नकली हॉस्पिटल, फर्जी डॉक्टर, ग्रेटर कैलाश से फर्जी सर्जन गिरफ्तार, सर्जरी के बाद मरीज की मौत, सर्जन समेत चार फर्जी डॉक्टर गिरफ्तार

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जांच में जुटी पुलिस
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दिल्ली से अमरदीप की रिपोर्ट

Delhi Crime News: दक्षिणी दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में एक क्लीनिक में सर्जरी के बाद 45 वर्षीय व्यक्ति की मौत के मामले में कथित संलिप्तता को लेकर एक फर्जी चिकित्सक समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि पूर्व तकनीशियन महेंद्र ने आयुर्विज्ञान तथा शल्य-चिकित्सा स्नातक (एमबीबीएस) की फर्जी डिग्री हासिल की और ग्रेटर कैलाश-एक में क्लीनिक में काम करने लगा।

नकली हॉस्पिटल, फर्जी डॉक्टर

महेंद्र को क्लीनिक के मालिक और दो अन्य कर्मियों के साथ को गिरफ्तार कर लिया गया है। कर्मियों ने भी उनके पास एमबीबीएस डिग्री होने का दावा किया है। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘उनके प्रमाणपत्रों का सत्यापन किया जा रहा है।’’ पुलिस ने यह भी बताया कि चार लोगों को एक मरीज की सर्जरी में शामिल पाए जाने के बाद गिरफ्तार किया गया है। पीड़ित को मामूली स्वास्थ्य समस्या के कारण भर्ती कराया गया था। मरीज के परिजनों का कहना है कि आरोपी ने ही सर्जरी की थी। सूत्रों ने बताया कि पुलिस को क्लीनिक में चिकित्सकों द्वारा मरीजों के गलत इलाज के संबंध में विभिन्न लोगों से 12 से अधिक शिकायतें पहले भी मिल चुकी हैं।

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ग्रेटर कैलाश से फर्जी सर्जन गिरफ्तार

10 अक्टूबर को एक महिला शिकायतकर्ता जो कि संगम विहार की रहने वाली हैं। पीएस ग्रेटर कैलाश में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उसने आरोप लगाया कि 19 सितंबर को वह अपने पति को अग्रवाल मेडिकल सेंटर, जीके 1 ले गईं। उनके गॉलब्लैडर स्टोन को हटाया जाना था। सर्जरी शुरू होने से पहले अस्पताल के निदेशक डॉ. नीरज अग्रवाल ने कहा कि सर्जरी प्रसिद्ध सर्जन डॉ. जसप्रीत सिंह द्वारा की जाएगी। लेकिन सर्जरी से कुछ देर पहले डॉ. नीरज अग्रवाल ने बताया कि कुछ अत्यावश्यकता के कारण डॉ. जसप्रीत सिंह सर्जरी करने नहीं आ सके और अब डॉ. महेंद्र सिंह सर्जरी करेंगे। डॉ. नीरज अग्रवाल ने डॉ. महेंद्र सिंह को शिकायतकर्ता से भी मिलवाया। इसके अलावा, उस समय मौजूद एक नर्स ने भी एक महिला का परिचय डॉ. पूजा के रूप में कराया।  डॉ. पूजा ने नर्स को अपने पति का बीपी मापने का भी निर्देश दिया। इसके अलावा, शिकायतकर्ता ने कहा कि उसके पति की सर्जरी डॉ. महेंद्र सिंह, डॉ. नीरज अग्रवाल और डॉ. पूजा ने की थी। 

सर्जरी के बाद मरीज की मौत

शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि बाद में उसे पता चला कि डॉ. महेंद्र सिंह और डॉ. पूजा डॉक्टर नहीं हैं। ऑपरेशन के बाद मरीज (उसके पति) को ऑपरेशन थिएटर के बाहर लाया गया और वह तेज दर्द की शिकायत कर रहा था। बाद में उसे सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। जिसके बाद पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरु की थी। जांच के दौरान, शिकायतकर्ता के बयान की जांच की गई और यह पता चला कि 19 सितंबर को मृतक असगर अली की सर्जरी के समय डॉ. जसप्रीत सिंह बाजवा ग्रेटर कैलाश-1 में मौजूद नहीं थे। इसके अलावा, यह भी पता चला कि डॉ. जसप्रीत सिंह ने मृतक की सर्जरी के संबंध में फर्जी दस्तावेज तैयार किए थे। आगे की जांच के दौरान, यह भी पता चला कि 2016 से अब तक विभिन्न शिकायतकर्ताओं द्वारा अग्रवाल मेडिकल सेंटर और डॉ. नीरज अग्रवाल और उनकी पत्नी पूजा अग्रवाल के खिलाफ दिल्ली मेडिकल काउंसिल में लगभग सात शिकायतें दर्ज की गईं, जिनमें लापरवाही से मरीज की जान चली गई। 

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मरीजों की मौत से गहराया शक

जांच में पता चला कि 27 अक्टूबर को एक अन्य मरीज जय नारायण निवासी गढ़ी गांव, ईस्ट ऑफ कैलाश-1, नई दिल्ली, उम्र - 44 वर्ष का पित्ताशय की पथरी को हटाने के लिए ऑपरेशन किया गया और बाद में उक्त मरीज की भी मृत्यु हो गई। 01 नवंबर को कथित मेडिकल सेंटर की जांच के लिए चार डॉक्टरों वाले एक मेडिकल बोर्ड को बुलाया गया और बहुत सारी खामियां देखी गईं। आगे की जांच के दौरान, यह पता चला कि अग्रवाल मेडिकल सेंटर के निदेशक डॉ. नीरज अग्रवाल अक्सर मरीजों के इलाज व सर्जरी से संबंधित फर्जी दस्तावेज तैयार करता था। मृतक असगर अली की पीएम रिपोर्ट प्राप्त हुई। इसके बाद, एफएसएल से विसरा और हिस्टोपैथोलॉजिकल रिपोर्ट प्राप्त की गई और मौत के कारण के संबंध में अंतिम राय प्राप्त करने के लिए सभी जांच पत्र एम्स को भेजे गए। रिपोर्ट प्राप्त की गई जिसमें डॉक्टर ने मौत का कारण बताया, "पीएम रिपोर्ट, विसरा विश्लेषण रिपोर्ट, हिस्टोपैथोलॉजी रिपोर्ट और पूछताछ पत्रों के अवलोकन के बाद, हमारी राय है कि इस मामले में मौत का कारण रक्तस्रावी सदमा है, जो एक जटिलता है।" यानि ऑपरेशन के दौरान खून ज्यादा बहने से मरीज की मौत हुई है।

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नकली डॉक्टरों का गिरोह

14 नवंबर को पुलिस ने पर्याप्त सबूत होने के बाद डॉ. नीरज अग्रवाल (एमबीबीएस) प्रो. अग्रवाल मेडिकल सेंटर, उनकी पत्नी पूजा अग्रवाल ने कथित तौर पर डॉ. पूजा अग्रवाल (पहले केंद्र में सहायक के रूप में काम करती थी), महेंदर (पूर्व लैब तकनीशियन) और डॉ. जसप्रीत एमबीबीएस (एमएस) जिन्होंने नकली सर्जरी नोट तैयार किया था, को वर्तमान मामले में गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा, घर की तलाशी के दौरान, डॉ. नीरज अग्रवाल के घर से दस्तावेज और सामान बरामद और जब्त किए गए। इनमें 414 प्रिस्क्रिप्शन पर्चियां जिनमें प्रिस्क्रिप्शन स्लिप के शीर्ष पर काफी जगह छोड़ने के बाद केवल डॉक्टर के हस्ताक्षर होते हैं। दो रजिस्टर जिसमें उन मरीजों का विवरण है जिनका मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी (एमटीपी) अग्रवाल मेडिकल सेंटर में करवाया गया था। कई प्रतिबंधित दवाएँ व कई इंजेक्शन जो अस्पताल के अलावा अन्य स्टोर में नहीं होने चाहिए थे बरामद हुए हैं। 

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