करोड़ों की कारें, विदेशों तक कारोबार, Kanpur की तंबाकू कंपनी पर Income Tax की रेड!

CHIRAG GOTHI

01 Mar 2024 (अपडेटेड: Mar 1 2024 5:48 PM)

Kanpur Tobacco Raids: कानपुर (Kanpur) में आयकर विभाग (Income Tax Department) ने बंशीधर तंबाकू कंपनी पर छापा मार कर करोड़ों रुपए जब्त किए।

Kanpur Tobacco Raids

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सिमर चावला के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट
Kanpur Tobacco Raids: कानपुर (Kanpur) में आयकर विभाग (Income Tax Department) ने बंशीधर तंबाकू कंपनी पर छापा मार कर करोड़ों रुपए जब्त किए। कई कारें जब्त की। साथ-साथ आईटी को कई प्रापर्टिज के बारे में पता चला है। कंपनी के कानपुर के साथ ही दिल्ली, मुंबई, गुजरात समेत 20 ठिकानों पर छापेमारी की गई। कंपनी ने अपना टर्नओवर 20 से 25 करोड़ दिखाया है, लेकिन असल में यह टर्नओवर लगभग 100- 150 करोड़ के आसपास है।

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दो दिन से हो रही छापेमारी

29 फरवरी को आयकर विभाग ने तंबाकू कंपनी के ठिकानों पर छापेमारी की थी। ये छापेमारी आज दूसरे दिन भी जारी है। कंपनी मालिक के दिल्ली आवास पर 60 करोड़ रुपये कीमत से ज्यादा की कारें मिली हैं, जिसमें 16 करोड़ की रोल्स-रॉयस फैंटम (Rolls-Royce Phantom) भी शामिल है।

विदेशी गाड़ियां बरामद

'बंशीधर तंबाकू कंपनी' के मालिक के बेटे शिवम मिश्रा के आवास पर जिन कारों की तलाशी ली गई, उनमें मैकलेरन (McLaren), लेम्बोर्गिनी (Lamborghini) फेरारी (Ferrari), रोल्स-रॉयस (Rolls-Royce) जैसी लग्जरी गाड़ियां शामिल हैं।

कैश भी मिला

आयकर विभाग ने 4.5 करोड़ नकद जब्त किया है। करीब 80 साल से तंबाकू कारोबार से जुड़े फर्म के मालिक केके मिश्रा उर्फ मुन्ना मिश्रा का नयागंज में पुराना ऑफिस है।

टैक्स चोरी का मामला

शिवम मिश्रा के घर पर जो लग्जरी गाड़ियां बरामद हुई है, उनका जो नंबर था, वहीं बीएमडब्लू बाइक का भी नंबर 4018 है।  इनकम टैक्स विभाग के सूत्रों के मुताबिक, बंशीधर टेबेको प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से जुड़ी कई अन्य कंपनियां भी है। कंपनी का करीब 150 करोड़ रुपये से ज्यादा का सालाना टर्नओवर है, लेकिन टैक्स महज 25 करोड़ रुपये पर भरा जाता था। जांच में फर्जी बिल, कच्ची एंट्री और फर्जी चेक के जरिये करोडों रुपये की सालाना टैक्स चोरी के बारे में पता चला है। इनकम टैक्स विभाग की टीम करीब 20 घंटे से अकाउंट से जुड़ी तफ्तीश कर रही है। 

कंपनी के ठिकानों से कच्चे बिल और रसीद मिली है। बताया जा रहा है कि ये कंपनी 1931 में शुरू हुई थी। अब तक करोडों की टैक्स चोरी का आरोप है। कंपनी का कार्यालय कानपुर में है जबकि संचालन दिल्ली से होता है। जांच में कई बोगस कपनियों के बारे में भी जानकारी मिली है। कंपनी का मालिक और परिवार दिल्ली में रहते हैं,  जब कि कानपुर में सिर्फ कर्मचारी बिजनेस संभाल रहे हैं, जो कि फोन के जरिये मालिकों के संपर्क में रहते थे। कानपुर में जब रेड हुई तो वहां सिर्फ कर्मचारी ही मिले थे।

ऐसे में अब कई सवाल खड़े हो गए हैं - 

ये कंपनी कब से टैक्स चोरी कर रही थी?

क्या वाकई अब ढंग से मामले की जांच होगी?

क्या गुनाहगारों के खिलाफ सरकार सख्त कदम उठाएगे?

क्यों इतने दिनों तक आईटी विभाग को कंपनी की गतिविधियों के बारे में पता नहीं चला?

जाहिर है ये ऐसे सवाल हैं, जिनका जवाब जल्द से जल्द मिलना चाहिए ताकि सच सामने आ सके। आईटी विभाग इनके खातों के अलावा ये भी पता लगा रही है कि कंपनी के नाम पर और मालिकों के नाम पर कितनी नामी और बेनामी संपत्तियां हैं। 

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