संतोष शर्मा के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट
यूपी सिपाही भर्ती पेपर लीक करने वाला असली मास्टरमाइंड गिरफ्तार, प्रिंटिंग प्रेस से हुआ था पेपर लीक
UP Paper Leak Mastermind Arrested: यूपी पुलिस पेपर लीक मामले में यूपी एसटीएफ को बड़ी कामयाबी मिली है।
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UP Paper Leak Mastermind Arrested
15 Mar 2024 (अपडेटेड: Mar 15 2024 1:44 PM)
UP Paper Leak Mastermind Arrested: यूपी पुलिस पेपर लीक मामले में यूपी एसटीएफ को बड़ी कामयाबी मिली है। सिपाही भर्ती का पेपर लीक करने वाला असली मास्टरमाइंड अब पुलिस की गिरफ्त में आ गया है। राजीव उर्फ राहुल मिश्रा समेत दो लोगों को एसटीएफ ने दबोचा है। एसटीएफ की टीमें पकड़े गए दोनों आरोपियों से पूछताछ के बाद कई और लोगों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है। सूत्रों के अनुसार, पता चला है कि प्रिंटिंग प्रेस के नेटवर्क से यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हुआ था। प्रिंटिंग प्रेस से पेपर निकलने के बाद क्वेश्चन पेपर को ट्रांसपोर्ट करने वाली कंपनी ने लीक किया था।
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राजीव था असली मास्टरमाइंट!
जांच में पता चला है कि UPTET पेपर लीक मामले में भी राजीव उर्फ राहुल मिश्रा ही असली मास्टरमाइंड था। बता दें कि बीते 17 /18 फरवरी को उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही भर्ती परीक्षा हुई थी। इसके बाद सोशल मीडिया में पेपर लीक होने के सबूत अपलोड कर दिए गए थे। इसके बाद यूपी सरकार ने ये परीक्षा रद्द कर दी थी। पेपर लीक होने के बाद पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड की DG रेणुका मिश्रा को भी हटा दिया गया था। इसकी जांच सरकार ने एसटीएफ को सौंपी थी।
अब तक मास्टरमाइंड समेत 10 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। गिरफ्तार हुए आरोपियों में मुख्य आरोपी राजीव नयन मिश्रा और रवि अत्री ने ही दिल्ली पुलिस के सिपाही विक्रम पहल को पेपर दिया था। राजीव मिश्रा और रवि अत्री के नेटवर्क से जुड़े अभिषेक शुक्ला ने पेपर ट्रांसपोर्ट करने वाली कंपनी के दो कर्मचारियों से पुलिस भर्ती का पेपर निकलवाया था।
दिल्ली पुलिस का सिपाही भी था पेपर लीक गैंग का सदस्य
जांच में पता चला है कि दिल्ली पुलिस का सिपाही विक्रम पहल, राजीव नयन मिश्रा रवि अत्री और अभिषेक शुक्ला गुरुग्राम में 1000 अभ्यर्थियों को रिसोर्ट में इकट्ठा कर पेपर से 2 दिन पहले अभ्यार्थियों को पेपर की तैयारी करने वाले नेटवर्क से सीधे जुड़े हैं।
UP Paper Leak Arrest: यूपी एसटीएफ ने पुलिस भर्ती परीक्षा की द्वितीय पाली का पेपर लीक कराने वाले कथित गिरोह के सात सदस्यों को मेरठ एवं दिल्ली से पेपर तथा उत्तर कुंजी के साथ गिरफ्तार किया था। इनके कब्जे से आठ मोबाइल फोन, 18 फरवरी को उप्र पुलिस भर्ती परीक्षा (द्वितीय पाली) का एक प्रश्न पत्र और एक उत्तर कुंजी भी बरामद की गई थी। पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम दीप उर्फ दीपक, बिट्टू, प्रवीण, रोहित, नवीन कुमार एवं साहिल थे। इन लोगों से पूछताछ के आधार पर गौतमबुद्ध नगर निवासी प्रमोद पाठक को दिल्ली के मुखर्जी नगर से गिरफ्तार किया गया था।
एसटीएफ के बयान में कहा था कि ये गिरोह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए सॉल्वरों की व्यवस्था करने और प्रश्न पत्र लीक करने में भी शामिल था। पुलिस ने कहा कि आरोपियों के पास से 2024 कांस्टेबल भर्ती परीक्षा से संबंधित कई दस्तावेज, मोबाइल फोन, भर्ती परीक्षा के हल किए गए प्रश्न पत्र, कई मोबाइल फोन और नकदी जब्त की गई थी। आरोपियों ने कांस्टेबल परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक करने का वादा करके अभ्यर्थियों से 8 लाख से 10 लाख रुपये वसूले थे।
17 और 18 फरवरी 2024 को यूपी में पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया था। इसके बाद इसका पेपर कई घंटों पहले सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा था। इसके बाद पूरे राज्य में छात्रों ने जमकर हंगामा किया। करीब 50 लाख अभ्यार्थियों ने ये पेपर दिया था। करीब 60 हजार पदों के लिए ये परीक्षा आयोजित की गई थी। इसके बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने परीक्षा को निरस्त करने का आदेश दिया था और ये कहा था कि ये परीक्षा 6 महीने में दोबारा कराई जाए।
जांच कमेटी की रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि परीक्षा रद्द होने के बाद से भर्ती बोर्ड की इंटर्नल असेसमेंट कमेटी रिपोर्ट नहीं दे पाई थी और ना ही समय पर मामले में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। उधर, RO/ARO पेपर भी लीक हुआ था। यूपी के 56 जिलों में बीते 11 फरवरी को हुई RO-ARO यानी समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी की परीक्षा को लेकर सरकार ने कड़ा फैसला लिया था। इसको लेकर भी कड़ा एक्शन लिया गया था।
पेपर लीक के आरोप के साथ यूपी लोक सेवा आयोग के प्रयागराज स्थित दफ्तर अभ्यर्थियों ने घेर लिया था। 29 फरवरी को आगरा में इंटरमीडिएट में जीव विज्ञान और गणित का पेपर लीक होने का भी मामला सामने आया था, जिसको लेकर उत्तर प्रदेश बोर्ड ने जांच कमेटी गठित की थी।
एक साथ इतने पेपर लीक होने के बाद कई सवाल खड़े हो गए है। खासकर यूपी सरकार इसको लेकर चिंतित है। इसी वजह से कड़ा एक्शन लिया गया था।
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