30 सितंबर को पानीपत के रहने वाले मजहर आलम ने पानीपत के मॉडल टाउन थाने की आठ मरला चौकी पर इत्तिला दी कि वो बिहार का रहने वाला है और यहां पर एक फैक्ट्री में मजदूरी करता है। आलम ने ये भी बताया कि वो और उसकी पत्नी एक ही फैक्ट्री में मजदूरी करती हैं और उनके तीन बच्चों को वो किराये के कमरे में छोड़कर जाते हैं।
मात्र 600 रुपये के लिए हुई किडनैपिंग की कहानी,3 घंटे में पुलिस ने बरामद किया 4 साल का मासूम!
Kidnapping for rs 600 in panipat
ADVERTISEMENT

01 Oct 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:06 PM)
गुरुवार को उसके मकान मालिक ने फोन कर उसे बताया कि कोई आदमी उसके एक बच्चे को उठाकर ले गया है। जानकारी मिलने पर हैरान-परेशान आलम कमरे पर पहुंचा तो पता चला कि उसका चार साल का मंझला बेटा गायब था। बच्चों और दूसरे लोगों ने बताया कि बच्चे को अगवा करने वाला गंजा था और उसकी चोटी थी।
ADVERTISEMENT
आलम ने पुलिस को बताया कि जिस तरह का हुलिया पता चला है उसके मुताबिक ये शख्स उसका जानने वाला महेश हो सकता है। आलम से जब महेश के घर का पता पूछा तो उसने जानकारी होने से इंकार कर दिया। जिसके बाद पुलिस ने अपनी तफ्तीश शुरु की और तीन घंटे में महेश के घर का पता लगाकर उसके यहां पर पहुंच गए।
वहां से पुलिस को आलम का चार साल का बच्चा मिल गया। पुलिस ने महेश को भी गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने अब महेश से बच्चे को अगवा करने की वजह पूछी तो उसने जो बताया उसे सुनने के बाद पुलिस भी हैरान थी। महेश ने पुलिस को बताया कि वो आलम को काफी वक्त से जानता है। कुछ महीनों पहले आलम ने महेश से 1200 रुपये उधार लिए थे।
इसमें से 600 रुपये तो आलम ने वादे वाले वक्त पर वापस कर दिए लेकिन 600 रुपये की उधारी अब भी आलम के सिर पर चढ़ी हुई थी। महेश बार-बार आलम से अपने 600 रुपये मांग रहा था लेकिन आलम के पास पैसे नहीं थे कि वो उसकी उधारी चुका सके। वारदात वाले दिन महेश ने आलम को धमकी दी थी कि अगर वो उसके पैसे वापस नहीं करेगा तो उसे बहुत बड़ा नुकसान झेलना पड़ेगा।
जब आलम और उसकी पत्नी काम करने फैक्ट्री चले गए तो पीछे से महेश ने आलम के बेटे शाहिद को अगवा कर लिया और अपने कमरे पर ले गया। पुलिस ने महेश को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है और मामले की तफ्तीश कर रही है।
हालांकि 600 रुपये के लिए की गई इस किडनैपिंग को सुनकर समझ आता है कि अय्याशी में लाखों रुपये उड़ाने वालों की नजर में पैसे की कोई कीमत ना हो लेकिन मजदूरी कर गुजारा करने वालों के लिए 600 रुपये की उधारी भी जिंदगी का सिरदर्द बन जाता है।
ADVERTISEMENT
