ED Against Corruption: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आखिरकार संजय राउत पर शिकंजा कस ही लिया... . ईडी ने संजय को PMLA के तहत गिरफ्तार किया...संजय राउत के घर से ईडी को 11.50 ला ख रुपये कैश भी मिले...
केंद्रीय जांच एजेंसी का एक सियासी नेता पर हाथ डालने के मतलब तो यही था कि सियासी ड्रामा होना और वो हुआ भी फिर चाहें वो खिड़की से झांकना हो या फिर घर से निकलकर अपना गमछा हवा में लहराया या फिर गिरफ़्तारी से पहले वो मां का आरती उतारना।
ये सब कुछ सियासी था...और ऐसे में उनका बयान भी सियासत से पूरी तरह से सराबोर नज़र आया।
ED के शिकंजे में आए संजय राउत, पात्रा चॉल ज़मीन घोटाला मामले में किए गए गिरफ्तार
01 Aug 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:24 PM)
Enforcement Directorate: शिवसेना के सांसद (Member Of parliament) संजय राउत को प्रवर्तन निदेशालय ने PMLA के तहत पात्रा चॉल ज़मीन घोटाला (Patra Chawl Land Scam) मामले में गिरफ्तार किया है
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संजय राउत ने गिरफ्तारी के बाद मीडिया से कहे अपने दो शब्दों में ये जताने की कोशिश की कि जो कुछ भी उनके साथ हो रहा है वो सब कुछ सियासी है और केंद्र सरकार उनके ख़िलाफ एक साजिश के तहत कार्रवाई कर रही है। यानी संजय राउत का दावा है कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने उन पर जो भी इल्ज़ाम गढ़े वो सब के सब झूठे हैं और सबूत भी सही नहीं हैं। रविवार की शाम से ही केंद्रीय जांच एजेंसी यानी ED और संजय राउत के बीच हू तू तू वाला खेल शुरू हो गया था।
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ED Against Corruption: खबर फैलने के बाद भारी संख्या में समर्थक संजय राउत के घर के बाहर जमा हो गए....यहां तक कि ईडी की टीम का रास्ता ही रोक लिया गया...हालांकि पुलिस को पसीना बहाना पड़ा लेकिन समर्थकों की भीड़ को वहां से हटा दिया गया।
उधर प्रवर्तन निदेशालय का ये आरोप था कि संजय राउत जांच में सहयोग नही कर रहे। सामने आई जानकारी कहती है कि
जब संजय राउत से जांच एजेंसी ने अपने साथ ED ऑफिस चलने को कहा तो उन्होंने सांसद होने का हवाला दिया और 7 अगस्त तक का समय मांगा था
छापेमारी के वक्त संजय राउत ने सफाई दी थी कि एक जिम्मेदार सांसद के रूप में संसद सत्र में भाग लेना है और इसलिए वह 20 और 27 तारीख को ईडी के सामने पेश नहीं हुए।
मामला एक सियासी कद्दावर नेता का था और कार्रवाई कर रही थी एक केंद्रीय जांच एजेंसी...
ऐसे में सियासत को भी अपनी रोटी सेंकने का मौका मिल ही गया । इस पर महाराष्ट्र भाजपा के एक नेता ने चुटकी लेते हुए कहा कि अगर संजय राउत दूध के धुले हैं तो केंद्रीय जांच एजेंसी यानी प्रवर्तन निदेशालय भी उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकेगा।
सवाल उठता है कि आखिर ED को संजय राउत को गिरफ़्तार क्यों करना पड़ा...
ED Against Corruption: क्योंकि ED के आरोप बेहद संगीन हैं...आरोपों की फेहरिस्त कुछ इस तरह है कि
- गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने MHADA को गुमराह किया और बिना फ्लैट बनाए ही जमीन बिल्डरों को 901.79 करोड़ रुपये में बेच दी...
- गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने Meadows नाम से एक प्रॉजेक्ट शुरू किया और खरीदारों से फ्लैट के लिए 138 करोड़ रुपये जुटाए.
- जांच में सामने आया कि कंस्ट्रक्शन कंपनी ने गैरकानूनी तरीके से 1,034.79 करोड़ रुपये से
ज्यादा की कमाई की
-कंस्ट्रक्शन कंपनी ने गैरकानूनी तरीके से कमाई रकम को अपने सहयोगियों को ट्रांसफर किए...
- ED के मुताबिक गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड असल में HDIL की सिस्टर कंपनी है. जांच में ये भी सामने आया कि HDIL ने करीब 100 करोड़ रुपये प्रवीण राउत के खाते में जमा कराए थे.
- 2010 में प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी ने संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत के खाते में 83
लाख रुपये ट्रांसफर किए थे....
- उस रकम से वर्षा राउत ने दादर में एक फ्लैट खरीदा .
- ED की जांच शुरू होने के बाद वर्षा राउत ने माधुरी राउत के खाते में 55 लाख रुपये भेजे ...
- ED के मुता बि क, प्रवीण राउत ने राकेश वधावन और सारंग वधावन के साथ मिलकर हजार
करोड़ रुपये से ज्यादा की हेरा फेरी की है...
- ED ने प्रवीण राउत और उसके करीबी सुजीत पाटकर से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की थी
- प्रवीण राउत और संजय राउत कथित तौर पर दोस्त हैं...
- आरोप है कि म्हाडा लैंड डील में प्रवीण राउत को कमीशन के रूप में 95 करोड़ रुपये मिले. जिस सुजीत पाटकर का नाम सामने आया और ईडी ने छापा मारा उसका लिंक भी संजय राउत से जुड रहा है...असल में सुजीत, संजय राउत का करीबी बताया जाता है....
- इतना ही नहीं सुजीत पाटकर की एक वाइन ट्रेडिंग कंपनी है...और उसी कंपनी में संजय राउत की बेटी पार्टनर है।
इस बीच संजय राउत की गिरफ्तारी के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे संजय राउत के परिवार के लोगों से मिलने उनके घर पहुँचे और वहां उन्होंने ने भी वही बात दोहराई जो संजय राउत अपने घर से जाते वक्त कहकर निकले थे कि उन्हें सरकार जानबूझकर झूठे आरोपों में फंसा रही है।
बहरहाल अभी तक कई पर्ते उतरनी और खुलनी बाकी हैं...प्रवर्तन निदेशालय ने संजय राउत को अपने शिकंजे में ले भी लिया है...ज़ाहिर है कि अब जब तक सारे राजे नहीं खुल जाते या तमाम आरोपों के जवाब नहीं मिल जाते तब तक तो संजय राउत आजाद हवा में सांस लेने से रहे...
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