जिस सर्द दिसंबर में आर्मी में आए थे बिपिन रावत, उसी महीने में दुनिया को अलविदा कह दिया

SUNIL MAURYA

08 Dec 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:10 PM)

CDS Bipin Rawat की अनकही कहानी, Bipin Rawat Family और उनकी आर्मी में आने और दुनिया को अलविदा कहने की पूरी कहानी Read more crime news on Crimetak.in website

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CDS BIPIN RAWAT : अब से करीब 43 साल पहले. 16 दिसंबर 1978 का दिन. ये वही दिन था जब बिपिन रावत सेना में भर्ती हुए थे. उनकी भर्ती 11वीं गोरखा राइफल की पांचवीं बाटलियन में हुई थी. अब वही सर्द का मौसम. तारीख 8 दिसंबर 2021. दिन बुधवार.

जगह तमिलनाडु के कुन्नूर जिले का जंगल वाला एरिया. घना कोहरा. उसी कोहरे में अचानक सेना का Mi-17V5 हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ. पहाड़ी और जंगली इलाके में हुए इस हादसे ने पूरे देश को सन्न कर दिया.

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हेलिकॉप्टर में सवार 14 लोगों में से 13 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. जान गंवानों वाले में जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत भी हैं. 16 मार्च 1958 को जन्में बिपिन रावत ने 63 साल की उम्र में दुनिया को अलिवाद कह दिया.

पूरा नाम बिपिन लक्ष्मण सिंह रावत

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ यानी CDS जनरल बिपिन रावत के निधन की खबर ने सभी के दिल को दहला दिया. एक अजीब सा सन्नाटा पसर गया. लोग ये कहने लगे मौत कब, कैसे और कहां आ जाए, वाकई ये कोई नहीं बता सकता.

बिपिन रावत का पूरा नाम बिपिन लक्ष्मण सिंह रावत था. जिन्हें हम जनरल बिपिन रावत के नाम से जानते हैं. इनका जन्म 16 मार्च 1958 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में हुआ था. बताया जाता है कि रावत एक मिलिट्री टाइटल है जो राजपूतों को गढ़वाल के शासकों ने दिया था. जनरल बिपिन रावत के पिता भी सेना में थे. उनका नाम लक्ष्मण सिंह रावत है. वे सेना से लेफ्टिनेंट जनरल के पद से रिटायर हुए.

बिपिन रावत की शिक्षा

Bipin Rawat Education : बिपिन रावत ने देहरादून स्थित कैंबरीन हॉल स्कूल से शुरुआती पढ़ाई की. इसके अलावा वो शिमला के सेंट एडवर्ड स्कूल और भारतीय सैन्य अकैडमी देहरादून से भी शिक्षा ली थी. पढ़ाई के दौरान उनकी योग्यता को देखते हुए उन्हें 'स्वॉर्ड ऑफ ऑनर' दिया गया था. इन्होंने उच्छ शिक्षा अमेरिका से की थी. इसके अलावा, उन्होंने मद्रास यूनिवर्सिटी से डिफेंस स्टडीज में एमफिल, मैनेजमेंट में डिप्लोमा और कम्प्यूटर स्टडीज में भी डिप्लोमा किया था.

कब क्या-क्या बनें

पूर्व सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत साल 2019 में देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बनें.

बिपिन रावत की पहली तैनाती 16 दिसंबर 1978 में गोरखा राइफल्स में बतौर कमीशन ऑफिसर हुई थी.

वे 31 दिसंबर 2016 को थलसेना प्रमुख बने थे. इसके अलावा वो ब्रिगेड कमांडर समेत कई बड़े पदों पर रहे थे.

ये सम्मान मिले

· परम विशिष्ट सेवा मेडल

· उत्तम युद्ध सेवा मेडल

· अति विशिष्ट सेवा मेडल

· युद्ध सेवा मेडल

· सेना मेडल

इन वजहों से चर्चा में रहे थे बिपिन रावत

बिपिन रावत की काबिलियत ही थी कि साल 2016 में उन्हें आर्मी चीफ बनाया गया. उस समय आर्मी चीफ पद के लिए दो सीनियर अधिकारी थे. लेकिन इन्हें ही सरकार ने तरजीह दी थी.

सरहद पार जाकर दुश्मन से लड़ने का हुनर और हिम्मत रखने वाले थे बिपिन रावत. बात जून 2015 की है जब मणिपुर में भारतीय सेना पर आतंकी हमला हुआ था. इस हमले में 18 सैनिक शहीद हुए थे. तब 21 पैरा थर्ड कॉर्प्स के कमांडर बिपिन रावत ही थे जिसने सरहद पार करके म्यांमार में ऑपरेशन किया था. उस समय 60 से ज्यादा आतंकियों को ढेर कर दिया गया.

बिपिन रावत पाकिस्तान की हरकतों का करारा जवाब देने के लिए जाने जाते थे. 29 सितंबर 2016 को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारतीय सेना की स्पेशल कमांडो यूनिट ने जो बड़ा ऑपरेशन चलाया था उसे भी इन्होंने ही नेतृत्व किया था.

हादसे में पत्नी मधुलिका रावत की भी मौत

इस दुखद हादसे में जनरल बिपिन रावत की पत्नी मधुलिका रावत का भी निधन हो गया. लेकिन मधुलिका रावत के बारे में लोग ये कम ही जानते हैं कि वो परिवार संभालने के साथ साथ आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (AWWA) की अध्यक्ष भी थीं.

AWWA के अध्‍यक्ष के तौर पर मधुलिका रावत पर युद्ध या अन्य सैन्य ऑपरेशन के दौरान वीरगति को प्राप्‍त शहीदों की पत्नियों और आश्रितों की भलाई और सर्वागींण विकास की जिम्मेदारी थी. मधुलिका रावत ने शहीदों की पत्नियों के जीवन यापन और उनके विकास के लिए कई तरह के कार्यक्रम चलवा रहीं थीं.

मधुलिका रावत मध्य प्रदेश के शहडोल से ताल्लुक रखती थीं. वो यहां के रियासतदार कुंवर मृगेंद्र सिंह की दूसरी बेटी थीं. मधुलिका रावत ने अपनी पढ़ाई दिल्ली से की और दिल्ली यूनिवर्सिटी से ही मनोविज्ञान में ग्रेजुएशन किया था. परिवार में अब इनकी दो बेटियां ही हैं.

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