UP Aligarh Crime News : भरोसे की मजबूत नींव को भी शक़ की मामूली लकीर कमजोर कर देती है. ना सिर्फ कमजोर बल्कि खोखला भी कर देती है जिससे रिश्ते ऐसे नाजुक मोड़ पर पहुंच जाते हैं जहां से सिर्फ एक ही रास्ता बचता है. वो रास्ता है मौत का. ऐसा ही एक सनसनीखेज मामला उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से सामने आया है. यहां की जानी-मानी डॉक्टर की रहस्यमय हालात में पिछले दिनों हुई मौत में बेहद ही चौंकाने वाला खुलासा हुआ.
MURDER MYSTERY: लव मैरिज पर भारी पड़ा शक़, पति ने रची ख़ौफ़नाक साज़िश, एक मैसेज, ख़ून के निशान और 100 CCTV फुटेज से खुला राज़
Aligarh Dr. Aastha Murder case : husband killer a message, a trace of blood and a secret revealed from 100 CCTV footage
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19 Oct 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:07 PM)
इस घटना में लव, अफेयर, शादी, शक़ और आख़िर में मौत और मिस्ट्री सबकुछ है. मौत के बाद इस घटना को आत्महत्या बताया गया. महिला डॉक्टर को फांसी पर लटका दिया गया. मौत के करीब 12 घंटे बद जब शव मिला तो पुलिस ने भी आत्महत्या मानकर जांच शुरू की.
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लेकिन एक मैसेज और खून के एक निशान ने आत्महत्या पर सवाल उठाए. और जब मिस्ट्री से पर्दा उठा तो चौंकाने वाला सच सामने आया. जिस पति के साथ 13 साल पहले महिला डॉक्टर ने 7 फेरे लिए थे उसी ने शक़ में क़त्ल किया था.
क्या है पूरा मामला
Dr. Aastha Aggarwal Murder Case in Aligarh : उत्तर प्रदेश का अलीगढ़ का क्वार्सी थाना एरिया. यहां की रमेश विहार कॉलोनी में रहने वाली महिला डॉक्टर आस्था अग्रवाल (38) का 13 अक्टूबर को फंदे से लटकता हुआ शव मिला. ये शव कमरे के पीछे बने वॉशिंग एरिया की छत पर बने लोहे के वेंटिलेशन जाल से लटका हुआ था. घर के बाहर ताला लगा हुआ था. डॉ. आस्था के दो बच्चे अरनव (10) और छोटी बेटी आन्या (7) दोनों अपने बड़े पापा तरुण के घर पर मिले.
इनसे शुरुआती पूछताछ में पता चला कि आस्था का पति अरुण अग्रवाल दोनों बच्चों को हमारे पास छोड़कर किसी काम के सिलसिले मे दिल्ली चला गया. इससे ज्यादा उसे कुछ जानकारी नहीं. पुलिस को ये भी बताया कि आस्था और उसके पति में काफी दिनों से तनाव था.
बच्चों का लगाव पापा से ज्यादा था. इसलिए दोनों बच्चे पापा के साथ यहां चले आए. इसके बाद परेशान होकर आस्था ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर लिया होगा. शुरू में घरवालों के कहने पर अलीगढ़ पुलिस ने आत्महत्या मानकर जांच शुरू की. लेकिन कुछ सवाल ऐसे थे जिसने पुलिस को उलझन में डाल दिया था.
महिला डॉक्टर के मुंह से ब्लड कैसे आया?
13 अक्टूबर को घटना की सूचना मिलने पर वहां पहुंचे डीएसपी श्वेताभ पांडे ने बताया कि डॉ. आस्था अग्रवाल की डेडबॉडी का अच्छे से मुआवना किया. उस दौरान उनके मुंह से निकले ब्लड पर ध्यान गया. तभी ये संदेह हुआ कि ये मामूली आत्महत्या नहीं है. क्योंकि आत्महत्या केस में मुंह से खून नहीं निकलता. इसलिए घरवालों से जानकारी मांगी तो उन लोगों ने हत्या की कोई आशंका नहीं जताई. लेकिन पति की गैरमौजूदगी शक़ पैदा कर रही थी.
इसके बाद दोनों बच्चों से बातचीत की गई. चूंकि बच्चे उस समय तक इतने डरे थे कि कुछ बता नहीं पाए. इसलिए उनसे ज्यादा पूछताछ नहीं की गई. लेकिन सीनियर अधिकारियों के आदेश पर डॉक्टरों के पैनल से शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से ये पता चल गया कि ये आत्महत्या नहीं बल्कि गला दबाकर हत्या की गई है. उसी वजह से मुंह से खून निकला था.
अब हत्या के बाद जिस तरीके से शव को लोहे की जाली से लटकाया गया था उससे ये अंदेशा लग गया कि इस क़त्ल को अकेले कोई अंजाम नहीं दे सकता. क्योंकि गला दबाकर हत्या के बाद उसे जाली से फंदे पर लटकाना सिर्फ उसका पति नहीं कर सकता है. इसलिए घटना वाले दिन की सीसीटीवी की जांच शुरू की गई.
एक मैसेज और CCTV से मिला अहम सुराग़
डीएसपी श्वेताभ पांडे ने बताया कि डॉ. आस्था अग्रवाल ने अपने मोबाइल फोन से वॉट्सऐप के जरिए अपनी एक दोस्त को मैसेज भेजा था. उस मैसेज में लिखा था कि उसकी जान को खतरा है. मौत भी हो सकती है. अगर उसकी जान चली जाए तो दोनों बच्चों को मेरी बहन के पास सौंप दिया जाए.
ये मैसेज 12 अक्टूबर की शाम करीब 8 बजे के आसपास वॉट्सऐप से भेजा गया था. लेकिन जिसे भेजा था उनका इंटरनेट पैक खत्म हो गया था. इसलिए वो मैसेज उन्हें रिसीव नहीं हुआ था. अगर वो मैसेज उन्हें मिल जाता या फिर डॉ. आस्था ये मैसेज पुलिस को भेज देती तो शायद जान भी बच जाती. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
ये मैसेज उनकी दोस्त को 13 अक्टूबर को उस समय रिसीव हुआ जब उन्होंने इंटरनेट ऑन किया. इस मैसेज के बारे में पुलिस को जानकारी हुई तब हत्या किए जाने को लेकर एक और सबूत मिल गया. इसलिए पुलिस ने उस मैसेज भेजने के टाइम के आधार पर आसपास के इलाके में सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू की.
इस दौरान रमेश विहार कॉलोनी में घर से कुछ दूरी पर आस्था के पति अरुण की कार के पास में तीन लोग टहलते हुए देखे गए थे. शहर के अलग-अलग इलाकों के दूसरे सीसीटीवी फुटेज देखे गए तो दोनों बच्चों के साथ भी तीनों संदिग्ध दिखाई दिए. इसके बाद पुलिस को समझ आ गया कि ये घटना में शामिल रहे होंगे. इसके बाद अरुण की तलाश शुरू हुई तब उसकी तलाश में 100 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज और लोकेशन की जांच की गई.
जिसमें ये पता चला कि अरुण अलीगढ़ में बच्चों को अपने भाई के पास छोड़कर नोएडा होते हुए दिल्ली पहुंचा था. दिल्ली में वो पहाड़ गंज में रुका था. यहीं पर उसने कार पार्किंग में खड़ी कर दी थी. इसके बाद वो बस से शिमला और चंडीगढ़ गया था. इसके बाद पुलिस टीम लगातार उसका पीछा कर रही थी तब वो लगातार चकमा देता रहा. इस बीच उसके पैसे खत्म होने लगे तब वो अलीगढ़ की फैक्ट्री में रखे पैसे लेने आया तो पुलिस के हत्थे चढ़ गया.
आरोपी पति ने किया हैरान करने वाला खुलासा
पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपी पति अरुण अग्रवाल ने खुलासा किया. उसने पुलिस के सामने पूरी कहानी बताई. उसने बताया कि आस्था पढ़ने में काफी मेहनती थी. पढ़ाई के दौरान ही उससे दोस्ती हो गई थी. उसने बीएएमएस (BAMS) की पढ़ाई के बाद आगे भी मेडिकल की पढ़ाई कर रही थी.
इसी बीच में हमारी दोस्ती हो गई और फिर हम दोनों में प्यार हो गया. इसके बाद साल 2008 में हमलोगों ने लव मैरिज की थी. शादी के बाद दोनों बहुत खुश थे. इसी बीच, साल 2014 में सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में आस्था की कॉन्ट्रैक्ट पर डॉक्टर की जॉब लग गई. अब वो संविदा पर नौकरी करने लगी.
वहीं, अरुण ने ऑक्सीजन प्लांट की फैक्ट्री शुरू की. कोरोना लॉकडाउन के दौरान जब दूसरी लहर में ऑक्सीजन की भारी किल्लत हुई थी तब ये प्लांट चर्चा में आया था. अरूण ने बताया कि इसी बीच, डॉ. आस्था की एक युवक से गहरी दोस्ती हो गई. उसे लेकर वो कई बार घर पर भी आती थी. बस इसी बात को लेकर दोनों में अनबन शुरू हो गई. कई बार घर पर ही लड़ाई हुई. बच्चों के सामने भी कहासुनी हुई. जिससे बच्चों पर भी बुरा असर पड़ता था.
इस पूरे केस के बारे में अलीगढ़ के एसपी सिटी कुलदीप सिंह गुणावत ने बताया कि 12 अक्तूबर की रात 9 से 9:30 बजे के बीच ही अरुण ने तीन अन्य लोगों के साथ मिलकर डॉ. आस्था की गला दबाकर हत्या की थी. 13 अक्तूबर को आस्था अग्रवाल का शव घर में फंदे पर लटकता मिला था.
उन्होंने बताया कि अरुण और आस्था के बीच विवाद का बड़ा कारण एक दूसरे के चरित्र पर संदेह करना था. एक तरफ आस्था को अरुण पर भरोसा नहीं था वहीं दूसरी तरफ अरुण को आस्था और उसके करीबी दोस्त पर शक़ था. दरअसल, दोनों पति-पत्नी के बीच जब कभी लड़ाई होती थी तब अरूण कई बार ऑक्सीजन प्लांट पर ही रुक जाता था. रात में भी वही रहता था. इसीलिए आस्था को भी उस पर शक था. लिहाजा, वो बच्चों के भविष्य के लिए प्लांट और घर को अपने नाम पर ट्रांसफर कराने का दबाव बना रही थी.
28 सितंबर को हुई मारपीट के बाद बनाई क़त्ल की साज़िश
पुलिस की पूछताछ में अरुण ने बताया कि 28 सितंबर की रात में मारपीट की घटना ने ही हत्या की साजिश बनाने के लिए मजबूर किया. दरअसल, उस रात में संध्या से काफी अनबन हो गई थी. जिसके बाद आस्था ने फोन कर अपने दोस्त को घर बुला लिया था. उसका दोस्त सुबह करीब 4 बजे ही घर पहुंचा और मुझसे मारपीट करने लगा. बच्चे भी जग गए थे. बच्चों के सामने उसने मेरी पिटाई कर दी और धमकी भी दी. ये बात मुझे बहुत बुरी लगी और सम्मान बचाने के लिए मैं गुस्से में घर से निकला और अपनी फैक्ट्री पहुंचा. वहां गार्ड विकास मिला. उससे पूरी बात बताई और हत्या करने की प्लानिंग बनाई. गार्ड विकास ने ही अशोक और पवन से फोन पर बात कराई.
2 लाख की मांगी सुपारी, 1 लाख में तय हुआ सौदा
अरुण ने पुलिस को बताया कि अशोक उर्फ टशन और पवन ने हत्या के लिए 2 लाख रुपये की सुपारी मांगी. जिसके बाद 1 लाख में सौदा भी तय हो गया. एडवांस में 60 हजार रुपये दे भी दिए. इसके बाद 12 अक्टूबर की रात में हत्या करने के लिए दोनों को बुला लिया और फिर तीनों लोग कार से घर पहुंचे थे.
पुलिस के अनुसार घटना वाली शाम करीब साढ़े 7 बजे अरुण अपने साथ तीनों आरोपियों को सफेद हुंडई वरना कार (यूपी 13-Z 1112) से अपने घर लेकर पहुंचा. कार घर से कुछ कदम पहले ही रोक दी थी. इसके बाद तीनों को वहीं कार में रुकने की बात कहकर पैदल ही अपने घर के अंदर गया था.
जब वो घर पहुंचा तो दोनों बच्चे ट्यूशन पढ़ रहे थे. ट्यूटर भी घर पर थे. इस पर अरुण ने ट्यूटर से कहा कि बच्चों को वो कहीं घुमाने ले जाएगा. इसलिए वो जल्दी से चले जाएं. इस पर टीचर ने कुछ जरूरी होमवर्क कराने के करीब 15 मिनट बाद ही वहां से निकले. उसी दौरान कार में बैठे तीनों आरोपी कार से बाहर निकलकर टहलने लगे थे. जिनकी तस्वीरें वहां लगे एक सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी.
ट्यूटर के जाने के बाद अरूण घर से शराब ले जाकर तीनों को पिलाता है और खुद भी पीता है. इसके बाद चारों घर में रात करीब 9 बजे आते हैं. घर में घुसते ही तीनों धमकी देते हैं कि आज आस्था को मारने की धमकी देते हैं. इस पर बच्चे थोड़ा परेशान हो जाते हैं. जिसके बाद एक आरोपी बच्चों को दूसरे कमरे में ले जाकर वहां टीवी चला देता है. टीवी का साउंड तेज कर देता है और उसके बाद आस्था की गला घोंटकर हत्या कर देते हैं.
आस्था का आख़िरी मैसेज: मेरी हत्या हो सकती है...
पुलिस ने बताया कि रात में 8 बजे के करीब ही आस्था ने अपनी एक करीबी दोस्त को वॉट्सऐप पर हत्या की आशंका जताते हुए मैसेज भेजा था. लेकिन वो मैसेज इंटरनेट बंद होने की वजह से रिसीव नहीं हुआ था. उस मैसेज में ये लिखा कि.. मेरी हत्या हो सकती है. अगर उसे कुछ हो जाए तो बच्चों को बहन के पास पहुंचवा देना. अरुण ने बताया कि घर में लगे झूले की रस्सी से पहले आस्था का गला घोंटा था.
इसके बाद लोहे की जाल में उसका फंदा लगाकर तीन लोगों ने मिलकर उसे लटका दिया था. लेकिन पुलिस ने 100 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और मैसेज के आधार पर आरोपी अरुण को गिरफ्तार कर लिया. इससे पूछताछ के आधार पर पुलिस ने प्लांट के गार्ड विकास और उसके साथी पवन को गिरफ्तार कर लिया जबकि अशोक उर्फ टशन अभी फरार है. उसकी तलाश की जा रही है.
ये था घटनाक्रम
28 सितंबर को अरुण और आस्था के बीच रात में हुआ विवाद
5 दिन तक लगातार ऑक्सीजन प्लांट पर ही रुका था अरुण
गार्ड विकास के साथ मिलकर तैयार की हत्या की साजिश
विकास, अशोक व पवन ने मांगी 2 लाख रुपये की सुपारी
1 लाख में तय हुआ सौदा, 60 हजार रुपये एडवांस लिया
12 अक्टूबर की शाम सभी को साथ लेकर आया और हत्या की
13 अक्तूबर की शाम पुलिस को शव लटके होने की मिली खबर
17 अक्टूबर की रात में पुलिस ने अरुण व दो साथी गिरफ्तार किए
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