Delhi Crime: कबूतरबाजी में नेशनल कबड्डी खिलाड़ी, पूर्व मर्चेंट नेवी अफसर और DJ गिरफ्तार

TANSEEM HAIDER

24 Aug 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:25 PM)

Delhi News: इंजीनियर, कबड्डी प्लेयर और सिंगर मिलकर करते थे कबूतरबाजी, 20 लाख में भेजते थे कनाडा, यह लोग जाली वीजा पर लोगों को विदेश भेजने का झांसा देते थे

CrimeTak
follow google news

Delhi Crime News: पुलिस की गिरफ्त में आए लोगों में अमित कुमार नाम का एक आरोपी (Accused) भी है जो इस स्टेट लेवल कबड्डी (Kabaddi) खिलाड़ी है। इसके अलावा योगेश कुमार डिस्क जॉकी (DJ) और सिंगर है। जबकि वरुण चौहान मर्चेंट नेवी (Merchant Navy) में काम कर चुका है। 5 जुलाई को इमिग्रेशन (Immigration) ऑफिसर ने इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (IGI) के थाने में शिकायत दी कि अमन कुमार नाम के एक यात्री के दस्तावेज की जब जांच की गई तो पता लगा कि उसका वीजा जाली (Fake Visa) है।

इस शिकायत पर IGI दिल्ली पुलिस ने एफ आई आर दर्ज कर ली और जांच शुरू कर दी। आईजीआई डीसीपी तनु शर्मा ने बताया कि पूछताछ के दौरान अमन ने पुलिस को बताया कि उसे यह कनाडा जाली वीजा पानीपत के रहने वाले अमित नाम के और योगेश नाम के शख्स ने 20 लाख रुपए में दिलाया था।

यह भी पढ़ें...

इस गैग का भंडाफोड़ करने के लिए एक टीम बनाई गई। टेक्निकल सर्विलांस और मुखबिर से मिली जानकारी के बाद पुलिस टीम ने पहले अमित फिर योगेश को गिरफ्तार किया। इनसे पूछताछ के बाद मिली जानकारी के बाद पुलिस ने वरुण चौहान को भी गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के मुताबिक अमित और योगेश को जब कोई यात्री विदेश जाने के लिए मिलता तो वो तुरंत उसे वरुण के पास भेजते। अमित और योगेश एजेंट की तरह से काम कर रहे थे। फेक वीजा वरुण लगाता था।

आईजीआई डीसीपी तनु शर्मा ने बताया कि जांच दौरान यह पता लगा कि पूरे गिरोह का मास्टरमाइंड वरुण चौहान है। पुलिस ने वरुण चौहान को 18 अगस्त को कोलकाता एयरपोर्ट से उस वक्त गिरफ्तार किया जब वह थाईलैंड भागने की फिराक में था। वरुण चौहान आईटी ग्रेजुएट है और मर्चेंट नेवी में काम कर चुका है।

पुलिस के मुताबिक इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी में ज्यादा रुचि की वजह से वरुण में मर्चेंट नेवी की नौकरी छोड़ दी थी। जाली दस्तावेज बनाने में वरुण को महारत हासिल है। इतना शातिर है की अगर कोई शख्स सीधे जॉब की बात करता तो ये कुछ कंपनियों की वेबसाइट हैक करके जॉब के लिए सीधे अप्लाई कर दिया करता था।

पुलिस के मुताबिक वरुण जाली वीजा कुणाल कुमार शाह नाम के एक शख्स की मदद से हासिल करता था। पुलिस फिलहाल कुणाल कुमार की तलाश में जुटी हुई है। आरोपियों के पास से बरामद लैपटॉप और मोबाइल को एफ एस एल में जांच के लिए भेज दिया है।

डीसीपी एअरपोर्ट तनु शर्मा के मुताबिक़ उपरोक्त सभी एजेंट हरियाणा और पंजाब में अपने समकक्षों के साथ धोखाधड़ी से प्राप्त कनाडाई वीजा की व्यवस्था करने में शामिल हैं। वे पंजाब और हरियाणा के ग्रामीण इलाकों में काम कर रहे थेऔर लोगों को अनुचित तरीकों से विदेशों में बसने में सुविधा प्रदान करते थे।

    follow google newsfollow whatsapp