अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान को कब्जा दिलाने में सबसे बड़ा मददगार पाकिस्तान रहा है. पाकिस्तान ने ना सिर्फ तालिबान को जुबानी सपोर्ट किया बल्कि 10-15 हजार पाकिस्तानी लड़ाके और जरूरी हथियार समेत लॉजिस्टिक सपोर्ट भी किया. ये खुलासा अफ़ग़ानिस्तान छोड़कर भागे राष्ट्रपति अशरफ गनी और अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के बीच फोन पर हुई बातचीत से हुआ है.
अशरफ गनी और बाइडेन की फोन पर हुई बात लीक, गनी का दावा : पाकिस्तान के सपोर्ट से तालिबान ने अफ़ग़ान पर किया कब्जा
Ashraf Ghani and Biden's phone conversation leaked, Ghani claims: Taliban captured Afghanistan with Pakistan's support
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01 Sep 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:04 PM)
दरअसल, अफ़ग़ानिस्तान छोड़ने से पहले तालिबान जब तेजी से कब्जा कर रहा था तब 23 जुलाई को अशरफ गनी और बाइडेन के बीच फोन पर बात हुई थी. दोनों के बीच करीब 14 मिनट तक बात हुई थी. इस बातचीत के बाद ही 15 अगस्त को जब तालिबान ने काबुल पर कब्जा किया तभी अशरफ गनी देश छोड़कर भाग निकले थे.
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न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने जारी की है फोन पर बात की डिटेल
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने अशरफ गनी और बाइडेन के बीच हुई बातचीत की पूरी रिकॉर्डिंग हासिल की है. दोनों की बातचीत को जारी भी किया है.
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 23 जुलाई को गनी और बाइडेन के बीच लंबी बात हुई थी. उस दौरान बाइडेन ने गनी से तालिबान को रोकने का प्लान मांगा था. इस बातचीत के दौरान बाइडेन ने कहा था कि वो एयरस्ट्राइक करने में अफ़ग़ानिस्तान का सपोर्ट भी करेंगे.
शुरुआत में बाइडेन ने हाल-चाल पूछा फिर रणनीति पर बात
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट में फोन पर बात करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन और अशरफ गनी ने शुरू में एक दूसरे का हाल-चाल पूछा. हल्की-फुल्की बात की. इसके बाद अफ़ग़ान में जिस तरह से तालिबान तेजी से कब्जा करते हुए आगे बढ़ रहा है, उस पर बात होने लगी.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, बाइडेन चाहते थे कि अफगानिस्तान के जनरल बिस्मिल्लाह को तालिबान के खिलाफ लड़ाई की जिम्मेदारी सौंपी जाए. बाइडेन ने ये भी कहा था कि इसकी तैयारी करें और साइड से अमेरिकी फौज भी सपोर्ट करेगी.
तालिबान को पाकिस्तान ने ऐसे की मदद
इस बातचीत के दौरान अशरफ गनी ने कहा था कि पाकिस्तान पूरी तरह से तालिबान का सपोर्ट कर रहा है. उसने अपने 10 से 15 हजार लड़ाके तालिबान की मदद के लिए भेजे हैं. इसके अलावा पाकिस्तान इस लड़ाई में तालिबान को लॉजिस्टिक सपोर्ट भी कर रहा है. जिससे साफ है कि तालिबान के हाथ को पाकिस्तान मजबूत कर रहा था. इसीलिए तालिबान इस बार पूरी ताकत से अफ़ग़ानिस्तान पर हमला कर रहा है.
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