बाल सुधार गृह से छूटते ही कहां गए माफिया अतीक के बेटे, बालिग हुए अहजन को लेकर गहराया सस्पेंस, यूपी पुलिस का ये है दावा

Atiq Ahmed Son: पुलिस की कस्टडी में मौत के घाट उतारे गए माफिया डॉन अतीक अहमद के दो नाबालिग बेटों को लेकर सस्पेंस बढ़ गया है, पुलिस का दावा है कि दोनों बच्चों को बाल सुधार गृह से निकालकर बेटों की बुआ के सुपुर्द कर दिये गए।

अतीक के बेटों को लेकर गहराया सस्पेंस

अतीक के बेटों को लेकर गहराया सस्पेंस

10 Oct 2023 (अपडेटेड: Oct 10 2023 3:25 PM)

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Atiq Ahmed Son: डॉन अतीक अहमद के दो नाबालिग बेटों को लेकर सस्पेंस बढ़ गया है, पुलिस का दावा है कि दोनों बच्चों को बाल सुधार गृह से निकालकर बेटों की बुआ के सुपुर्द कर दिये गए। लेकिन अतीक के दो नाबालिग बेटों में से अहजम ने 5 अक्टूबर को ही 18 साल की उम्र पूरी की है। ऐसे में ये सवाल उठने लगे हैं कि क्या अहजन अब भी बाल सुधार गृह में ही था। अहजन कहां है किसके पास है इस बात को लेकर अब सस्पेंस बढ़ गया है। हालांकि यूपी के माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की मौत के बाद उसके दोनों नाबालिग बेटों की कस्टडी का मामला आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने निपटा ही दिया। पुलिस की हिरासत में मौत के घाट उतारे गए अतीक अहमद के दो बच्चे अभी तक पुलिस की हिरासत में बाल सुधार गृह में थे। 

अतीक का एक बेटा अहजान 5 अक्टूबर को ही 18 साल का हो गया

बच्चों की कस्टडी बुआ को मिली?

इसी सिलसिले में याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अतीक अहमद के बच्चों की कस्टडी उसकी बहन को मिल गई है। अतीक के दोनों बेटे अहजम और अबान को 9 अक्टूबर को राजरुपपुर के बाल सुधार गृह से निकालकर उनकी बुआ परवीन के सुपुर्द कर दिए गए हैं। सवाल यही उठ रहा है कि बाल सुधार गृह से छूटने के बाद माफिया डॉन अतीक अहमद के बेटे कहां चले गए। प्रयागराज में अपने नाम का सिक्का चलवाने वाले अतीक अहमद के बेटों को बाल सुधार गृह से रिहा करने की बात पुलिस ने उजागर की थी। चाइल्ड वेलफेयर कमेटी ने दोनों बेटों की रिहाई का आदेश जारी कर उनकी कस्टजी बुआ परवीन को सौंपी गई। लेकिन गौर तलब है कि बीती 5 अक्टूबर को ही अहजम ने 18 साल की उम्र पूरी की है और वह बालिग हो गया है। सूत्रों से पता चला है कि अतीक अहमद के दोनों बेटे पूरे 221 दिनों के बाद बाल सुधार गृह से छूटे। दोनों को उनकी बुआ के सुपुर्द कर दिया गया। पुलिस के मुताबिक एहजम और अबान पूरामुफ्ती के हटवा गांव में रिश्तेदार के घर रहेंगे।

याचिका का कोई औचित्य नहीं

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बच्चों की कस्टडी उनकी बुआ को मिलने के बाद अब याचिका का कोई औचित्य नहीं रह जाता है। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने चाइल्ड वेलफेयर कमेटी से एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट पर नए सिरे से विचार करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने चाइल्ड वेलफेयर कमेटी से एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट पर विचार कर 1 हफ्ते में आदेश पारित करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से प्रयागराज भेजी गई विशेषज्ञ कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि बच्चे सुधार गृह में नही रहना चाहते हैं। वह बाहर परिवार के पास आना चाहते हैं।

बच्चों की कस्टडी मांगी थी

अतीक की बहन शाहीन अहमद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर बाल सुधार गृह में रह रहे अतीक अहमद के दोनों बच्चों की कस्टडी मांगी थी। उमेश पाल हत्याकांड के बाद से ही अतीक के दोनों नाबालिग बेटों को पुलिस ने बाल सुधार गृह में दाखिल करा दिया था। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने धूमनगंज पुलिस से इस बाबत रिपोर्ट भी मांगी थी। पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक का पूरा परिवार फरार हो गया था। ये दोनों बच्चे चकिया में लावारिस हालत में मिले थे। सुरक्षा को देखते हुए अतीक के दोनों बेटों को बाल गृह में दाखिल किया गया था।

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