आमतौर पर पाकिस्तान में सरकारी प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे चीनी नागरिकों को पाक फौज सुरक्षा मुहैया कराती है। क्योंकि ये निजी तौर पर पाकिस्तान आया था इस वजह से इस चीनी नागरिक के साथ सुरक्षा मौजूद नहीं थी।
पाकिस्तान में डर के मारे कांप रहे हैं चीनी कराची में चीनी नागरिक को मारी गोली
A chinese national injured after assailant open fire
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29 Jul 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:02 PM)
पाकिस्तान के counter- terrorism department के अधिकारी के मुताबिक चीनी नागरिक कराची के डिफेंस इलाके से साइट इलाके की ओर जा रहे थे। गुलबाई के करीब पहुंचने के बाद बाइक पर आए दो लोगों ने उन पर फायरिंग कर दी।
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इस फायरिंग मे पिछली सीट पर बैठे चीनी नागरिक को चार-पांच गोलियां लगीं जबकि कार चला रहे ड्राइवर और उसके पास बैठे चीनी नागरिक को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। इस हमले में घायल चीनी नागरिक की पहचान यून चैंग फैंग के तौर पर हुई है।
पुलिस के मुताबिक चीनी नागरिक को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। कार के ड्राइवर ने पुलिस को पूछताछ में बताया है कि जब गोली चली तो उसकी आवाज नहीं आई ऐसे में पुलिस को शक है कि गोली चलाते वक्त साइलेंसर का इस्तेमाल किया गया हो या फिर ट्रैफिक की वजह से गोली की आवाज दब गई हो।
इस हमले की जिम्मेदारी Balochistan Liberation Front ने ली है । BLF काफी वक्त से बलूचिस्तान में चीनी निवेश का विरोध कर रहा है। यहां से निकलने वाला प्रोजेक्ट CPEC भी अक्सर बलूचिस्तान की आजादी के लिए लड़ रहे संगठनों के लड़ाकों के निशाने पर रहता है। हाल में ही पाकिस्तान के दासू में हुए एक हमले में नौ चीनी नागरिकों की जान चली गई थी। पहले तो पाकिस्तान ने इस हादसे की शक्ल देने की कोशिश करी लेकिन जब चीन ने पाकिस्तान को झिड़का तो बाद में वो उसे आतंकी हमला बताने लगा।
हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि चीन ने पाकिस्तान की सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों पर विश्वास ना करते हुए मामले की जांच के लिए चीन से 15 सदस्यी टीम भेजी। पाकिस्तान आई टीम जांच पूरी करने के बाद वापस लौट गई है।
पाकिस्तान में चीनी नागरिक बलूचिस्तान के लड़ाकूओं के निशाने पर रहते हैं। पाकिस्तान में चीनी नागरिकों को सुरक्षा मुहैया कराने की जिम्मेदारी पाकिस्तानी सेना पर है लेकिन पाकिस्तान चीनी नागरिकों की सुरक्षा में कई बार फेल हो चुकी है जिसका असर पाकिस्तान और चीन के ड्रीम प्रोजेक्ट CPEC पर पड़ेगा।
अगर पाकिस्तान में हालात ऐसे ही रहे तो चीन को डर है कि उसका निवेश ना डूब जाए क्योंकि अब चीनी नागरिक पाकिस्तान में काम करने से डरने लगे हैं। ये हालात तब हैं जब पाकिस्तान चीनी नागरिकों को वीआईपी की तरह ट्रीटमेंट देता है।
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