आज देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट अतीक और अशरफ की हत्या के सिलसिले में जांच कराने वाली याचिकाओं को लेकर कोई फैसला सुना सकती है। असल में 15 अप्रैल 2023 की रात साढ़े दस बजे प्रयागराज में यूपी के माफिया डॉन अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की उस वक़्त गोली मारकर हत्या कर दी गई थी जब पुलिस की हिरासत में और पुलिस के घेरे में उन दोनों भाइयों को मेडिकल कराने के लिए प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल ले जाया गया था। उस वक़्त वहां पुलिस की पूरी एक टीम मौजूद थी और दोनों भाइयों को उसी टीम के घेरे में ले जाया जा रहा था। रास्ते में उन दोनों भाइयों को मीडिया के कैमरों के सामने कर दिया गया जहां देश के तमाम बड़े चैनलों ने में उनकी बाइट लाइव चलने वाली थी। तभी पत्रकारों की भीड़ से निकलकर सामने आए तीन हमलावरों ने अतीक और अशरफ को बेहद नज़दीक से गोली मार दी। और ये सब कुछ राष्ट्रीय न्यूज़ चैनलों पर सबने लाइव देखा था।
सुप्रीम कोर्ट तक पहुँचा अतीक और अशरफ की हत्या का मामला, PIL में यूपी के तमाम एनकाउंटर की फाइल खोलने की मांग
PIL on Atique and ashraf Killings: देश की सबसे बड़ी अदालत में एक जनहित याचिका दायर की गई है जिसमें अतीक और अशरफ की हत्या की जांच कराने की मांग है। सुप्रीम कोर्ट अब इस पर फैसला करेगा।
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सुप्रीम कोर्ट में होगी अतीक और अशरफ की हत्या के मामले में लगी PIL पर सुनवाई
28 Apr 2023 (अपडेटेड: Apr 28 2023 6:32 PM)
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इस हत्याकांड के सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है जिसमें मांग की गई है कि रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में इस हत्याकांड की जांच हो। याचिका में ये भी मांग की गई है कि यूपी में 2017 के बाद से जितने भी एनकाउंटर हुए या फिर गैर न्यायिक तरीके से हत्याओं को अंजाम दिया गया उनकी जांच कराई जाए।
इस बीच उत्तर प्रदेश पुलिस और एसटीएफ के लिए अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन और उसके वफादार शूटर बमबाज गुड्डू मुस्लिम की गुमशुदगी किसी मुसीबत से कम नहीं है। उमेश पाल की हत्या को दो महीने से ज़्यादा का वक्त बीत चुका है और पुलिस अभी तक दोनों की तलाश नहीं कर सकी है। इसी बीच पुलिस एसटीएफ शाइस्ता की मदद करने वाले एक वकील की रिमांड ली है।
इस वकील का नाम खान सौलत हनीफ बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि सौलत हनीफ कहने को वकील था लेकिन वकालत की आड़ में असल में वो अतीक और उसके गैंग के लिए काम करता था। खुलासा यही है कि वो अतीक के लिए वसूली और क्राइम सिंडीकेट के पैसे वसूल करके शाइस्ता तक पहुँचा देता था।
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