नहीं थी और न ही पति ने कोई अनुचित लाभ उठाया या क्रूर तरीके से कार्य किया, लेकिन उसे पता था कि इस चोट से उसकी पत्नी की मौत हो सकती है।
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दो बेटों ने दी थी गवाही, मम्मी-पापा खून से लथपथ मिले थे
Court News : अदालत आरोपी अलमंथा के खिलाफ मामले की सुनवाई कर रही थी जिस पर 16 अगस्त 2009 को अपनी पत्नी की हत्या का आरोप था। अदालत ने कहा कि दंपति के दो बेटों के बयानों के अनुसार, आरोपी और उसकी पत्नी खून से लथपथ बेहोश मिले थे और उन्हें अस्पताल ले जाया गया था। अदालत ने मौजूद सबूतों पर गौर करते हुए कहा, 'झगड़ा हुआ था और इसलिए कोई पूर्व योजना नहीं थी। तनाव बहुत ज्यादा रहा होगा और आरोपी भी चाकू से घायल हुआ होगा। आरोपी पर हमले के बाद उसने जवाबी कार्रवाई की होगी और पीड़िता पर चाकू से वार किया होगा।’’ न्यायाधीश ने कहा कि हालांकि आरोपी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत आरोप लगाया गया है लेकिन उसे भादंसं की धारा 304 भाग 1 (गैर-इरादतन हत्या) के तहत दोषी पाया गया है।' मामले में अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी और अनिवार्य प्रक्रिया पूरी होने के बाद सजा पर बहस शुरू होगी।
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