Gorakhpur murder case : कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता (Kanpur Manish Gupta) की गोरखपुर में हुई हत्या के मामले में परिवार के लोगों ने सीएम से इंसाफ की गुहार लगाई है. इनका कहना है कि जब तक आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और सजा नहीं होती तब तक वो विरोध जारी रखेंगे.
Gorakhpur Murder : मृत कारोबारी की पत्नी से बेटा बार-बार पूछ रहा है पापा कहां हैं, कब आएंगे? विपक्षी दलों ने भी सरकार को घेरा
29 Sep 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:06 PM)
Gorakhpur murder case kanpur manish gupta SHO and other police officer inside story
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वहीं, मृतक मनीष गुप्ता का बेटा लगातार ये पूछ रहा है कि मेरे पापा कब आएंगे. पापा कहां चले गए. मृतक की पत्नी मीनाक्षी कहती हैं कि जब भी कभी कोई घंटी बजती है तो वो पूछता है कि पापा की कॉल आई है. अब क्या जवाब दूं? उसे कैसे बताऊं कि जिनपर हमारी रक्षा की जिम्मेदारी होती है उन्होंने ही तुम्हारे पापा को मार डाला.
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इस बीच, ये भी जानकारी मिली है कि आरोपों के घेरे में आए इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह पहले भी विवादों के घेरे में आ चुके हैं. घटना के बाद इंस्पेक्टर समेत अन्य सभी आरोपी फरार हो गए हैं. वहीं, मनीष गुप्ता के शव के साथ गोरखपुर से कानपुर निकलते समय मनीष की पत्नी मीनाक्षी ने कहा कि मुझे गोरखपुर पुलिस पर जरा भी भरोसा नहीं है. मैं फिर से कभी गोरखपुर नहीं आना चाहती हूं.
इसलिए इंसाफ पाने के लिए अपने केस को कानपुर में ट्रांसफर कराऊंगी. पत्नी ने कहा कि पति मनीष जब गोरखपुर के लिए निकल रहे थे तब भी मैंने कहा था मैं भी घूमने चलूं क्या? उस समय मनीष ने कहा था कि इस बार नहीं, अगली बार ले चलूंगा. लेकिन जब मेरे पति ही नहीं रहे तो मैं अब गोरखपुर कभी नहीं आना चाहती.
क्या है पूरा मामला
बताया जा रहा है कि 27 सितंबर की रात में गोरखपुर के रामगढ़ताल थाना एरिया के एक होटल में कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता अपने दो अन्य दोस्तों के साथ रुके थे. आधी रात में अचानक चेकिंग के नाम पर 6 पुलिसवाले वहां पहुंचे और चेकिंग करने लगे.
तीनों कारोबारियों ने अपने आईडी प्रूफ दिखाए इसके बाद भी पुलिसवाले परेशान कर रहे थे. इसी बात को लेकर कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता ने पूछ लिया कि आधी रात में सोते समय चेकिंग करने का कौन सा समय है. क्या हम लोग आतंकवादी हैं? बस इसी आतंकवादी शब्द को सुनने के बाद तो पुलिसवालों ने ही अपना आतंक दिखाना शुरू कर दिया.
इसके बाद कानपुर के कारोबारी की बंदूक की बट से और लाठी-डंडों से जमकर पीटा. जिससे वो लहूलुहान हो गए. घटना के दौरान थाना रामगढ़ताल के एसएचओ इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह और दो दरोगा और अन्य 3 पुलिसकर्मी थे.
बताया जा रहा है कि होटल के कमरे में ही बंद कर काफी देर तक पीटा. जिससे वो लहूलुहान हो गए. इसके बाद पुलिसकर्मी उन्हें पीसीआर गाड़ी में डालकर ले गए. कुछ देर बाद ही पता चला कि अस्पताल में मनीष गुप्ता की मौत हो गई.
मनीष गुप्ता कानपुर के रहने वाले थे और बिजनेस के सिलसिले में अपने दो दोस्तों के साथ गोरखुपर आए थे. इस मामले में घटना को लेकर जब लोगों ने सवाल उठाए और सोशल मीडिया पर आवाज उठाई तब गोरखपुर के SSP डॉ. विपिन ताडा ने रामगढ़ताल इंस्पेक्टर जेएन सिंह, फलमंडी चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्रा और 4 सिपाहियों समेत कुल 6 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया. साथ ही मामले के जांच के आदेश दिए हैं.
राजनीति में तूल पकड़ा मामला
कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि ..गोरखपुर में एक कारोबारी को पुलिस ने इतना पीटा कि उनकी मृत्यु हो गई. इस घटना से पूरे प्रदेश के आमजनों में भय व्याप्त है. इस सरकार में जंगलराज का ये आलम है कि पुलिस अपराधियों पर नर्म रहती है और आमजनों से बर्बर व्यवहार करती है.
वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट करते हुए कहा है कि... यूपी सीएम के गृह जनपद गोरखपुर की पुलिस द्वारा होटल में रात्रि रेड करके तीन व्यापारियों के साथ बर्बर व्यवहार व उसमें से एक की मौत, अति-दुःखद व शर्मनाक घटना है. जो राज्य में भाजपा सरकार के कानून-व्यवस्था के दावों की पोल खोलता है. वास्तव में ऐसी घटनाओं से पूरा प्रदेश पीड़ित है.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए गोरखपुर के एसएसपी विपिन ताडा पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने एसएसपी के बयान का वीडियो ट्वीट करते हुए ..झूठ का फूल लिखा है. दरअसल, जिस तरह से एसएसपी ने बयान जारी करते हुए कहा है कि होटल में हड़बड़ाहट में वो युवक गिर गया था. जिससे उन्हें चोट लग गई और मौत हो गई.
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