संजय शर्मा के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट
'अगर हमने वाकई शरत रेड्डी पर दबाव डाला होता, तो उन्होंने बिल्कुल अलग बयान दिया होता'
Delhi Liquor Case: मनी लॉन्ड्रिंग केस में सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर आज को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।
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• 06:45 PM • 16 May 2024
Delhi Liquor Case: दिल्ली शराब घोटाले की सुनवाई के दौरान ईडी के वकील ने कहा, 'अगर हमने वाकई शरत रेड्डी पर दबाव डाला होता, तो उन्होंने बिल्कुल अलग बयान दिया होता। शरत रेड्डी ने सिर्फ इतना कहा कि उन्होंने केजरीवाल से मुलाकात की थी। वे ये भी कह सकते थे कि केजरीवाल ने 100 करोड़ रुपए मांगे थे। जांच एजेंसी पूरी तरह से निष्पक्ष है। हमारे पास पर्याप्त सबूत हैं। एजेंसी किसी राजनीति से प्रेरित नहीं है।'
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ED और केजरीवाल के वकील ने पेश की अपनी-अपनी दलीलें
मनी लॉन्ड्रिंग केस में सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान ईडी और केजरीवाल के वकीलों ने अपनी-अपनी दलीलें दी। अगली सुनवाई कल दोपहर 2.30 बजे होगी। इससे पहले सुनवाई के दौरान ईडी के वकील ASG SV Raju ने कहा - केजरीवाल के खिलाफ सबसे बड़ा मैटीरियल तो ये है कि उसने सौ करोड़ रुपए मांगे। वो रकम आम आदमी पार्टी के पास गई। नीति की वजह से शराब के होल सेलर्स को फायदा हुआ। हमारे पास इस बात के सीधे सबूत हैं कि गोवा चुनाव के दौरान केजरीवाल सात सितारा होटल में रुके थे और वहीं से नकदी का लेन देन हो रहा था। गोवा में होटल और अन्य खर्चों का भुगतान चरणप्रीत ने किया था।
चरणप्रीत ने केजरीवाल के लिए होटल की बुकिंग कराई - ईडी
केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि 100 करोड़ रुपए में से ईडी ने केवल 2 धनराशियों का ही हिसाब दिया है। जस्टिस संजीव खन्ना ने राजू से पूछा कि क्या आपने इसे घटाकर 45 करोड़ रुपए नहीं कर दिया है? एएसजी राजू ने जवाब दिया कि नहीं, हमने कहा था कि 45 करोड़ रुपए का पता लगा लिया गया है। जस्टिस खन्ना ने पूछा कि आपने कहा था कि प्रारंभिक जब्ती अनिवार्य नहीं है। आपने पहले ये दलीलें रखी थीं। ASG राजू ने कहा कि हमारी दलील थी कि जब्ती/ कुर्की जरूरी नहीं है। इसके बिना भी दोषसिद्धि हो सकती है। चरणप्रीत ने केजरीवाल के लिए ग्रैंड हयात होटल की बुकिंग कराई थी।
केजरीवाल ने समन से परहेज किया, ये आरोपी होने का संकेत - ईडी
ASG राजू ने कहा - GoM सिर्फ़ कागज़ों पर था। उनके पास इस बात का कोई सबूत नहीं था कि वे क्या कर रहे थे? सिसोदिया, गहलोत और सत्येंद्र जैन इसके सदस्य थे। जस्टिस संजीव खन्ना ने पूछा कि - आपने कहा कि सिसोदिया दिमाग़ थे। उनकी गिरफ़्तारी की तारीख़ क्या थी? ASG राजू ने कहा - 9 मार्च। ASG ने कहा - यह सब सीएम हाउस में हुआ, जहां वह मौजूद थे। सीएम को यह सब पता था। विजय नायर केजरीवाल के लिए काम कर रहा था। केजरीवाल के घर के बगल में उसका बंगला था। नायर सब मैनेज कर रहा था और सारी व्यवस्था कर रहा थे। केजरीवाल झूठे बहाने से समन से परहेज किया। यह एक आरोपी व्यक्ति होने का संकेत है।
कई लोग, कई मंत्रियों के घरों में रहते हैं - कोर्ट
राजू ने कहा - हमारे पास सबूत हैं कि विजय नायर इस नीति में पूरी तरह से शामिल है। मंत्रियों के लिए अलॉट बंगले में रहता था जबकि उस घर से उसका कोई लेना-देना नहीं था। जस्टिस खन्ना ने कहा कि कई लोग, कई मंत्रियों के घरों में रहते होंगे, ऐसा नहीं हो सकता। आप यह नहीं कह सकते कि वह क्यों रह रहा है? अप्रूवर के बयान की विश्वसनीयता के मापदंड अलग हैं। उसे स्वीकारोक्ति का लाभ मिलता है। इसकी पुष्टि होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट से अरविंद केजरीवाल को 10 मई को अंतरिम जमानत मिली थी। सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को चुनाव प्रचार करने के लिए एक जून तक की अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था। उन्हें 2 जून को सरेंडर करना होगा। केजरीवाल को कुछ शर्तों पर रिहा किया गया था।
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