बेंगलुरू : गर्भ में 900 बच्चियों का कत्ल, 2 साल से चल रहा था डॉक्टरों का रैकेट, लिंग जांच फिर गर्भपात, कीमत चौंका देगी

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बेंगलुरु में लिंग जांच और गर्भपात करने वाले रैकेट का खुलासा
बेंगलुरु में लिंग जांच और गर्भपात करने वाले रैकेट का खुलासा
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Bengaluru News : बेंगलुरु पुलिस ने बच्चे के जन्म से पहले लिंग जांच करने वाले एक बड़े गैंग का खुलासा हुआ. लिंग जांच के दौरान अगर गर्भ में लड़की होने का पता चला तो उसे गर्भपात करा दिया जाता है. इस रैकेट ने पिछले 2 साल में 900 से ज्यादा गर्भपात करा चुका है. बेंगलुरू पुलिस ने दो डॉक्टरों समेत कुल 8 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें दो मुख्य आरोपी डॉक्टर हैं. इस रैकेट के मुख्य आरोपी, मैसूर के उदयगिरि में माथा अस्पताल के मालिक डॉ. चंदन बल्लाल है. ये आरोपी अभी फरार है. गिरफ्तार किए गए लोगों में 41 वर्षीय डॉ. तुलसीरामन,  माथा अस्पताल के मैनेजर 38 साल की महिला सीएम मीणा, अस्पताल की रिसेप्शनिस्ट और मंडी मोहल्ला निवासी 38 वर्षीय रिजमा खानम और लैब तकनीशियन निसार शामिल है.

बेंगलुरु में लिंग जांच और गर्भपात करने वाले रैकेट का खुलासा

दो साल में 900 से ज्यादा गर्भपात

ये रैकेट पिछले दो सालों से बेंगलुरु, मैसूर और मांड्या इलाकों में काम कर रहा था. पुलिस को जानकारी मिली है कि इस रैकेट ने पिछले दो वर्षों में 900 से अधिक कन्या भ्रूणों का गर्भपात किया है. पुलिस ने उदयगिरि में माथा अस्पताल और मैसूर में राजकुमार रोड पर आयुर्वेदिक पाइल्स डेकेयर सेंटर को जब्त कर लिया है. इन दोनों जगहों पर गर्भपात कराया जाता था. ये रैकेट भ्रूण के लिंग का निर्धारण करने के लिए 25000 रुपये लेता था. लिंग निर्धारण में बच्ची होने पर गर्भपात के लिए भी 25 हजार या इससे ज्यादा रुपये लिए जाते थे. 

बेंगलुरु में लिंग जांच और गर्भपात करने वाले रैकेट का खुलासा (सांकेतिक फोटो)

ऐसे लिंग जांच वाले रैकेट का मिला था सुराग

बेंगलुरु पुलिस ने 15 अक्टूबर, 2023 को चेन्नई से मैसूरु तक फैली भ्रूणहत्या का पर्दाफाश किया था. इस रैकेट के बारे में पुलिस को अचानक एक घटना से सुराग मिला था. असल में ओल्ड मद्रास रोड पर पुलिस की रूटीन चेकिंग के दौरान एक कार वाला चकमा देकर भागने लगा था. उसी दौरान पुलिस ने उसका पीछा कर घेर लिया था. पुलिस ने कार को रोका और उसमें दो पुरुष और एक गर्भवती महिला मिली. पुलिस ने महिला से पूछताछ की तो उसने बताया था कि वे मांड्या में एक अस्थायी प्रयोगशाला में गए थे. जहां उसके भ्रूण के लिंग का निर्धारण करने के लिए एक स्कैन किया गया था. जिसके बाद पुलिस ने इस दिशा में जांच शुरू की थी.

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बेंगलुरु में लिंग जांच और गर्भपात करने वाले रैकेट का खुलासा, कुल 9 आरोपी, 8 अरेस्ट

कमीशन पर लिंग जांच और गर्भपात

पुलिस की आगे की जांच से पता चला कि वे दो साल से बेंगलुरु, मांड्या और मैसूर में प्रति माह लगभग 20 लिंग-निर्धारण परीक्षण और गर्भपात कर रहे थे. पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन से करते थे लिंग जांचआरोपियों में से एक वीरेश ने पुलिस को बताया कि वह और उसके रैकेट के लोग उन गर्भवती महिलाओं को निशाना बनाते हैं, जो बेटी नहीं चाहती हैं. और वे गर्भवती महिलाओं में भ्रूण के लिंग का पता लगाने के लिए पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन का उपयोग करते हैं. यदि उन्हें पता चलता है कि भ्रूण एक कन्या है, तो वे गर्भवती महिला को गर्भपात के लिए डॉ. तुलसीरामन के पास भेजेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि इस काम के बदले कमीशन मिलता था. प्रत्येक गर्भवती महिला को गर्भपात के लिए निर्देशित करने के लिए उन्हें 10,000 रुपये मिले. साथ में उन्होंने खुलासा किया कि उनकी टीम ने कम से कम 720 गर्भवती महिलाओं का स्कैन किया था.

 

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