अफगानिस्तान में तालिबानी लड़ाकों से मुल्क का सुरक्षा का काम संभल नहीं पा रहा है, लिहाज़ा तालिबान सरकार ने अब पिछली सरकार के ट्रेंड जवानों के सहारे नई सेना बनाने का फैसला किया है और इसके लिए उसने पुराने सैनिकों से मदद मांगी है।
तालिबानी लड़ाकों से संभल नहीं पा रहा है मुल्क, अफगान सैनिकों से मांगी मदद
16 Sep 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:05 PM)
taliban to build regular afghanistan army will include former servicemen
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तालिबान ने क्यों मांगी पुराने सैनिकों से मदद?
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अफगानिस्तान में अपनी सरकार बनाने के बाद अब तालिबान देश में सेना के गठन पर भी विचार कर रहे है। इस सेना में अफगान की पूर्व सरकार के अधीन रहे आर्मी अफसरों को भी शामिल किया जाएगा। यानी उन अधिकारियों को जो कुछ ही महीनों पहले तालिबान के खिलाफ जंग लड़ रहे थे। तालिबान सरकार ने बताया है कि सेना गठन की प्रक्रिया जल्द ही अपने आखिरी चरण में होगी। नई सरकार का कहना है कि मुल्क में एक मजबूत और स्थायी सेना का गठन होना चाहिए ताकि देश की सुरक्षा की जा सके। इसके अलावा तालिबान के एक अधिकारी ने ये भी बताया कि जिन्होंने पूर्व सरकार की सेना में सेवाएं दी हैं उन जवानों को भी नई सेना में शामिल किया जाएगा। क्योंकि जो लोग प्रशिक्षण लेने के बाद सेना में शामिल हुए थे उनका इस्तेमाल नई सेना में होने से तालिबान को काफी मदद मिलेगी। तालिबान को उम्मीद है कि जल्द ही इस सेना का गठन हो जाएगा।
कितनी बड़ी सेना बनाना चाहता है तालिबान?
आपको बता दें कि अफगाननिस्तान में पिछली सरकार के दौरान सेना के जवानों की तादाद 3 लाख थी, जो तालिबान की हुकूमत आने के बाद वर्दी उतार चुके हैं। ज़ाहिर है तालिबान इतनी बड़ी तादाद में सेना के जवानों का इस्तेमाल ज़रूर करेगा। वैसे भी ये ऐसे जवान है जिन्हें जंग के हुनर मालूम हैं, तालिबानी लड़ाकों ने जंग ज़रूर की है लेकिन प्रशिक्षित नहीं है। बता दें कि तालिबान की तरफ से ये फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब लगातार ये चिंता जताई जा रही थी कि पूर्व की अफगान सरकार में सेना, सुरक्षा खुफिया विभाग में काम करने वालों का अब क्या होगा। तालिबान ने बीते महीने 15 अगस्त को काबुल पर कब्जे के साथ ही पूरे अफगानिस्तान पर अपने नियंत्रण का ऐलान किया था। तब से तालिबान लड़ाके ही मुल्क की सुरक्षा कर रहे हैं।
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