Cyber Crime : गूगल पर कस्टमर केयर सर्च करते ही साइबर क्रिमिनल ऐसे करते हैं ठगी, जानिए पूरा प्रॉसेस

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Cyber Crime :  इंटरनेट। जिसने हमारे मुश्किल काम को भी बहुत आसान बना दिया है। लेकिन कई बार ये हमारी मुश्किलें बढ़ा भी देता है। इसकी वजह भी है। क्योंकि अब हम इंटरनेट पर ही ज्यादा भरोसा करने लगे हैं। ये सोचने लगे हैं कि जो कुछ इंटरनेट पर है वही सच है। और इसी का फायदा अब साइबर क्रिमिनल उठा रहे हैं। आखिर कैसे साइबर क्रिमिनल हमारे इंटरनेट के प्रयोग का फायदा उठाकर रोजाना सैकड़ो लोगों से ठगी कर रहे हैं। आज जानते हैं साइबर क्राइम की इस स्पेशल स्टोरी में...
 

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केस स्टडी : लखनऊ के रहने वाले सौरभ कैसे बने शिकार

Crime Story : यूपी की राजधानी लखनऊ में रहने वाले सौरभ एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं। कोरोना के बाद से ये आजकल पैसों का लेनदेन ऑनलाइन ही करते हैं। जहां से घर का सामान लेते हैं उसे भी पेटीएम या यूपीआई से ही पेमेंट करते हैं। लेकिन कई बार नेटवर्क प्रॉबल्म या फिर किसी वजह से अकाउंट से पैसे तो कट जाते हैं लेकिन पेमेंट नहीं हो पाता। ऐसा ही कुछ हुआ सौरभ के साथ। पेमेंट के दौरान पैसे कट गए लेकिन दुकानदार को नहीं मिले. इस पर वो असमंजस में पड़ गए. अब दोबारा पेमेंट करूं. या फिर रिफंड का इंतजार करें. इसलिए उन्होंने सोचा कि कंप्लेंट करूं. अब किस नंबर पर शिकायत करूं. ये सोचते हुए तुरंत गूगल पर सर्च किया. एक नंबर मिला. उस पर फोन मिला दिया.

कॉलर..जी, फोनपे कस्टमर केयर से बात कर रहे हैं। आपको क्या मदद चाहिए।

सौरभ...देखिए अभी मैं 250 रुपये की पमेंट कर रहा था। मेरे अकाउंट से पैसे कट गए लेकिन पेमेंट फेल हो गई। अब वो पैसे कैसे रिफंड होंगे।
कॉलर..जी, आप परेशान मत होइए। आपके पैसे तुरंत रिफंड हो जाएंगे। आपको कितनी देर में रिफंड चाहिए।
सौरभ..अरे भाई। तुरंत चाहिए रिफंड। यहां एक दुकान पर हूं। इन्हें पैसे देने हैं। कैसे दूं।
कॉलर...अच्छा ठीक है। अगर जल्दी चाहिए तो मैं अपने सीनियर अधिकारी को जानकारी दे देता हूं। वो आपको तुरंत कॉल करके अपडेट कराएंगे। नमस्कार।
कॉलर...सर मैं फोनपे कस्टमर केयर से सीनियर मैनेजर बोल रहा हूं। क्या मेरी बात सौरभ जी से हो रही है।
सौरभ..जी हां, मैं सौरभ हूं। प्लीज तुरंत रिफंड का प्रॉसेस कर दीजिए।
कॉलर..ओके सर...जैसा कि हम अपने सिस्टम में देख पा रहे हैं कि आपके फोनपे ऐप में ही कुछ दिक्कत है। इसलिए आपसे हम कोई सीक्रेट जानकारी या कोई पिन नंबर नहीं पूछेंगे। आपको सिर्फ एक ऐप डाउनलोड करना होगा। जिसके जरिए आपके खाते में तुरंत पैसे ट्रांसफर हो जाएंगे।
सौरभ...ओके...इसमें ज्यादा देर तो नहीं लगेगी। क्योंकि मुझे तुरंत यहां से जाना भी है। काफी देर हो गई है।
कॉलर...नहीं, बिल्कुल देर नहीं लगेगी सर। आप तुरंत Play Store से QS यानी Quick Support ऐप डाउनलोड कर दीजिए।
सौरभ...ओके...अभी करता हूं। ये आया प्ले स्टोर। और मैंने क्विक सपोर्ट लिखा। इसमें team Viewer Quick Support लिखा आ रहा है।
कॉलर..जी हां..बिल्कुल सही हैं आप। उसे ही डाउनलोड कर लीजिए।
कॉलर..अब आपको उसमें दिए 9 Digit वाले कोड को बता दीजिए।
सौरभ..ओके ..नोट करिए.. 898, 789, 213
कॉलर...ओके..ठीक है। अब आप फिर से अपने फोनपे ऐप पर जाइए। और अपने किसी जानने वाले को 1 रुपये ट्रांसफर करिए। इससे हमें पता चलेगा कि आपके ऐप में क्या दिक्कत आ रही है।
सौरभ...ओके. अभी करता हूं। किसे करूं ट्रांसफर। अपनी वाइफ को ही कर देता हूं। ये कर दिया।
कॉलर...हां, ओके.. हमारे सिस्टम में आपकी प्रॉब्लम की जानकारी मिल गई है। आप परेशान ना होइए। आपको थोड़ी देर में ही पैसे रिफंड होने का मैसेज आ जाएगा। धन्यवाद।
सौरभ... अरे वाह। चलो अच्छा है। मेरा काम जल्दी हो जाए। कस्टमर केयर वालों ने तो पहली बार इतनी जल्दी काम किया है। अरे लग रहा है कोई मैसेज आया है।
सौरभ... अरे ये क्या। ये तो मेरे अकाउंट से 4000 हजार रुपये निकल गए। क्या हो गया। अरे दूसरा मैसेज भी आया। 8 हजार रुपये निकल गए। कोई और मैसेज आया। 10 हजार रुपये निकल गए। हो क्या रहा है?

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(इसके बाद फिर सौरभ का उस कस्टमर केयर से संपर्क नहीं हो पाया और वो फ्रॉड का शिकार हो गए. )
 

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जानिए कैसे बचें ऐसे साइबर फ्रॉड से

 

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साइबर एक्सपर्ट बताते हैं कि क्रिमिनल पहले कस्टमर केयर नाम से या इससे मिलते-जुलते नाम की कई वेबसाइट बना लेते हैं। और फिर उस पर रोजाना सुबह ही HDFC Customer Care नंबर लिखकर अपना फोन नंबर डालेंगे और पब्लिश कर देंगे। इसी तरह से स्वीगी, जोमैट, पेटीएम, फोनपे या किसी दूसरे ऐप के नाम के साथ कस्टमर केयर नंबर अपलोड कर देते हैं। इस तरह जब कोई कस्टमर केयर सर्च करेगा तो गूगल के पहले पेज पर इनका नंबर आ जाता है। जैसे ही कोई शख्स मदद के लिए इन्हें कॉल करेगा तो ये साइबर क्रिमिनल उससे ठगी करते हैं। 
दरअसल, ये साइबर क्रिमिनल पहले फोन पर बात करते हैं और फिर रिमोट ऐप डाउनलोड कराते हैं। जैसे Team Viewer, Any Desk, Quick Support और भी कई ऐसे रिमोट ऐप हैं। दरअसल, ये रिपोट ऐप किसी भी सिस्टम का एक्सेस अपने पास ले लेते हैं। जैसे आप अपने मोबाइल फोन पर ऐप डाउनलोड करके 9 या 12 डिजिट का कोड बताते हैं तो उसके बाद आपके फोन का एक्सेस साइबर क्रिमिनल के पास चला जाता है। और फिर आप अपने फोन पर जो कुछ करेंगे उसे साइबर क्रिमिनल देख सकता है। इसीलिए रिमोट पर फोन लेने के बाद साइबर क्रिमिनल कहता है कि आप किसी के अकाउंट में सिर्फ 1 रुपये डालिए। जैसे ही कोई व्यक्ति 1 रुपये ट्रांसफर करने के लिए अपना पासवर्ड डालता है तो ये क्रिमिनल सब रिकॉर्ड कर लेते हैं और फिर उसी पासवर्ड से आपके बैंक खाते से सारा पैसा निकाल लेते हैं। इसलिए कोई भी रिमोट ऐप डाउनलोड ना करें।

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