कौन है गोगामेड़ी हत्याकांड का असली साजिशकर्ता वीरेंद्र चारण?

Gogamedi Murder Case : सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के बाद जो एक नाम सुर्खियों में बना हुआ है, वो है वीरेंद्र चारण। वीरेंद्र चारण गोदारा का खास आदमी है। वो गैंगस्टर राजू ठेहट और रामलाल मेघवाल की हत्या में शामिल था।

Gogamedi Murder Case

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11 Dec 2023 (अपडेटेड: Dec 11 2023 12:25 PM)

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Gogamedi Murder Case : सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के बाद जो एक नाम सुर्खियों में बना हुआ है, वो है वीरेंद्र चारण। वीरेंद्र चारण गोदारा का खास आदमी है। वो गैंगस्टर राजू ठेहट और रामलाल मेघवाल की हत्या में शामिल था। इस वक्त वो अजमेर जेल में बंद है। उसी ने गोदारा के कहने पर गोगामेड़ी की हत्या की साजिश रची। तो फिर क्या साजिश लारेंस ने नहीं रची?

वीरेंद्र चारण कौन है?

पुलिस के मुताबिक, इसने शूटरों की पहचान की और उन्हें हथियार मुहैया कराए। उसके कहने पर ही रोहित राठौर और नितिन फौजी करणी सेना के प्रमुख सुखदेव गोगामेड़ी की हत्या के लिए तैयार हुए थे। उसने ही जयपुर में दोनों शूटरों को हथियार मुहैया कराए थे।

सवाल ये उठता है कि दोनों की वीरेंद्र से कहां मुलाकात हुई थी?  

वीरेंद्र ने इन दोनों को ही क्यों चुना?

उसने हथियार कहां से अरेंज किया?

रोहित और वीरेंद्र जेल में एक-दूसरे के संपर्क में आए थे। तब से दोनों साथ में काम कर रहे हैं। एक लाख का इनामी गैंगस्टर वीरेंद्र चारण राजस्थान के चूरू जिले के सुजानगढ़ का रहने वाला है। साल 2015 में वो अरेस्ट हुआ था।

जेल बनी नेटवर्क की बेहतर जगह

जेल में वो कई गैंगस्टरों के संपर्क में आया। वहां उसने अपना एक नेटवर्क बना लिया। उसकी दोस्ती आनंदपाल सिंह और रोहित गोदारा से हुई। साल 2022 में उसे जमानत मिली तो जेल से बाहर आ गया।

राजू ठेहट की हत्या का भी मास्टरमाइंड था!

इसके बाद उसने गोगामेड़ी के करीबी गैंगस्टर राजू ठेहट की हत्या की साजिश वीरेंद्र ने रची। उसके लिए शूटरों का इंतजाम किया।

3 दिसंबर 2022 को गैंगस्टर राजू ठेहट की वीरेंद्र चारण और उसके गुर्गों ने हत्या कर दी थी। गोगामेड़ी और राजू ठेहट के बीच दोस्ती गहरी थी। दोनों एक साथ मिलकर प्रॉपर्टी का कारोबार करते थे। यही बात रोहिता गोदारा को खटकती थी, इसलिए सबसे पहले उसने ठेहट की हत्या करवाई थी। गैंगस्टर राजू ठेहट हत्याकांड में वीरेंद्र चारण को जेल हो गई। इसके बाद उसने गोगामेड़ी की हत्या की साजिश रची।

पुलिस के मुताबिक, वीरेंद्र ने अपने गुर्गों के जरिए दोनों शूटरों को जयपुर में हथियार भेजवाए। उसी हथियार से दोनों ने हत्याकांड को अंजाम दिया। वारदात के पहले और उसके बाद दोनों शूटर लगातार वीरेंद्र के संपर्क में थे। गैंगस्टर रोहित गोदारा सिग्नल एप के जरिए लगातार शूटरों से संपर्क में बना हुआ था। इसके साथ ही उसने गोल्डी बराड़ को भी इस साजिश की जानकारी दी थी। 

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