जेल के मकड़जाल से निपटने के लिए जाल से पहरा

CHIRAG GOTHI

19 May 2023 (अपडेटेड: May 19 2023 12:19 PM)

Tihar Jail: दिल्ली के तिहाड़ जेल में 14 अप्रैल को पहले गैंगस्टर प्रिंस तेवतिया और 2 मई को गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के बाद ना सिर्फ तिहाड़ जेल में हड़कंप मच गया है। बल्कि एशिया की सबसे सुरक्षित जेल पर कई सवाल खड़े हो गए हैं।

tihar jail

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अरविंद ओझा के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट

अब मोबाइल, गुटका बाहर के अंदर फेंका तो जाल पर ही अटक जाएगा!

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Tihar Jail: दिल्ली के तिहाड़ जेल में 14 अप्रैल को पहले गैंगस्टर प्रिंस तेवतिया और 2 मई को गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के बाद ना सिर्फ तिहाड़ जेल में हड़कंप मच गया है। बल्कि एशिया की सबसे सुरक्षित जेल पर कई सवाल खड़े हो गए हैं।

स्पेशल सेल के सूत्रों के मुताबिक, आने वाले दिनों में जेल में गैंगवार की घटनाएं और बढ़ सकती हैं। ऐसे में तिहाड़ जेल प्रशासन ने जेल के अंदर एक Quick Response Team बनाई है, QRT में तमिलनाडु स्पेशल पुलिस और दिल्ली जेल स्टाफ के अलावा अर्धसैनिक बलों के जवान शामिल होंगे।

एक QRT में Assistant Superintendent के अलावा 7 से 8 जवान शामिल होंगे। QRT टीम anti riot equipment के साथ लैस होगी। इस तरह ये QRT टीम जेल में किसी तरह की गैंगवार अगर होती है तो खुद को सुरक्षित रखने के साथ-साथ खूंखार कैदियों का मुकाबला भी कर सकती है।

जेल प्रशासन की नई पहल

जेल में जाल

तिहाड़ जेल में हर तरफ जाल लगाया जा रहा है। ये बर्ड नेट है। जेल प्रशासन इस तरह का जाल हर जेल में लगा रहा है। दरअसल जेल के बाहर से और कभी कभी एक जेल नंबर से दूसरे जेल नंबर में मोबाइल फोन और ड्रग जेल के अंदर फेंका जाता है जिसका इस्तेमाल जेल में बंद खूंखार कैदी करते हैं। ऐसे में इस जाल के जरिए मोबाइल फोन और ड्रग और हथियारों को जेल के अंदर आने से रोका जा सकता है। हालांकि ये कितना कारगर साबित होगा ये देखने वाली बात होगी। QRT टीम बनाने से लेकर जेल में जाल बिछाने की कवायद ये बताती है की दिल्ली की हाई प्रोफाइल जेल में हालत कैसे हैं?

तिहाड़ जेल में जाल 

इन तमाम चीजों के अलावा बढ़ते खतरे को लेकर तिहाड़ जेल प्रशासन ने दिल्ली सरकार को लेटर लिख कर जेल में बंद खूंखार अंडर ट्रायल कैदियों को दूसरे राज्यों की जेलों में ट्रांसफर करने की मांग की है। तिहाड़ प्रशासन ने लेटर में लिखा है की ट्रांसफर ऑफ प्रिजनर एक्ट में संशोधन किया जाए ताकि किसी भी राज्य की जेल से दूसरे राज्य की जेल में अपराधियों को ट्रांसफर किया जा सके। फिलहाल नियम ये है की किसी दूसरे स्टेट में कैदियों का ट्रांसफर करने के लिए उस स्टेट की परमिशन लेनी होती। ट्रांसफर ऑफ प्रिजनर एक्ट में बदलाव देश की संसद ही कर सकती है। 
 

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