Serial Killer Ravinder: 'आरोपी यौन शिकारी से कम नहीं है। वो दया का पात्र नहीं है, लेकिन ये मामला Rarest of Rare Case नहीं है, क्योंकि न तो इस केस में चश्मदीद गवाह मौजूद है और न ही आरोपी का डीएनए पीड़िता की पजामी के अलावा कहीं और मिला। साथ-साथ आरोपी के खिलाफ जेल में रहते हुए कोई शिकायत मिली। लिहाजा आरोपी को मौत की सजा नहीं दी सकती है। अदालत ने आरोपी को उम्र कैद की सजा सुनाई।
ऑर्डर ...ऑर्डर...ऑर्डर, आरोपी यौन शिकारी से कम नहीं, लेकिन मौत का हकदार नहीं
25 May 2023 (अपडेटेड: May 25 2023 5:50 PM)
Serial Killer Ravinder : ...जब कोर्ट में आरोपी रविंद्र ने कहा कि मेरे प्रति नरमी बरती जाए! आरोपी यौन शिकारी से कम नहीं - अदालत ने की सख्त टिप्पणी, लेकिन नहीं दी मौत की सजा
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'आरोपी यौन शिकारी से कम भी नहीं है '
इससे पहले अदालत में दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस हुई।
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बचाव पक्ष का कहना था
Serial Killer Delhi: आरोपी गरीब परिवार से ताल्लुक रखता है। उसके प्रति नरमी बरती जानी चाहिए। उसे सुधरने का मौका मिलना
चाहिए। आरोपी ने जघन्य तरीके से मर्डर नहीं किया है। लिहाजा कम से कम सजा मिलनी चाहिए।
क्या बोला आरोपी?
इस दौरान आरोपी ने भी नरमी बरतने की अदालत से गुजारिश की।
ये कहा अभियोजन पक्ष ने (पुलिस का अदालत में पक्ष रखने वाले वकील)
अभियोजन पक्ष का साफ कहना था कि आरोपी यौन शिकारी है।
वो 30 मामलों में शामिल रहा है।
उसे अधिकत्तम सजा मिलनी चाहिए।
यानी मौत की सजा।
उसके सुधरने की कोई गुंजाइश नहीं है।
उसके प्रति कोई नरमी नहीं बरती जानी चाहिए।
आरोपी को अपनी गलती का अब तक पछतावा नहीं है।
उसने मासूम के साथ ने सिर्फ रेप किया, बल्कि उसकी हत्या तक कर दी।
वो 30 से ज्यादा इसी तरह के मामलों में शामिल है।
अदालत का रुख, आरोपी यौन शिकारी से कम भी नहीं है, लेकिन फिर भी नहीं दी मौत की सजा
Delhi Serial killer Ravinder: अदालत ने कहा कि सबूतों से साफ है कि आरोपी ने न सिर्फ बच्ची के साथ रेप किया, बल्कि उसकी हत्या तक कर दी। रोहिणी कोर्ट के Additional Session Judge सुनील कुमार ने कहा, 'बचाव पक्ष की ये दलील कि आरोपी गरीब है, ये कोई आधार नहीं है कि उसके प्रति नरमी बरती जाए। हालांकि उसके खिलाफ जेल से कोई नेगेटिव रिपोर्ट नहीं है। उसका बर्ताव जेल में ठीक था। जहां तक बात मृत्यु दंड देने की है तो ऐसे में कोई संदेह नहीं होना चाहिए, लेकिन इस केस में संदेह है। आरोपी का डीएनए सिर्फ पीड़िता की पजामी से मिला है, दूसरी जगहों से नहीं। साथ साथ इस केस में कोई चश्मदीद नहीं है। ऐसे में संदेह बरकरार है। आरोपी यौन शिकारी से कम भी नहीं है। उसे ज्यादा से ज्यादा सजा मिलनी चाहिए, जिससे समाज में एक संदेश जाए।
जज सुनील कुमार ने डीएलएसए DLSA, नार्थ वेस्ट को निर्देश दिया कि वो पीड़िता के परिजनों को 15 लाख रुपए का भुगतान करे, क्योंकि आरोपी के पास पैसे तक नहीं है।
आरोपी गरीब है, लिहाजा मुआवजा DLSA (Delhi Legal Services Authority)देगी
लिहाजा आरोपी को उम्र कैद की सजा सुनाई जाती है। साथ-साथ आरोपी की गरीबी को देखते हुए सरकार अब 15 लाख रुपए मुआवजे के तौर पर पीड़िता के परिवार को देगी, लिहाजा उसे उम्र कैद की सजा देना ही न्यायसंगत है।
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