भारत के क्लासिक डांसर की हत्या के बाद अमेरिका में मच गया बवाल
US Hate Crime: अमेरिका में बढ़ते हेट क्राइम को लेकर अब बाइडन प्रशासन की भी नींद टूटने लगी है। चारो तरफ हाहाकार मच गया है।
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![भारत के क्लासिक डांसर की हत्या के बाद अमेरिका में मच गया बवाल अमेरिका में अमरनाथ घोष की किसने और क्यों गोली मारी](https://akm-img-a-in.tosshub.com/lingo/crtak/images/story/202403/1709608063716_amarnath_ghosh_converted_16x9.jpg?size=948:533)
Classic Indian Dance Shot Dead: हिन्दुस्तान से लाखों बच्चे अपनी आंखों में सपनों को भरकर विदेश जाते हैं, ताकि अपने सपनों को पूरा कर सकें। मगर अचानक खबर आती है कि सपना देखने वाली वो एक जोड़ा आंख अब हमेशा हमेशा के लिए बंद हो गई। जरा सोचिये क्या गुजरती होगी उन परिवारों पर जिनके घर के चश्मोचिराग ने अपनी आंखें वक्त से बहुत पहले ही बंद कर ली। ऐसा ही कुछ हुआ है 34 सालके क्लासिक डांसर अमरनाथ घोष के साथ।
शव को भारत लाने के लिए क्राउड फंडिंग
असल में अमेरिका के मिसौरी प्रांत में पश्चिम बंगाल के भरतनाट्यम और कुचिपुड़ी डांसर अमरनाथ घोष की गोली मारकर हत्या कर दी गई। और हिन्दुस्तान में टेलीविजन की एक्ट्रेस देवोलीना भट्टाचार्जी ने शुक्रवार को इस हत्या के बारे में जानकारी दी। इस किस्से का सबसे दुखद पहलू ये है कि अमरनाथ घोष के परिवार औरउनके तमाम दोस्त इस कदर अंधेरे में हैं कि उन्हें पता ही नहीं है कि अमरनाथ घोष के पार्थिव शरीर को हिन्दुस्तान कैसे लाया जाए और उसका अंतिम संस्कार किया जाए। ये सारे के सारे लोगों को धन इकट्ठा करने की जुगत में लगे हैं ताकि उन पैसों से अमरनाथ घोष के शव को भारत लाया जा सके।
शाम को टहलने निकले थे, गोली मार दी
असल में पूरा किस्से का खुलासा कुछ ऐसा है कि अमरनाथ 27 फरवरी को सेंट लुइस अकादमी के पास शाम के समय टहलने निकले थे। उसी समय उन्हें कुछ हमलावरों ने गोलियां मार दीं। घटना 27 फरवरी को हुई और करीब तीन रोज बाद हिन्दुस्तान में एक्ट्रेस देवोलीना भट्टाचार्जी ने 1 मार्च को सोशल मीडिया पर इस वारदात का खुलासा किया।
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प्रधानमंत्री और भारतीय दूतावास से गुहार
अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर पोस्ट में देवलीना भट्टाचार्यजी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिका में भारतीय दूतावास से इस मामले की जांच और इस मामले में मदद की मांग की। अपने ट्वीटर अकाउंट यानी एक्स (X) पर देवलीना भट्टाचार्यजी ने जानकारी दी कि अमरनाथ घोष पश्चिम बंगाल के कोलकाता में रहते थे और वो सेंट लुई में मौजूद वाशिंगटन यूनिवर्सिटी गए थे। वहां वो फाइनआर्ट्स में मास्टर्स कर रहे थे। अमरनाथ घोष के माता पिता की मौत पहले ही हो चुकी थी।
डांसर के परिवार के प्रति संवेदना जताई
इसी बीच भारतीय दूतावास से एक सामने आए एक संदेश में कहा गया है कि मिसौरी के सेंट लुई में मारे गए अमरनाथ घोष के परिवार और दोस्तों के प्रति गहरी संवेदना है। हम फॉरेंसिक टीम और पुलिस की जांच में मदद कर रहे हैं। अमेरिका में भारतीयों पर हुए जानलेवा हमलों का ये सिलसिला कोई नया नहीं है। वहां पिछले कुछ महीनों के दौरान लगातार हिन्दुस्तानी छात्र और परिवार के लोग अनजान हमलावरों का निशाना बन रहे हैं।
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24 फरवरी को गुरुद्वारे के बाहर गोली मारी
बीती 24 फरवरी को ही अमेरिका के अलबामा राज्य में एक सिख की हत्या कर दी गई थी। राज सिंह गोल्डी को गुरुद्वारे के बाहर गोली मारी गई। राज सिंह गोल्डी उत्तर प्रदेश के बिजनौर के रहने वाले थे। इस हत्या के मकसद और हमलावरों के बारे में कुछ भी पता नहीं चल सका है। राज सिंह के घरवालों का कहना है कि अमेरिका में लगातार बढ़ते हेट क्राइम के बीच हमारे गोल्डी का भी केस बस एक इबारत बनकर रह जाएगा। राज सिंह डेढ़ साल पहले ही अमेरिका गए थे और वहां वो म्यूजिशियन थे। अलबामा में गोल्डी अपने म्यूजिकल ग्रुप के साथ ही रह रहा था।
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कमरा किराए को लेकर झगड़े में मारी गोली
इससे पहले इसी फरवरी के महीने में 76 साल के एक भारतीय मूल के होटल मालिक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्या के बारे में सिर्फ इतना पता चल सका है कि ये हत्या एक ग्राहक ने की थी क्योंकि उसकी एक कमरे को लेकर कुछ कहा सुनी हो गई थी। पुलिस के मुताबिक शेफील्ड हिलक्रेस्ट होटल के मालिक प्रवीण रावजी भाई पटेल की हत्या के सिलसिले में 34 सालके विलियम जेरमी मूल को गिरफ्तार किया गया था। मूर असल में कमरा किराए पर लेने आया था लेकिन इसी बीच बातचीत के दौरान उसका विवाद हो गया था और मूर ने पटेल को गोली मार दी।
भारतीयों पर हमले से व्हाइट हाउस चिंतित
भारतीयों के खिलाफ हो रहे घातक हमलों को लेकर व्हाइट हाउस ने भी चिंता जाहिर की है। व्हाइट हाउस में अमेरिका के नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के प्रवक्ता जॉन किर्वी ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और उनका प्रशासन भारतीयों पर हो रहे हमलों के लेकर काफी चिंतित भी है और उसे रोकने का हर मुमकिन प्रयास कर रहे हैं। जॉन किर्बी ने भारतीय छात्रों पर हमलों और माता पिता के बीच अपने बच्चों को अमेरिका में भेजने की चिंताओं के बारे में पूछे गए एक सवाल पर कहा कि अमेरिका में हिंसा के लिए नस्ल, लिंग धर्म या किसी और ऐसी नस्लीय वजहों की कोई जगह नहीं है। पिछले एक महीने के दौरान चार भारतीय छात्रों और तीन भारतीय मूल के लोगों की हत्या हो चुकी है।
4 फरवरी को हुआ था छात्र पर हमला
शिकागो में एक भारतीय छात्र पर हमला हुआ था। घटना का एक वीडियो सामने आया था। इसमें 3 हमलावर छात्र का पीछा करते नजर आए थे। इसके बाद तीनों ने उसे बुरी तरह पीटा था, फोन छीन लिया था और भाग गए थे। छात्र खून से लथपथ नजर आया था। अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर छात्र ने पूरी घटना के बारे में बताया था। खून से लथपथ उस छात्र का नाम सैयद मजाहिर अली है जो सोशल मीडिया में मदद की गुहार लगा रहा था। उसने बताया कि वो घर से खाना लेने के लिए निकला था। खाने का सामान खरीदने के बाद जब वो वापस आ रहा था तभी तीन लोग आए और मेरा पीछा करने लगे। उन्होंने मुझ पर हमला कर दिया। भीड़ जमा होने लगी तो मेरा फोन छीनकर भाग गए।
भारतीय छात्र की संदिग्ध हालत में मौत
भारतीय छात्र श्रेयस की मौत ओहायो में हुई। मौत की वजह सामने नहीं आ सकी। न्यूयॉर्क स्थित भारतीय कॉन्सुलेट ने श्रेयस की मौत के बारे में जानकारी देते हुए कहा था- श्रेयस रेड्डी बेनिगर बिजनेस की पढ़ाई कर रहा था। उसकी मौत की खबर से दुखी हैं। इस मामले में पुलिस की जांच चल रही है।
भारतीय मूल के छात्र से मारपीट, मौत
अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में एक भारतीय मूल के एक शख्स की मौत हो गई। 41 साल के विवेक तनेजा एक रेस्टोरेंट के बाहर बेहोश हालात में मिले थे। उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई। पुलिस के मुताबिक 2 फरवरी को रेस्टोरेंट के बाहर विवेक का एक शख्स के साथ झगड़ा हुआ था। दोनों के बीच मारपीट हुई थी। जब हम वहां पहुंचे तो विवेक बेहोशी की हालत में मिले। जमीन पर गिरने की वजह से उनके सिर पर गहरी चोट आई थी। उन्हें अस्पताल ले जाया गया। यहां 5 दिन बाद 7 फरवरी को उनकी मौत हो गई।
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