कश्मीर में पत्थरबाजों का हुक्कापानी बंद पत्थरबाजी की तो पड़ जाएंगे खाने के लाले

Crimetak.in

01 Aug 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:02 PM)

No passport and government aid to stone pelter in Kashmir

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पिछले दो साल में सेना ने पुलिस और अर्धसैनिक बलों के साथ संयुक्त ऑपरेशन में कश्मीर में कई आतंकियों को मार गिराया लेकिन बहुत ही कम ऐसे एनकाउंटर जहां पर पत्थरबाजी हुई हो।

अब पत्थरबाजों पर और नकेल कसने के लिए सरकारी की तरफ से सर्कुलर जारी किया गया है। इस सर्कुलर में लिखा है कि जो लोग देशविरोधी गतिविधियों औप पत्थरबाजी में शामिल है उन्हें पासपोर्ट और सरकारी नौकरियों के लिए सिक्युरिटी क्लीरियेंस नहीं दिया जाएगा ।

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यानि सरकार ने साफ कर दिया है कि पत्थरबाजी और सरकारी मलाई खाना एक साथ नहीं हो सकता है।

क्या लिखा है सर्कुलर में ?

कश्मीर की सभी सीआईडी यूनिट को ये निर्देश दिए जाते हैं कि पासपोर्ट सेवा, सरकारी नौकरी और सरकारी स्कीम के लाभार्थियों के बारे में रिपोर्ट देने से पहले उसके बारे में अच्छी तरह से जांच करें। ऐसा कोई भी लाभार्थी पत्थरबाजी, गैरकानूनी गतिविधि, आतंकी गतिविधि और देश विरोधी गतिविधि में शामिल न हो। ऐसे किसी भी लाभार्थी को क्लीन चिट देने से पहले उस इलाके के थाने के रिकॉर्ड को भी चैक किया जाए।

सत्यापन के लिए सुरक्षा एजेंसियों के रिकॉर्ड में मौजूद डिजिटल एवीडेंस जैसे सीसीटीवी फुटेज, वीडियो, ऑडियो क्लिप और ड्रोन तस्वीरें का इस्तेमाल भी किया जाए।

अगर कोई कैसे भी पत्थरबाजी में शामिल मिलता है तो उसका न ही तो पासपोर्ट बनेगा, ना ही जम्मू कश्मीर या देश के दूसरे हिस्से में उसे सरकारी नौकरी मिलेगा।

साथ ही किसी भी सरकारी स्कीम का फायदा भी नहीं मिलेगा। चाहें वो सरकारी अस्पतालों में मुफ्त स्वास्थ सेवा हो या फिर मुफ्त में मिलने वाला राशन ।

आतंकी मसूद अजहर का भतीजा एनकाउंटर में ढेर

जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के भतीजे अबू सैफुल्ला उर्फ लंबू को एनकाउंटर में मार गिराया। 14 फरवरी को हुए पुलवामा हमले में भी लंबू का हाथ था और कश्मीर पुलिस और सेना लंबे वक्त से उसकी तलाश कर रही थीं। वो साल 2017 में पाकिस्तान से कश्मीर आया था और कई आतंकी हमलों मे शामिल रहा था।

लंबू पहले भी कई बार सेना और पुलिस के जाल मे फंसा है लेकिन वो हर बार वो आम शहरियों को अपनी ढाल बनाकर बच निकलने में कामयाब हो जाता था। इस बार भी लंबू ने बचने के लिए दो औरतों को अपनी ढाल बनाने की कोशिश की थी लेकिन सेना के जवानों ने महज तीन मिनट के भीतर एनकाउटंर में लंबू और उसके साथी को ढेर कर दिया। इनके पास से सेना ने हथियार और गोला बारुद बरामद किए हैं।

पुलवामा हमले में कुल 19 लोगों को आरोपी बनाया गया था जिसमें से लंबू समेत नौ को सुरक्षा एजेंसियों ने मार गिराया जबकि छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले के पांच आरोपी अब भी फरार है जिनकी तलाश सेना और पुलिस कर रही है।

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