बेरोजगार युवाओं को नौकरी दिलवाने का झांसा देकर उनसे ठगी करने वाले गैंग का दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने पर्दाफाश किया है, पुलिस ने इस संबंध में गैंग सरगना समेत कुल सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन लोगों ने शाहदरा इलाके में फर्जी कॉल सेंटर खोला हुआ था, आरोपियों के पास आठ कॉलिंग डिवाइस, दो लैपटॉप, चार बैंक डेबिट कार्ड और दूसरे सामान बरामद किया है।
दिल्ली का हाईटेक नटवरलाल! इस तरह लोगों को देता था नौकरी का झांसा
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17 Dec 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:11 PM)
150 लोगों को बनाया ठगी का शिकार
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शुरुआती जांच के बाद पुलिस को पता चला है कि चंद ही दिनों में आरोपियों ने करीब 150 लोगों से 20 लाख से अधिक की रकम ठग ली। माना जा रहा है कि इन लोगों ने देशभर के कई सौ लोगों को ठगी का शिकार बनाया, पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है। पकड़े गए आरोपियों में गैंग सरगना के अलावा छह टेलीकॉलर हैं, इनमें पांच युवतियां भी शामिल हैं।
कैसे हुआ खुलासा?
एक युवती की शिकायत पर ये कार्रवाई हुई। पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि उसने www.shine.com पर अध्यापक की नौकरी के लिए अपना बायोडेटा भेजा था, कुछ ही दिनों बाद उसके मोबाइल पर कॉल आई और कॉलर ने खुद को डीपीएस स्कूल से बताकर उसका बायोडेटा नौकरी के लिए शार्टलिस्ट होने की बात की। कॉलर ने पीड़िता को एक लिंक www.dpsjobs.in भेजकर उस पर 100 रुपये ऑन लाइन रजिस्ट्रेशन के लिए भेजने की बात की। पीड़िता ने लिंक खोलकर उस पर रुपये डालने का प्रयास किया, लेकिन उसके खाते से 30 हजार रुपये कट गए। इसके बाद आरोपी का मोबाइल बंद हो गया, शिकायत मिलने के बाद शाहदरा डिस्ट्रिक्ट साइबर सेल थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। पुलिस ने सबसे पहले उस नंबर की जांच की जिससे कॉल आई थी, उसके बाद जिन खातों में रुपये गए थे, उनकी जांच करते हुए पुलिस आरोपियों तक पहुंच गई।
ऐसे दिया जाता था ठगी को अंजाम
पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर से गैंग सरगना हेमंत कोहली समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया है, पूछताछ के दौरान आरोपियों ने ठगी की बात कबूल कर ली। आरोपी ने बताया कि उसने फर्जी आईडी पर बैंक अकाउंट खोले हुए हैं, उसमें ठगी की रकम ट्रांसफर कर निकाली जाती है। हेमंत ने बैंक अकाउंट का इंतजाम करने के लिए फर्जी आईडी पर सिमकार्ड का इंतजाम किया हुआ था। आरोपी जॉब दिलाने वाली वेबसाइट से बेरोजगार युवाओं का पांच दिन का डाटा 10 हजार में खरीदता था, इसके बाद उन नंबरों पर कॉल कर लोगों को लिंक शेयर कर उसमें रजिस्ट्रेशन फीस के रुपये डालने के लिए कहा जाता था। लिंक के जरिए आरोपी पीड़ितों के मोबाइल से जा जानकारियां निकाल लिया करते थे। इसके बाद आरोपी बड़े आराम से उनके फोन में होने वाली गतिविधि को देखकर खाते से रकम निकाल लेते थे।
आरोपी ने बनाई हुई हैं कई फर्जी वेबसाइट
आरोपी हेमंत ने कई फर्जी वेबसाइट जैसे www.dpsjobs.in की तरह अलग-अलग कंपनियों की कई वेबसाइट बनाई हुई है, बायोडेटा के आधार पर पीड़ित को उसी कंपनी का लिंक भेजा जाता था। लिंक शेयर करने के बाद नौकरी के लिए रजिस्ट्रेशन के नाम पर 100 रुपये डालने की बात की जाती थी, असल में ये लिंक मोबाइल के लिए एनीडेस्क का होता था। लिंक के जरिए पीड़ित के रुपये डालते ही आरोपी उसका पासवर्ड और कार्ड की डिटेल देखकर रकम निकाल लेते थे, आरोपी पीड़ितों के खाते से 30 से 50 हजार रुपये निकालते थे।
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