Delhi Crime: एक फोन कॉल ने 30 महीने से फरार दंगे के आरोपी को यूं करवाया गिरफ्तार!

Delhi News: दिल्ली पुलिस ने फरवरी 2020 हुए दिल्ली के दंगे में हेड कांस्टेबल रतन लाल के कत्ल के एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। फरार चल रहे आरोपी वसीम उर्फ सलमान को अलीगढ़ से गिरफ्तार किया गया है।

CrimeTak

04 Oct 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:27 PM)

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Delhi Wanted Criminal: 30 महीने (30 Months) से ज्यादा वक्त से वसीम पुलिस (Police) को चकमा देने में कामयाब रहा था लेकिन एक छोटी सी गलती वसीम को भारी पड़ गई। एक फोन कॉल (Phone Call) की वजह से पुलिस को वसीम का पहला क्लू (Clue) मिला और फिर दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच (Crime Branch) की टीम वसीम को तलाशते हुए अलीगढ़ पहुंच गई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

दंगे के दौरान दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल के हत्या हुई थी। साथ ही दंगों में डीसीपी शाहदरा अमित शर्मा, अनुज कुमार एसीपी गोकुलपुरी भी घायल हुए थे। इस मामले में पुलिस ने शुरू में एफआईआर दर्ज कर कुछ गिरफ्तारियां की थी लेकिन वसीम 30 महीने से पुलिस को चकमा देने में कामयाब रहा था। 

जांच के दौरान पुलिस ने इस मामले में कई सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की जांच की। वायरल मोबाइल वीडियो की जांच की गई। मोबाइल से आरोपियों की लोकेशन के बारे में पता किया चश्मदीदों के बयान दर्ज किए और फिर 22 आरोपियों की पहचान की और इन्हें गिरफ्तार किया गया। जबकि पांच ऐसे थे जो पुलिस की गिरफ्त से दूर थे वसीम उन्हीं में से एक आरोपी था।

जांच के दौरान पुलिस टीम को पता लगा जी वसीम ने नॉर्थ ईस्ट दिल्ली इलाके में ही किसी को फोन किया और उससे पूछा की कहीं उसके घर पर बुलडोजर तो नहीं चल गया है या फिर किसी ने कब्जा तो नही किया। पुलिस को सिर्फ इतना पता लगा था की वसीम ने फोन किया था और यह जानकारी मांगी थी लेकिन किसे फोन किया और कहां से फोन किया यह साफ नहीं हो पा रहा था। जिसके बाद पुलिस ने मैनुअली वसीम की तलाश शुरू की। इस बीच क्राइम ब्रांच के कॉन्स्टेबल रहीसुद्दीन को जानकारी मिली कि वसीम बेहद छिप कर अलीगढ़ में रह रहा है।

इस जानकारी के मिलने के बाद दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम अलीगढ़ पहुंची और वहां काफी तलाशी के बाद वसीम को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के मुताबिक आरोपी वसीम ने एंटी CAA प्रदर्शन में भाग लिया था। दंगे वाले दिन उसने शीशे की बोतल में थिनर भरकर उसे छत के ऊपर छिपा दिया था और फिर पुलिस अधिकारियों पर दंगे के दौरान इन्हें उसने फेंका था। वारदात के बाद वसीम ने अपना मोबाइल फोन भी तोड़ कर फेंक दिया था और पिछले 2 सालों से उसने अपने किसी रिश्तेदार से भी संपर्क नहीं किया था। 

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