माफिया अतीक-अशरफ हत्याकांड की जांच ने पकड़ी रफ्तार, आयोग ने सर्किट हाउस में डाला डेरा

TANSEEM HAIDER

01 Nov 2023 (अपडेटेड: Nov 1 2023 2:20 PM)

UP Crime Prayagraj: न्यायिक आयोग सर्किट हाउस में अगले तीन दिनों तक रुकेगा। इस दौरान कुछ लोगों से पूछताछ करने के साथ ही हत्याकांड से जुड़े नए तथ्य व साक्ष्य भी संकलित किए जाएंगे।

जांच जारी

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UP Crime Prayagraj: प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की जांच के लिए एक बार फिर न्यायिक आयोग का कैंप शुरू हो गया है। मंगलवार दोपहर बाद आयोग के एक सदस्य सर्किट हाउस पहुंच गए। बुधवार यानि आज आयोग के अध्यक्ष समेत अन्य सदस्यों के आने पर जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि हत्याकांड को लेकर आयोग की ओर से डीलेल्ड फाइंडिंग रिपोर्ट भी तैयार की जाएगी।

न्यायिक आयोग का कैंप शुरू हुआ

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न्यायिक आयोग सर्किट हाउस में अगले तीन दिनों तक रुकेगा। इस दौरान कुछ लोगों से पूछताछ करने के साथ ही हत्याकांड से जुड़े नए तथ्य व साक्ष्य भी संकलित किए जाएंगे। जांच अंतिम दौर में है और पूरी होने पर रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी। हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश दिलीप बाबा साहेब भोसले की अध्यक्षता में गठित पांच सदस्यीय न्यायिक आयोग हत्याकांड की जांच कर रहा हैl 

रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी

गौरतलब है कि हाल  ही में अतीक अहमद मर्डर केस में उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि पुलिस की ओर से कोई गलत काम नहीं पाया गया है. पुलिस हिरासत में अतीक और उसके भाई अशरफ अहमद की हत्या को लेकर सवाल उठे थे. अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ और गैंग के अन्य सदस्यों से जुड़े एनकाउंटर की जांच की मांग की गई. अब यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को एक रिपोर्ट सौंपी है. यूपी सरकार का दावा है कि राज्य पर लगाए गए सभी आरोप पूरी तरह से झूठे और निराधार हैं.

यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को एक रिपोर्ट सौंपी 

अतीक अहमद की हत्या और एनकाउंटर सहित मामलों की जांच की मांग करते हुए याचिकाएं दायर की गईं. कोर्ट ने राज्य सरकार को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था. कोर्ट में दो मुख्य याचिकाओं पर चर्चा हुई. एक वकील विशाल तिवारी द्वारा दायर किया गया था, जिसमें गैंगस्टर विकास दुबे, उसके गिरोह के सदस्यों, अतीक अहमद, अशरफ और अतीक के बेटे असद अहमद की हत्या सहित 183 मुठभेड़ों पर सवाल उठाए गए थे. दूसरी याचिका अतीक की बहन आयशा नूरी ने दायर की थी, जिसमें अपने भाइयों की हत्याओं की जांच की मांग की गई थी. 

यूपी सरकार ने अपनी रिपोर्ट में क्या कहा?

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी सरकार ने याचिकाओं में यूपी पुलिस पर लगाए गए सभी आरोपों को खारिज कर दिया है. यूपी सरकार ने हलफनामे में कहा है कि राज्य ने दिशानिर्देशों के अनुसार याचिकाकर्ता की दलीलों में उजागर की गई सात घटनाओं की गहन जांच की है और पुलिस की ओर से कोई गलती नहीं पाई गई है.

प्रयागराज जोन के एडीजी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम 

असद और मोहम्मद गुलाम की मौत के संबंध में, राज्य ने कहा कि जांच और मजिस्ट्रेट पूछताछ के दौरान पुलिस द्वारा कोई गलत काम नहीं पाया गया. यह भी उल्लेख किया गया कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव लोचन मेहरोत्रा की अध्यक्षता में दो सदस्यीय न्यायिक आयोग वर्तमान में इस मामले की जांच कर रहा है. रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि अतीक और अशरफ की हत्याओं की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के नेतृत्व में तीन सदस्यीय एसआईटी (विशेष जांच दल) का गठन किया गया था. फिलहाल, प्रयागराज जोन के एडीजी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम मामले की निगरानी कर रही है। 

लाइव टीवी पर गोली मारकर हत्या 

रिपोर्ट में कहा गया है कि याचिकाओं में उल्लिखित घटनाओं की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने में कोई चूक नहीं हुई है और राज्य के खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह से झूठे और निराधार हैं. यूपी सरकार ने दावा किया कि इस तरह के मामलों में पुलिस की हर कार्रवाई की नियमित रूप से निगरानी की जाती है और हर महीने पुलिस मुख्यालय स्तर पर जांच का विवरण संकलित किया जाता है.इसी साल 15 अप्रैल को अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की प्रयागराज में लाइव टीवी पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उस वक्त पुलिस दोनों को मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले गई थी।

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