यूपी के स्कूल में बच्चे को मारा था थप्पड़, न्यायालय ने पीड़ित के सहपाठियों की काउंसलिंग नहीं करने पर लगाई फटकार

Delhi News: उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को उन छात्रों की काउंसलिंग नहीं करने के लिए शुक्रवार को फटकार लगाई।

अदालत का फैसला

अदालत का फैसला

09 Feb 2024 (अपडेटेड: Feb 16 2024 1:25 PM)

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Court News: उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को उन छात्रों की काउंसलिंग नहीं करने के लिए शुक्रवार को फटकार लगाई, जिन्हें उनकी स्कूली शिक्षिका ने गृहकार्य पूरा नहीं करने पर एक मुस्लिम छात्र को थप्पड़ मारने का निर्देश दिया था। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने इस बात पर गौर किया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उसके निर्देशों का पूरी तरह से उल्लंघन किया गया है। पीठ ने राज्य को उन बच्चों की काउंसलिंग करने और दो सप्ताह में अनुपालन हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।

मुस्लिम छात्र को थप्पड़ मारने को कहा

पीठ ने कहा, ‘‘हमने टीआईएसएस (टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज) की नवीनतम रिपोर्ट का अध्ययन किया है, जिसमें उस घटना के गवाह सभी छात्रों की काउंसलिंग की बात कही गई है। राज्य द्वारा इस दिशा में कोई कुछ भी नहीं किया गया है, अब बहुत देर हो चुकी है।’’ पीठ ने कहा, ‘‘हम राज्य को निर्देशों को तुरंत लागू करने का निर्देश देते हैं और अनुपालन हलफनामा दो सप्ताह में दाखिल किया जाये।’’ पीठ ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि एक मार्च तय की। उत्तर प्रदेश की अतिरिक्त महाधिवक्ता गरिमा प्रसाद ने कहा कि दो संगठनों ने छात्रों की काउंसलिंग के लिए स्वेच्छा से काम किया है और अधिक विस्तृत हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा है।

 अब बहुत देर हो चुकी है

अदालत ने पहले भी राज्य सरकार को उस मुस्लिम लड़के और उसके सहपाठियों की काउंसलिंग के लिए एक एजेंसी नियुक्त करने के अपने आदेश का पालन नहीं करने के लिए फटकार लगाई थी, जिन्हें उनकी शिक्षिका ने होमवर्क न करने पर उसे थप्पड़ मारने का कथित तौर पर निर्देश दिया था। मुजफ्फरनगर जिले के स्कूल की शिक्षिका पर भी पीड़ित लड़के पर सांप्रदायिक टिप्पणियां करने का भी आरोप लगाया गया है। उच्चतम न्यायालय ने लड़के और उसके सहपाठियों की काउंसलिंग के तरीके का सुझाव देने के लिए टीआईएसएस, मुंबई को नियुक्त किया था।

आदेश का पालन नहीं करने के लिए फटकार

मुजफ्फरनगर पुलिस ने मुस्लिम लड़के के खिलाफ कथित तौर पर सांप्रदायिक टिप्पणी करने और उसके सहपाठियों को उसे थप्पड़ मारने का निर्देश देने के आरोप में शिक्षिका के खिलाफ मामला दर्ज किया था। स्कूल को राज्य के शिक्षा विभाग द्वारा एक नोटिस भी दिया गया था। उच्चतम न्यायालय ने छह नवंबर को उत्तर प्रदेश सरकार से कहा था कि जिस छात्र को उसकी शिक्षिका के कहने पर थप्पड़ मारा गया था, उसे वहां किसी निजी स्कूल में दाखिला दिलाया जाए। पीठ महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें मामले में जल्द जांच का अनुरोध किया गया है।

शिक्षिका के खिलाफ मामला दर्ज

उच्चतम न्यायालय ने 30 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश सरकार को शिक्षिका के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी देने के संबंध में तुरंत फैसला करने का निर्देश दिया था। पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार के गृह विभाग की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज से राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं स्नायु विज्ञान संस्थान(निम्हांस) बेंगलुरू और टीआईएसएस जैसी किसी विशेषज्ञ एजेंसी की उपलब्धता पर निर्देश लेने को कहा था, जो पीड़ित के गांव जा सके और उसकी तथा अन्य स्कूली बच्चों की काउंसलिंग कर सके।

(PTI)

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