मणिपुर के लोगों को खाना और दवाएं जरूर मिलें - सुप्रीम कोर्ट

Manipur Violence: मणिपुर हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में भोजन और दवाइयों की सप्लाई और उपलब्धता को लेकर चीफ सेक्रेटरी से रिपोर्ट मांगते हुए निर्देश दिया कि किसी भी जरूरत को तुरंत हल करने के लिए जिला प्रशासन तैयार रहे।

Supreme Court on Manipur Violence

Supreme Court on Manipur Violence

06 Sep 2023 (अपडेटेड: Sep 6 2023 3:00 PM)

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संजय शर्मा के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट
Manipur Violence : णिपुर हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में भोजन और दवाइयों की सप्लाई और उपलब्धता को लेकर चीफ सेक्रेटरी से रिपोर्ट मांगते हुए निर्देश दिया कि किसी भी जरूरत को तुरंत हल करने के लिए जिला प्रशासन तैयार रहे। कोर्ट ने हथियारों की रिकवरी का रोडमैप भी मांगा है।  सुनवाई के दौरान मोरहे इलाके मे चिकनपॉक्स फैलने की स्थिति पर स्थिति रिपोर्ट मांगी है।

विशेषज्ञों की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के गृह सचिव को समिति के अध्यक्ष के साथ सीधे बातचीत करने का निर्देश दिया। विशेषज्ञों के नाम तय करने के लिए कोर्ट ने तीन दिन की मोहलत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर सरकार के हलफनामे को रिकॉर्ड पर लेते हुए कहा कि अगर कोई शिकायत है तो कमेटी के पास अपनी मांग रख सकते हैं। याचिकाकर्ताओं के वकील आनंद ग्रोवर ने आरोप लगाया कि कमेटी के पास कोई फंड नही है। सीजेआई ने तुषार मेहता को इसे देखने को कहा। सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि अवैध हथियारों के मामले में राज्य को कार्रवाई करनी ही होगी। चाहे वह किसी भी पक्ष के पास हो।

SG तुषार मेहता ने कहा कि हम हलफनामा दाखिल कर रहे है। पिछली सुनवाई में इलाके में चिकन पॉक्स जैसी बीमारी के फैलने और मोरेह इलाके में रास्ते बाधित होने की वजह से फूड सप्लाई में दिक़्क़त होने की आशंका उठाई गई थी। लेकिन ये दोनों बातें ग़लत पाई गई है। चिकन पॉक्स के वहां सिर्फ गिने चुने केस हैं। सरकार शुरुआत से ही पुनर्वास और राहत शिविरों के साथ साथ हिंसा ग्रस्त इलाकों में फ़ूड सप्लाई और ज़रूरी चीजों की सप्लाई सुनिश्चित कर रही है। इस मामले में जैसे पैनिक फैलाया गया इससे हम ज्यादा चिंतित है। चीफ जस्टिस ने कहा कि कमेटी रिपोर्ट में रखे तथ्यों की सच्चाई की परख कर सकती है।

इस पर SG तुषार मेहता ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को चाहिए कि वो स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें। हर चीज़ के लिए कमेटी को परेशान नहीं किया जाना चाहिए। 
सीजेआई ने इस पर कहा कि जब कोई शिकायत करे तो हम यह नहीं मान सकते कि शिकायत झूठी है। अदालत नागरिकों के अधिकारों - भोजन आदि के बारे में चिंतित है। हम सरकार से जांच करने के लिए कहेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल को कहा कि शवों के बारे में कुछ करना होगा। उन्हें ऐसे नहीं रखा जा सकता। अगली सुनवाई के दौरान ये बताएं कि इसे हल करने के लिए क्या करना होगा।

पीड़ितों को मुआवजा देने की योजना को लेकर उठाए गए कदमों पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया। दो हफ्ते बाद होगी सुनवाई।

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