कोर्ट में ऐसे खुली क्राइम ब्रांच के दारोगा की ‘क्राइम कुंडली’, निकला ड्रग्स रैकेट का रिंगमास्टर

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सांकेतिक तस्वीर
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Crime Kundali of Sub Inspector: इस समय जिस वक़्त आप ये खबर पढ़ रहे हैं, उस वक़्त दिल्ली समेत देश की तमाम बड़े शहरों के साथ साथ तमाम जांच एजेंसियां दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के एक सब इंस्पेक्टर को ढूंढ़ रही हैं। क्योंकि क्राइम ब्रांच के उस दारोगा के चेहरे पर पड़ा नकाब अब हट चुका है। पुलिस के साथ साथ सभी को ये खबर लग चुकी है कि जिस सब इंस्पेक्टर की तलाश की जा रही है वो हिन्दुस्तान की हद को छोड़कर सात समंदर पार दक्षिण अफ्रीका में जाकर छुप गया है। पुलिस के सूत्रों ने खुलासा किया है कि ये फरार सब इंस्पेक्टर असल में इस मुल्क में ड्रग्स का एक बहुत बड़ा सिंडीकेट चला रहा था और एक अंतर राज्यीय ड्रग्स रैकेट उसकी ही देखरेख में चल रहा था। लेकिन दिल्ली की स्मार्ट पुलिस से ज्यादा स्मार्ट दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच का वो सब इंस्पेक्टर निकला। क्योंकि जैसे ही उस दारोगा की खबर थाने से बाहर आई वो हिन्दुस्तान से बाहर चला गया। 

जब दो ड्रग्स स्मगलर पकड़े गए

असल में ये भांडा अब भी नहीं फूटता अगर वो दो ड्रग्स तस्कर न पकड़े जाते। असल में इसी साल जनवरी में साउथईस्ट डिस्ट्रिक्ट पुलिस ने दो ड्रग्स स्मगलरों को दबोचा। उनके पास से अच्छी खासी तादाद में ड्रग्स भी मिली थी। 

किराए के फ्लैट में गांजा की खेप

हुआ यूं कि साउथ ईस्ट डिस्ट्रिक की पुलिस को खबर लगी कि सिद्धार्थ नगर इलाके में मौजूद सनलाइट कॉलोनी के एक मकान में नशे की कोई खेप पहुँचने वाली है। पुलिस ने इस खबर पर हरकत की और कॉलोनी के इर्द गिर्द अपना घेरा लगा लिया। इसके बाद पुलिस ने छापा मारा तो वहां एक बच्चे समेत दो लोग पुलिस की पकड़ में आ गए। कोर्ट से रिमांड में लेकर पुलिस ने उन दोनों से जब पूछताछ शुरू की तो खुद पुलिस के ही होश उड़ने लगे। क्योंकि नशे के वो स्मगलर पुलिस वालों को वर्दी में छुपे एक ऐसे मास्टरमाइंड का पूरा कच्चा चिट्ठा सुना रहे थे, जिसके बारे में उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था। पुलिस ने उन आरोपियों के पास से 12.5 किलो गांजा भी बरामद किया था। 

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स्मगलर ने किया कोर्ट में तमाशा

लेकिन कोर्ट में जब इन दोनों आरोपियों को पेश किया गया तब गजब का तमाशा हुआ। आरोपी चीख चीखकर कहने लगा मुझे अपनी बात कहने दो मुझे अपनी बात कहने दो..। अदालत ने जब उस आरोपी को अपनी बात कहने का मौका दिया तो कोर्ट में पहले तो सन्नाटा छा गया और फिर गहमा गहमी मच गई। 

दारोगा की खोली स्मगलर ने पोल

ड्रग स्मगलर ने कोर्ट को बताया कि जो गांजा पुलिस ने हमारे पास से पकड़ा है असल में वो उनका है ही नहीं। वो गांजा तो सब इंस्पेक्टर नरेश कुमार का है। कोर्ट में खुसर फुसर शुरू हो गई कि आखिर ये सब इंस्पेक्टर नरेश कुमार कौन है? तब कोर्ट उस स्मगलर की बात को और गौर से सुनने लगी क्योंकि अब वो एक एक करके दारोगा के सारे राज खोल रहा था। उसने कोर्ट को बताया कि सब इंस्पेक्टर नरेश कुमार ने सिद्धार्थ नगर इलाके में एक फ्लैट किराए पर ले रखा है। और वहीं से उसका ड्रग्स का सारा गैरकानी कारोबार चलता है।

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ओडिशा और नॉर्थईस्ट से आता है माल

और जो गांजा उसके पास से पुलिस ने बरामद किया वो असल में पूर्वोत्तर भारत और ओडिशा से लाया गया था। उस स्मगलर ने बताया कि नरेश कुमार की देख रेख में ड्रग्स का ये धंधा आखिर होता कैसे था। आरोपी के दिए गए कोर्ट में बयान के मुताबिक ओडिशा और नॉर्थ ईस्ट के इलाके से ड्रग्स और गांजा उसी फ्लैट पर लाया जाता था और फिर उसे वहीं छोटे छोटे पैकेट्स में पैक करके दिल्ली के अलग अलग हिस्सों में डिस्ट्रीब्यूट किया जाता था। 

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नॉर्थ ईस्ट और ओडिशा से आता था गांजा

एक दारोगा ड्रग्स के धंधे का रिंगमास्टर

पुलिस ने जब सनलाइट कॉलोनी के उस फ्लैट पर छापा मारा तो उसे वहां छोटे छोटे पैकेट्स भी मिले थे। कोर्ट में ही पकड़े गए आरोपी युगल ने ये भी बताया कि नरेश कुमार इस पूरे रैकेट का रिंगमास्टर है। वो इस ड्रग्स सप्लाई चेन से जुड़े हरेक पैडलर को निजी तौर पर जानता है। उसकी एक एक हरकत पर नरेश कुमार की नज़र रहती है। 

कोर्ट के आदेश से महकमें ने खंगाली कुंडली

एक स्मगलर का भरी अदालत में इस तरह का खुलासा सुनकर खुद कोर्ट भी भौचक रह गई और फिर कोर्ट ने पुलिस महकमें को इस पूरे मामले की गहराई से पड़ताल करने और ड्रग्स रैकेट के रिंगमास्टर नरेश कुमार का सारा काला कच्चा चिट्ठा सामने लाने का हुक्म दिया। कोर्ट ने ऑर्डर दिया कि सबसे पहले नरेश कुमार के फोन की सारी कॉल डिटेल निकाली जाए, और उसकी सीडीआर कोर्ट में पेश की जाए। 

सीसीटीवी फुटेज और किराए के फ्लैट का राज

पुलिस महकमें ने एक ही झटके में क्राइम ब्रांच के सब इंस्पेक्टर नरेश कुमार की पूरी कुंडली ही खंगाल डाली। लेकिन उस कुंडली से जो सामने आया उसने पुलिस डिपार्टमेंट को ही झकझोरकर रख दिया। पुलिस के इस दारोगा के सीडीआर से ये खुलासा हुआ कि वो लगातार ड्रग्स के धंधे से जुड़े लोगों के साथ संपर्क में रहता है और उनके साथ उसकी बातचीत लगातार हो रही थी। तब पुलिस ने खुफिया तरीके से उस फ्लैट के आस पास लगे सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल डाले। पता चला कि उन फुटेज में वो और उससे मिलने वाले संदिग्ध लोगों के कई ऐसे विजुअल मिले जिनमें वो किसी भारी और बड़े बैग के साथ नज़र आ रहे हैं। इसके बाद पुलिस ने नरेश कुमार के कई खातों को खंगालना शुरू किया तो उसमें भी बड़ी बेनामी और बेहिसाब रकम का लेन देन नजर आया। 

अपने असली दस्तावेज से किराये पर मकान लिया

मजे की बात ये है कि उस सब इंस्पेक्टर को अपने महकमें पर किस कदर यकीन था कि उसने ये फ्लैट अपने ही असली दस्तावेजों के आधार पर किराए पर लिया था। पुलिस की तफ्तीश में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि नरेश कुमार अक्सर फ्लाइट से नॉर्थ ईस्ट और ओडिशा आता जाता रहता था। खुलासा यही है कि उसकी ये यात्रा कोई पुलिस की कार्रवाई के लिए नहीं बल्कि अपने धंधे को दोस्तों से मिलने और उनसे नशे की खेप की सप्लाई की डील पक्की करने के लिए ही जाता था। वहां डील पक्की होने के बाद ही कुमार दिल्ली लौट आता था। 

क्राइम ब्रांच के दारोगा नरेश कुमार के नेपाल के रास्ते दक्षिण अफ्रीका भागने का अंदेशा है

कोर्ट में मौजूद था आरोपी दारोगा

इस केस का सबसे चौंकाने वाला पहलू ये है कि जिस वक्त कोर्ट में स्मगलर अपनी बात सुना रहा था और कोर्ट इस मामले में सुनवाई कर रही थी, क्राइम ब्रांच का वो सब इंस्पेक्टर नरेश कुमार भी वहां मौजूद था। लेकिन उसी सुनवाई के दौरान ही अचानक नरेश कुमार वहां से नदारद हो गया। उसके बाद तो वो कहां हवा हुआ किसी को हवा तक नहीं लगी। 

दक्षिण अफ्रीका में छुपे होने का अंदेशा

पुलिस की तफ्तीश कहती है कि SI नरेश कुमार की ताजा लोकेशन भारत की हद से हजारों किलोमीटर दूर दक्षिण अफ्रीका में कहीं नज़र आ रही है। यानी वो भारत की हद से भागकर अपने सबसे महफूज ठिकाने तक जा पहुँचा। पुलिस को पता चला है कि वो दारोगा पहले भारत से भागकर नेपाल गया वहां से सीरिया होता हुआ दक्षिण अफ्रीका चला गया। हालांकि अभी भी पुलिस वाले उसकी असली लोकेशन के बारे में पुख्तातौर पर कुछ नहीं कह सकते। ऐसा माना जा रहा है कि वो VPN सिस्टम का इस्तेमाल कर रहा हो और अपने संपर्कों से संपर्क कर रहा हो। 

क्राइम ब्रांच ने सस्पेंड किया

क्राइम ब्रांच के एक सीनियर पुलिस अफसर के मुताबिक इस खुलासे के बाद ही जब सब इंस्पेक्टर लापता हो गया तो महकमें ने कार्रवाई करते हुए उसे तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया। इतना ही नहीं, महकमें की तरफ से उसके खिलाफ गहराई से पड़ताल करने के लिए बाकायदा टीम तक बना दी हैं। जाहिर है जब तक तहकीकात चल रही तब तक तो कुछ भी नहीं कहा जा सकता। मुमकिन है कि इस सिलसिले में कई और भी खुलासे हों। 

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