Odisha Honey Trap: रंगमहल में होती थी सेक्स पार्टी फिर बनता था वीडियो और की जाती थी ब्लैकमेलिंग!

GOPAL SHUKLA

14 Oct 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:28 PM)

Odisha Honey Trap: ओडिशा में हनीट्रैप और ब्लैकमेलिंग (Blackmail) का एक सनसनीखेज़ मामला सामने आया है जिसमें आरोपी महिला (Accused) ने कई रसूखदार नेताओं (Political Leader) को अपना शिकार (Trap) बनाया।

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Odisha Honey Trap: खूबसूरती का झांसा बड़े बड़ों को मुसीबत में फंसा देता है। लेकिन एक कहावत और भी है कि कभी कभी सयाना कौवा गंदगी में गिर जाता है। ये दोनों ही बातें ओडिशा (Odisha) की राजधानी भुवनेश्वर (Bhuvneshwar) में उस वक़्त सामने आईं जब यहां एक खूबसूरती के मायाजाल (Honey Trap) में फंसाकर अपना उल्लू सीधा करने वाली एक महिला पुलिस के कब्ज़े में आई।

सबसे दिलचस्प और चौंकाने वाली बात ये है कि इस मामले में जिस महिला को आरोपी बनाया गया है उसने एक दो नहीं बल्कि कई असरदार लोगों को अपने झांसे में लिया और उन्हें प्रेमजाल में फंसाकर उनसे दिल खोलकर वसूली भी की। बताया जा रहा है कि उसके इस झांसे में आने वालों लोगों में सियासी गलियारे के धाकड़ से धाकड़ लोग भी शामिल हैं।

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असल में ये मामला तब सामने आया जब भारतीय जनता पार्टी के एक नेता ने बाकायदा मीडिया के सामने इस बात का खुलासा किया है कि अर्चना नाग को बचाने में ओडिशा की राज्य सरकार के कई विधायक लगे हुए हैं। और सबसे हैरत की बात ये है कि भारतीय जनता पार्टी के एक नेता के तमाम इल्ज़ामों को सही ठहराते हुए कांग्रेस के नेताओं ने मामले की उच्च स्तर पर जांच कराने की बात कही।

अलग अलग सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस महिला के बिछाए खूबसूरती के जाल में एक दो नहीं बल्कि पूरे 25 से ज़्यादा नेता फंसे। और ऐसे भी क़रीब एक दर्जन विधायक उसके इस जाल में फंस चुके हैं जो ओडिशा विधानसभा में सत्ताधारी पार्टी से ताल्लुक रखते हैं।

Odisha Honey Trap: इस हनीट्रैप के सिलसिले में जिस महिला को गिरफ्तार किया गया है उसका नाम अर्चना नाग चंद बताया जा रहा है। खुलासा है कि अर्चना नाग के घर हर रोज महफिल सजती थी और उसके रंगमहल में हमेशा रंगीनियों की रौनक रहा करती थी। अब पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद आरोप ये भी लग रहे हैं कि अर्चना की रंगीन पार्टियों में नशे की खुराक भी होती थी। दावा किया जा रहा है कि ओडिशा की मौजूदा सत्ताधारी पार्टी यानी बीजू जनता दल के कई नेता अक्सर अर्चना के घर आते जाते रहते थे। और सियासी गलियारों के धाकड़ों के घर आने जाने से अर्चना का रुआब आसमानी हो गया था।

आरोप लगाया जा रहा है कि अर्चना नाग चंद हनीट्रैप अकेले नहीं बल्कि अपने शौहर यानी जगबंधू चंद के साथ मिलकर रचती थी और अपने मुताबिक शिकार करती थी। खुलासा यही है कि अर्चना अपने शिकार के साथ निजी पलों को खुफिया कैमरों में कैद कर लेती थी और फिर उन्हीं वीडियो के जरिए उनको ब्लैकमेल करती थी। अपनी छवि और इज्जत बचाने की गरज से रसूखदार लोग उसकी मुंह मांगी रकम देकर उसका मुंह बंद कर देते थे।

हालांकि अभी तक पुलिस ने इस मामले में ब्लैकमेलिंग गिरोह से ताल्लुक रखने के मामले में कई नामों से पर्दा नहीं उठाया है। और पुलिस की इसी हरकत ने शक का दायरा और भी ज़्यादा बढ़ा दिया। इल्जाम लगाया जा रहा है कि इस ब्लैकमेलिंग के किस्से में पुलिस उन रसूखदार लोगों को बचाने की फिराक में लगी हुई है जो सत्ता के बेहद नज़दीक हैं या फिर खुद सत्ता में बैठे हुए हैं।

Odisha Honey Trap: दावा तो ये भी किया जा रहा है कि अर्चना के रंग महल के इस जाल में बीजू जनता दल के कई विधायकों के साथ साथ नवीन पटनायक सरकार के तीन मंत्री भी फंसे हुए हैं। लिहाजा आरोप है कि मंत्रियों को बचाने के चक्कर में ही पुलिस ने इस मामले को अभी तक हल्के हाथों से ही पकड़ा है। तभी गिरफ्तारी के बावजूद अर्चना नाग की रिमांड पुलिस लेने से बच रही है। सूत्रों से पता चला है अर्चना और उसके पति ने सत्ताधारी पार्टी के नेताओं को अपने जाल में फंसा कर उनसे न सिर्फ करोड़ों रुपये वसूले बल्कि कई ऐसे काम भी करवाए हैं जो क़ानूनन ठीक नहीं हैं।

सूत्रों से पता चला है कि अर्चना नाग की गिरफ्तारी के बाद जब इस हनीट्रैन के रैकेट का खुलासा हुआ तो पुलिस ने गुपचुप तरीके से जांच की थी, जिसमें जिन नेताओं पर इल्ज़ाम लगे थे पूछताछ के दौरान उन लोगों ने अर्चना को पहचानने तक से इनकार कर दिया।

पुलिस की जांच और उसकी तमाम कार्रवाई पर सवाल इसलिए भी खड़े हो रहे हैं कि अभी तक आरोपी महिला अर्चना नाग चंद से पुलिस ने न तो पूछताछ ही की है और न ही उसका 164 का बयान दर्ज करवाया है।

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