छह सवालों में छुपा है बदायूं डबल मर्डर का पूरा सच! FIR में लिखी इस बात ने पुलिस को भी चौंकाया

Budaun Murder: बदायूं में हुए डबल मर्डर केस में पुलिस एफआईआर में लिखी बात को देखकर बुरी तरह चौंकी, लेकिन वो कई सवालों से अब भी कन्नी काट रही है।

बदायूं कांड के दोनों आरोपी, साजिद और जावेद

बदायूं कांड के दोनों आरोपी, साजिद और जावेद

20 Mar 2024 (अपडेटेड: Mar 20 2024 4:00 PM)

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Badaun Double Murder: उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में जबरदस्त बवाल मचा हुआ है। यहां दो बच्चों की हत्या के बाद तनाव का माहौल बना हुआ है। बच्चों की हत्या का इल्जाम जिन दो आरोपियों पर है उनमें से एक को तो पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया जबकि दूसरा आरोपी जावेद फिलहाल लापता है। लेकिन इसके साथ ही उन सवालों के जवाब लापता हैं, जो कत्ल की वजह हो सकते हैं। पुलिस के साथ साथ सारे बदायूं में ये सवाल हवा में तैर रहा है कि आखिर साजिद और जावेद ने मिलकर उस घर के दो बच्चों की हत्या क्यों कर दी जिस घर से वो मदद मांगने गए थे। 

कत्ल की चौंकानें वाली FIR

इसी बीच कत्ल की जो एफआईआर पुलिस में दर्ज हुई है उसके खुलासे ने तो और भी ज़्यादा हड़कंप मचा दिया। क्योंकि उस एफआईआर में जो बातें लिखी गई हैं उसने तो पुलिसवालों का माथा ही चकराकर रखदिया। तो सबसे पहले उस एफआईआर पर नज़र डालते हैं आखिर ऐसा क्या लिखा है उस एफआईआर में जिसको पढ़ने के बाद खुद पुलिस भी परेशान हो गई है। ये एफआईआर बच्चों के पिता की तरफ से लिखवाई गई है। 

हत्या के बाद बवाल को रोकने में पुलिस को पसीना आ गया

बच्चों के पिता ने लिखवाई FIR

‘’मैं विनोद कुमार, सिविल लाइन का रहने वाला हूं। तारीख 19 मार्च 2024, दिन मंगलवार, वक्त शाम करीब पौने सात बजे। हमारे घर के सामने सैलून की दुकान करने वाला नाई साजिद पुत्र बावू अपने भाई जावेद के साथ आया। दोनों बाइक से घर आए थे। साजिद बाइक से उतरा और सीधे मेरे घर में दाखिल हो गया। उस वक्त घर पर मेरी पत्नी संगीता देवी, मां मुन्नी देवी और तीन छोटे बच्चे- 13 साल का आयुष, नौ साल का पीयूष और छह साल का अहान प्रताप  मौजूद थे। 

बदायूं डबल मर्डर की एफआईआर

'मैंने अपना काम कर दिया'

साजिद ने मेरी पत्नी संगीता से कहा कि उसकी पत्नी की डिलीवरी होनी है। रात 11 बजे का वक्त डॉक्टरों ने दिया है। तब तक साजिद का भाई जावेद बाइक के पास बाहर खड़ा था। साजिद ने पत्नी से इलाज के नाम पर 5 हजार रुपए मांगे। संगीता पैसा लाने के लिए कमरे में चली गई। जबकि बीच वाले बच्चे पीयूष को बाहर से गुटखा लाने के लिए भेज दिया। तभी साजिद ने आवाज लगाकर कहा कि उसकी तबियत ठीक नहीं लग रही है। वह छत पर टहलने के लिए जा रहा है। छत पर जाते समय साजिद अपने साथ पीयूष को भी ले गया। जबकि आयुष से उसने पानी लाने के लिए कहा। इसके बाद उसने अपने भाई जावेद को घर के भीतर बुला लिया। छत पर साजिद और जावेद ने अपने साथ लेकर आए उस्तरे से पहले आयुष पर कई वार किए। तब तक आहान भी पानी लेकर वहां पहुँच गया। जावेद ने उसे भी पकड़ लिया और साजिद ने उस पर कई वार किए और उनको मार डाला। इसी बीच जब तीसरे बच्चे अहान वहां पहुंचा तो इन लोगों ने उस पर भी हमला किया लेकिन वो बच निकला। उसके हाथ में उस्तरा लगा।  दोनों बच्चों की हत्या के बाद जब वो छत से नीचे उतर रहे थे तो उनके हाथ में खून से सना हुआ उस्तरा था। खून से सना उस्तरा देखकर बच्चों की मां एकदम से घबराकर चिल्लाई। तभी साजिद ने उससे कहा कि मैंने अपना काम कर दिया। इसके बाद दोनों वहां से भागने की फिराक में लग गए। लेकिन महिला की चीख चिल्लाहट सुनकर आसपास के लोग इकट्ठा हो गए। लोगों ने साजिद और जावेद को देखा जिनके कपड़े खून से सने हुए थे और हाथों में खून से सना उस्तरा था। मोहल्ले की भीड़ ने दोनों को पकड़ने की जब कोशिश की तो जावेद तो उनकी पकड़ से निकल भागा लेकिन साजिद को लोगों ने पकड़ लिया। इसी बीच महिला भागी भागी छत पर पहुँची तो वहां उसके दोनों बच्चे खून से लथपथ मिले और दोनों की मौत हो चुकी थी।

एफआईआर की इबारत पढ़कर पुलिस भी चौंकी

 

पकड़ा गया था साजिद

एफआईआर के मुताबिक इस वारदात के बाद भीड़ ने साजिद को पकड़कर पीटा भी और फिर उसे मौके पर पहुँची पुलिस के हवाले कर दिया। चूंकि इस वारदात के बाद वहां मौके पर भीड़ इकट्ठा हो गई थी और अंधेरा भी हो गया था लिहाजा भीड़ की धक्कामुक्की और अंधेरे का फायदा उठाकर साजिद भी पुलिस की पकड़ से निकल भागा। बच्चों के पिता ने अपनी शिकायत में लिखवाया कि साजिद और जावेद से मेरी कोई दुश्मनी भी नहीं थी फिर उन दोनों ने मेरे बच्चों की हत्या क्यों की?

बच्चों की खून से लथपथ लाश देखकर बदहवास हो गई मां

बदायूं की पुलिस कतरा रही 

इस एफआईआर के सामने आने के बाद अचानक कई सवाल खड़े हो गए? बेशक पुलिस ने घर में घुसकर दो बच्चों की हत्या करने वाले एक आरोपी साजिद को भले ही पुलिस ने तीन घंटे के भीतर ही एनकाउंटर में मार गिराया। मगर इसके बावजूद पुलिस के सामने कई ऐसे सवाल हैं जिसने जवाब देने में बदायूं की पुलिस कतरा रही है। 

सवाल नंबर -1 मुख्य आरोपी साजिद ने आखिर उस परिवार के बच्चों को क्यों मौत के घाट उतार दिया, जिस परिवार ने उसकी पत्नी के इलाज के लिए रुपये उधार दिए?  

सवाल नंबर -2 साजिद और पीड़ित परिवारों के बीच कभी कोई झगड़ा नहीं हुआ।  कभी कोई अनबन नहीं देखी गई । यहां तक कि बच्चे साजिद के यहां ही बाल कटवाने जाते थे तो आखिर साजिद ने उन बच्चों का गला क्यों रेत दिया?

सवाल नंबर -3  मंगलवार शाम जब साजिद विनोद के घर पहुंचा, तब क्या उसके पास तमंचा था, क्योंकि एनकाउंटर के बाद पुलिस ने ये दावा किया कि साजिद ने पुलिस पर गोली चलाई थी? 

सवाल नंबर -4  पीड़ित परिवार की तरफ से लिखाई गई एफआईआर के मुताबिक आरोपी साजिद को मोहल्ले के लोगों ने पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था तो फिर साजिद कैसे पुलिस की गिरफ्त से फरार हो गया?  

सवाल नंबर -5 जब घर वालों ने साजिद को पुलिस के हवाले किया उस समय क्या पुलिस ने तलाशी नहीं ली थी, जो उसने शेखपुरा के जंगलों में तमंचा निकालकर पुलिस पर फायरिंग शुरू की कर दी?  

सवाल नंबर - 6 जिस वक्त साजिद को पुलिस के हवाले किया गया और जब एनकाउंटर हुआ तो इस बीच उसके पास तमंचा कहां से आ गया? अगर वह बच्चों को मारने के लिए संगीता के घर तमंचा लेकर गया था तो जब पुलिस ने घर से साजिद को दबोचा उसे समय तमंचा बरामद नहीं किया गया था क्या?  

सही मायनों में इन्हीं सवालों के इर्द गिर्द ही बदायूं का पूरी वारदात और उसकी असलियत कैद है। देखना होगा कि पुलिस आखिर इन सवालों के जवाबों तक कब तक पहुँचती है। 

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