सुपरटेक के मालिक आर के अरोड़ा ईडी की गिरफ्तारी को दी चुनौती, अरोड़ा की याचिका अदालत में खारिज

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अदालत का फैसला
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Delhi Court News: दिल्ली उच्च न्यायालय ने धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की गयी गिरफ्तारी के खिलाफ रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक के अध्यक्ष एवं मालिक आर. के. अरोड़ा की याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने इस बात का संज्ञान लिया कि ईडी ने कानून के प्रासंगिक प्रावधानों का अनुपालन करते हुए अरोड़ा को गिरफ्तार किया गया था। अदालत ने इसके साथ ही सुपरटेक प्रमुख के उस दावे को खारिज कर दिया कि उन्हें गिरफ्तारी का आधार बताये बिना 27 जून को ‘‘मनमाने ढंग से और अवैध रूप से’’ गिरफ्तार किया गया था।

सुपरटेक प्रमुख के उस दावे को खारिज कर दिया

अदालत ने अपने आदेश में कहा, ‘‘वर्तमान मामले में, गिरफ्तारी का आधार विधिवत दिया गया था और याचिकाकर्ता को सूचित भी किया गया था, इतना ही नहीं, उन्होंने अपने हस्ताक्षर कर इसे स्वीकार किया था।’’ अदालत ने कहा, ‘‘लंबित अर्जियों के साथ यह याचिका खारिज की जाती है।’’ ईडी ने 27 जून को यहां अपने कार्यालय में तीसरे दौर की पूछताछ के बाद धनशोधन के आरोप में अरोड़ा को गिरफ्तार किया था। सुपरटेक समूह, उसके निदेशकों और प्रवर्तकों के खिलाफ धनशोधन का मामला दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दर्ज की गई कई प्राथमिकियों से उपजा है।

धनशोधन के आरोप में अरोड़ा को गिरफ्तार

अरोड़ा ने दावा किया कि उन्हें अपनी पसंद के वकील से परामर्श लेने और अपना बचाव करने के अधिकार से भी वंचित कर दिया गया। हालांकि, अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता के मौलिक अधिकारों का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है और 'रिकॉर्ड पर ऐसा कुछ भी नहीं है जो यह दर्शाता हो कि याचिकाकर्ता को कानूनी चिकित्सक से परामर्श करने और बचाव करने के अधिकार से वंचित किया गया है'। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता साबित करने में विफल रहा कि उसकी गिरफ्तारी धनशोधन निवारण कानून (पीएमएलए) की धारा 19 का उल्लंघन है।

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(PTI)

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