धारा 377 खत्म, नाबालिग से किया रेप तो मिलेगी सजा-ए-मौत, जान लीजिए क्या है तीन विधेयक

3 NEW BILLS INTRODUCED IN PARLIAMENT: गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में तीन विधेयक पेश किए। ये तीनों विधेयक भारतीय दंड संहिता (IPC)-1860, आपराधिक प्रक्रिया अधिनियम-1898 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम-1872 की जगह लेंगे।

गृहमंत्री अमित शाह

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11 Aug 2023 (अपडेटेड: Aug 11 2023 8:05 PM)

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नलिनी शर्मा के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट

3 NEW BILLS INTRODUCED IN PARLIAMENT: गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में तीन विधेयक पेश किए। ये तीनों विधेयक भारतीय दंड संहिता (IPC)-1860, आपराधिक प्रक्रिया अधिनियम-1898 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम-1872 की जगह लेंगे। ये विधेयक हैं -  भारतीय न्याय संहिता विधेयक, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक और भारतीय साक्ष्य विधेयक पेश किए। नए विधेयकों के मुताबिक, नाबालिग के साथ रेप करने पर अपराधी को सजा-ए-मौत मिलेगी। साथ-साथ अप्राकृतिक यौन संबंधों की धारा को हटा दिया गया है।

एक-एक करके आपको इन विधेयकों के बारे में बताते हैं।

 

भारतीय न्याय संहिता विधेयक में क्या क्या होगा ? (Crpc की जगह लाया गया विधेयक)

इसमें 533 धाराएं होंगी। (CrPC की 478 धाराओं के स्थान पर) कुल 160 धाराओं में बदलाव हुआ है। 9 नई धाराएं जोड़ी गई है। 9 धाराएं हटा दी गई हैं।

 

भारतीय न्याय संहिता में क्या-क्या होगा ? (IPC की जगह लाया गया विधेयक)
इसमें 356 धाराएं होंगी। (आईपीसी की 511 धाराओं के स्थान पर) कुल 175 धाराओं में बदलाव हुआ है। 8 नई धाराएं जोड़ी गई है। 22 धाराएं हटा दी गई है।

 

भारतीय साक्ष्य अधिनियम में क्या-क्या होगा? 
इसमें 170 धाराएं होंगी। कुल 23 धाराओं में बदलाव किया गया है। 1 नई धारा जोड़ी गई है और 5 धाराएं हटा दी गई है।

इस अधिनियम में दस्तावेजों की परिभाषा का विस्तार किया गया है। इसमें इलेक्ट्रानिक या डिजिटल रिकार्ड, ईमेल, सर्वर लाग्स, स्मार्टफोन इत्यादि चीजों को सम्मालित किया गया है।

 

भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) में ये 13 बदलाव किए गए हैं। कुछ बदलावों के बारे में आपको बताते हैं।  

 

रेप की सजा बढ़ाई

नए विधेयक में रेप की सजा बढ़ा दी गई है। पहले ये 7 साल थी, अब इसे 10 साल कर दिया गया है।

नाबालिग से गैंगरेप मामले में सजा-ए-मौत का प्रावधान

नाबालिग के साथ बलात्कार के मामले में नया कानून बनाया गया है। लिहाजा नाबालिग के साथ रेप की सजा को बढ़ाकर 20 साल कर दिया गया। यह आजीवन कारावास की सजा है। नए कानून के तहत नाबालिग से गैंगरेप पर मौत की सज़ा का प्रावधान किया गया है।

धारा 377 खत्म

अप्राकृतिक यौन अपराध (UNNATURAL SEXUAL OFFENCES) धारा 377  को हटा दिया गया है, लेकिन सवाल ये भी है कि अगर कोई जोर जबरदस्ती करता तो क्या इसे अपराध की श्रेणी में रखा जाएगा या नहीं?

अगर लापरवाही से किसी की मौत हुई तो इसके लिए सजा को बढ़ा दिया गया है। पहले सजा 2 साल थी। अब इसे बढ़ाकर 7 साल कर दिया गया है।

राजद्रोह के कानून को "भारत की एकता, संप्रभुता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्य" के रूप में परिभाषित किया गया है। इसकी सजा भी बढ़ा दी गई है।

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