Russia Ukraine War : रूसी राष्ट्रपति पुतिन के 'प्लान' का हिस्सा तो नहीं यूक्रेन का 'डर्टी बम'

पुतिन का नया प्लान, डर्टी बम की आड़ में पुतिन की नई चाल, यूक्रेन को बदनाम करने की नई चाल, बिसात पर पुतिन की बड़ी चाल, Russia Ukraine War Dirty Bomb Putin new Move Propaganda Russian military

CrimeTak

08 Mar 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:15 PM)

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जंग की फ़िज़ा में पुतिन का नया 'प्लान'

Russia Ukraine War: एक कहावत आम है कि मोहब्बत और जंग में सब जायज है। और इस कहावत को बीते 12 दिनों के दौरान दुनिया ने न जाने कितनी बार हक़ीक़त में होते हुए देखा है। और शायद जब तक ये जंग की आंधी चलती रहेगी, इस कहावत को नज़रों के सामने आने के बेहिसाब मौके मिलते भी रहेंगे।

इस वक़्त एक बार फिर ऐसा ही कुछ शिगूफ़ा जंग के गुबार के बीच फिज़ा में मंडराता दिखाई दे रहा है। क्योंकि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने जासूसी दिमाग से दिमागी खेल खेलना शुरू कर दिया है और अपने तमाम ताक़तवर बमों को यूक्रेन के ख़िलाफ़ इस्तेमाल करने के लिए भूमिका बनानी शुरू कर दी है। जिसे नाम दिया गया है ‘डर्टी बम’।

रूस ने छेड़ा 'डर्टी बम' का नया शिगूफ़ा

Russia Ukraine Conflict: व्लादिमीर पुतिन ने इस डर्टी बम का नाम लेकर पूरी दुनिया के सामने यूक्रेन को दोगला साबित करने का एक नया दांव चला है और अपने प्रॉपगैंडा मीडिया के ज़रिए इस बात को फैलाने की तगड़ी प्लानिंग को ज़मीन पर उतारने का रास्ता निकाला है। शायद पुतिन की प्लानिंग यही है कि एक शिगूफे को फैलाकर पहले अपनी मंशा के बमों का धमाका किया जाए और फिर उसकी आड़ में जंग को मनचाहे रास्ते पर ले जाया जाए।

तभी तो व्लादिमीर पुतिन की उस सेना ने बातों के धमाके करने शुरू कर दिए हैं जिसको यूक्रेन को बदनाम करके अपनी चालों को कामयाब बनाने का सबसे बड़ा टास्क मिला हुआ है।

यूं तो रूसी सेना के टैंक, और रूस की मिसाइलें बीते 12 दिनों से बेहिसाब बम और बारूद यूक्रेन की ज़मीन पर बरसा चुकी हैं। जिसने यूक्रेन के क़रीब एक दर्जन से ज़्यादा शहरों को क़रीब क़रीब बर्बाद सा कर दिया है। लेकिन अभी भी व्लादिमीर पुतिन की मुराद पूरी नहीं हुई है, तभी तो उसने अब अपनी चाल को और रफ़्तार देने और अपनी मार को और तगड़ा करने का नया रास्ता निकाला है।

रूस के दावे में न तो कोई सबूत है और न ही कोई सुराग़

Russia Ukraine: रूसी मीडिया के हवाले से ये दावा किया जा रहा है कि यूक्रेन ने रूसी सेना को रोकने के लिए जो बम इस्तेमाल कर रहा है वो बम बेशक परमाणु बम नहीं हैं लेकिन उनका असर किसी परमाणु बम के ख़तरे से कम भी नहीं है।

रूसी मीडिया का दावा है कि यूक्रेन ने उस बर्बाद हो चुके चेर्नोबिल परमाणु प्लांट में ऐसे बमों को तैयार किया है, जो धमाका तो किसी भी साधारण बम की ही तरह करते हैं, लेकिन उसके बारूद में परमाणु बम के उस मैटेरियल की मिलावट की गई है जिससे विकिरण फैलता है।

यानी रूसी दावे पर अगर ग़ौर किया जाए तो अब तक कि इस जंग में यूक्रेन ने रूसी सेना को रोकने के लिए जहां जहां भी धमाके किए, उनमें से कई जगहों पर ऐसे बमों का भी इस्तेमाल किया गया जिन्हें रूस डर्टी बमों की जमात का हिस्सा मानता है। और ये डर्टी बम बेहद ख़तरनाक बम हैं जिन्हें परमाणु बमों के कुनबे का ही माना जा सकता है।

यूक्रेन पर आंखों में धूल झोंकने का इल्ज़ाम

Russia Ukraine Dispute: तास और RIA जैसी एजेंसियों के हवाले से रूस ने दावा किया है कि यूक्रेन का जो चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट साल 2000 से पूरी तरह से बंद है। इतना ही नहीं दुनिया में मची परमाणु हथियारों की होड़ से भी यूक्रेन ने खुद को 1994 से ही दूर कर लिया था। बावजूद इसके यूक्रेन ने ऐसे डर्टी बम बनाए हैं और वो भी दुनिया भर की आंखों में धूल झोंककर, क्योंकि इन बमों को तैयार करने में उसने उसी चेर्नोबिल न्यूक्लियर पॉवर प्लांट का इस्तेमाल किया जो दुनिया की नज़र में पूरी तरह से बंद हो चुका है।

ऐसे में यहां एक और सवाल ज़रूर खड़ा होता है कि क्या रूस जो दावा कर रहा है, उसको साबित करने के लिए उसके पास कोई सबूत या कोई पुख़्ता सुराग़ है? साथ ही रूस ने यूक्रेन के ख़िलाफ़ जिस डर्टी बम के इस्तेमाल का इल्ज़ाम लगाया है, वो वाकई में कितना गंभीर है, और आखिर रूस के पास क्या आधार है कि वो इन इल्ज़ामों की आड़ लेकर यूक्रेन के ख़िलाफ ये डर्टी चाल चल रहा है।

साधारण बम के बारूद में रेडियोएक्टिव तत्व की मिलावट

Russia Ukraine News: यूक्रेन के ख़िलाफ़ अपने हमले को और तीखा करने के लिए व्लादिमीर पुतिन ने जिस तर्क की आड़ ली है उसका उनके पास कोई पुख़्ता सबूत नहीं है। अलबत्ता वो ये दावा करने से नहीं चूक रहे हैं कि साल 2000 में जब चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट बंद किया जा रहा था उस वक़्त यूक्रेन डर्टी बम बनाने के बेहद नज़दीक था।

यानी पुतिन की बातों पर अगर यक़ीन किया जाए तो यूक्रेन ने ऐसे बम विकसित कर लिए हैं जिनमें न्यूक्लियर रेडियो एक्टिव तत्वों की मिलावट बम के बारूद में कर दी जाती है। जो बम के धमाके के बाद ठीक वैसा ही असर दिखाती है जैसा परमाणु बम के धमाके के बाद देखने को मिलता है।

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