12 मार्च 1993 के मुंबई बम धामकों के बाद दाऊद इब्राहिम भारत का मोस्ट वांटेड आतंकवादी बन गया. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने उसके गिरोह का इस्तेमाल करके मुंबई को दहलाया था और बदले में दाऊद को कराची में शरण दी थी.
भारत को दहलाने के लिए UNDERWORLD DON दाऊद का बनाया खुफिया प्लान जानकर दंग रह जाएंगे
ISI-Dawood terror plot to target many cities foiled, six arrested
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15 Sep 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:05 PM)
28 साल बाद फिर एक बार आईएसआई ने अपनी आतंकी साजिश को अमली जामा पहनाने के लिये दाऊद गिरोह का इस्तेमाल किया, लेकिन दिल्ली पुलिस ने उसकी साजिश नाकाम कर दी.
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आईएसआई की ये साज़िश 1993 सीरियल ब्लास्ट की साज़िश से मेल खाती है. 12 मार्च 1993 को आईएसआई ने पाकिस्तान से आरडीएक्स मुंबई के पास समुद्र तट पर भिजवाया. इसके लिये दाऊद के गुर्गे टाइगर मेमन के उस नेटवर्क का इस्तेमाल किया गया जिससे वो सोने-चांदी की तस्करी किया करता था.
1993 की साज़िश को अंजाम देने के लिये दाऊद गिरोह के सदस्यों को खाड़ी देशों के रास्ते पाकिस्तान ले जाया गया था, वहां पाकिस्तानी फौज के अधिकारियों ने उन्हें बम बनाने और हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी गई थी.
दिल्ली पुलिस की ओर से पर्दाफाश की गई साजिश में भी यही बात सामने आई है, गिरफ्तार लोगों में से कुछ मस्कट के रास्ते पाकिस्तान पहुंचे थे और उन्हें पाकिस्तानी फौजियों ने ट्रेनिंग दी.
12 मार्च 1993 बम धामकों की साज़िश में दाऊद के भाई अनीस इब्राहिम ने अहम भूमिका निभाई थी. सीबीआई की ओर से अदालत में दायर चार्जशीट के मुताबिक वो साज़िश के लिये बुलाई गई कई मीटिंग में मौजूद था, इस बार एक बार फिर भारत में आतंकी वारदातों की साज़िश रचने के लिये अनीस का नाम आ रहा है.
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