साइंटिस्ट के ऑफिस में बाप बेटी की लाश का क्या है राज़, सर्जिकल ब्लेड से किसने काटा वैज्ञानिक और 8 साल की मासूम का गला

TANSEEM HAIDER

11 Mar 2024 (अपडेटेड: Mar 11 2024 10:00 AM)

Haryana Crime: लाला लाजपतराय पशुचिकित्सा एवं पशुविज्ञान विश्वविद्यालय हिसार में साइंटिस्ट व उनकी आठ साल की बेटी की खून से लथपथ लाश मिली है।

जांच में जुटी पुलिस

जांच में जुटी पुलिस

follow google news

हिसार से प्रवीण कुमार की रिपोर्ट

Haryana Crime News: हिसार के लाला लाजपतराय पशुचिकित्सा एवं पशुविज्ञान विश्वविद्यालय में साइंटिस्ट डॉ संदीप गोयल की उनकी ऑफिस में लाश मिली है। साथ ही उनकी 8 साल की बेटी की लाश भी कून से सनी पाई गई है। पुलिस को शक है कि डॉ संदीप गोयल ने सर्जिकल ब्लेड से खुद का और अपनी करीब 8 वर्षीय  बच्ची का गला काट कर सुसाइड किया है।

यह भी पढ़ें...

साइंटिस्ट ने 8 साल की बेटी का रेता गला

दरअसल डॉ संदीप गोयल 2016 प्रोफेसर असिस्टेंट के तौर पर लुवास विश्वविद्यालय में तैनात थे। रविवार को काफी देर तक जब वो घर नहीं आए तो उनकी पत्नी संदीप को तलाशती हुई उनके ऑफिस में पहुंची तो ऑफिस का गेट बंद मिला। जिसके बाद सिक्योरिटी गार्ड को खबर दी गई और मौके पर पुलिस को बुलाया गया।

खून से लथपथ हालत में मिले बाप-बेटी

पुलिस की मौजूदगी में दफ्तर का गेट तोड़कर देखा तो दोनों पिता पुत्री खून से लथपथ हालत में पड़े हुए थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए मौके पर एसपी मोहित हांडा, एएसपी राजेश मोहन, रजिस्ट्रार देवेंद्र कुमार, डीएसपी विजयपाल मौके पर पहुचे। डॉ संदीप गोयल नरवाना के रहने वाले थे। संदीप लुवास के सरकारी क्वार्टर में अपनी पत्नी के साथ रहते थे। 

असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर तैनात थे संदीप गोयल

रविवार शाम 4:00 बजे संदीप पत्नी से बेटी सनाया को घुमाने की बात कह कर स्कूटी लेकर घर से निकले थे लेकिन कुछ देर बाद वापस नहीं आए। संदीप की पत्नी ने विश्वविद्यालय में ही ढूंढने के लिए चली गईं। इस दौरान डिपार्टमेंट ऑफ़ वेटरनरी सर्जरी और रेडियोलॉजी ऑफिस के बाहर संदीप की स्कूटी दिखाई दी। डॉ संदीप अपने माता-पिता के एकलौते बेटे थे।

सर्जिकल ब्लेड से काटा बेटी का गला

घटना के बारे में एएसपी राजेश मोहन ने बताया कि घटनास्थल को सील कर दिया है। शवों को अस्पताल भेज दिया गया है। एएसपी ने बताया कि परिजनों से पूछताछ में पता चला है कि डॉ. संदीप मानसिक रूप से बीमार थे। वह डिप्रेशन के शिकार थे। उनका इलाज चल रहा था। वह ठीक नहीं हो रहे थे इसलिए उन्होंने कई डॉक्टर भी बदले। मामले की तह तक जाने के लिए अभी कार्रवाई जारी है।  

    follow google newsfollow whatsapp