दुनिया में अलग-अलग दौर में अलग-अलग लोगों ने मौत को मात देने की तमाम कोशिश की। पर सभी नाकाम रहे। फिर कुछ लोगों ने मौत को हराने की एक नई तरकीब सोची। तरकीब ये कि आदमी भले ही मर जाए पर जिस्म जिंदा रहे। और इसी तरकीब ने जन्म दिया ममी को। और ममी का नाम जुबान पर आते ही सीधे मिस्र का नक्शा जेहन में कौंध जाता है। ममी की शक्ल में मिस्र ने अपने अंदर कई ऐसे राज़ समेट रखे हैं, जो आज भी पूरी दुनिया के लिए किसी पहेली से कम नहीं है।
500 साल से तपस्या में लीन है एक योगी! अब भी बढ़ रहे नाखून और बाल!
भारत चीन की सीमा पर ग्यू नाम के एक गांव में 500 साल पुरानी एक ममी के नाख़ून और बाल आज भी बढ़ रहे है, दाँत भी है सलामत, Get latest updates of crime news today, crime news in Hindi and more on Crime Tak.
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05 Oct 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:06 PM)
भारत चीन की सीमा पर ही मौजूद पहाड़ों पर ग्यू नाम के एक गांव में बैठा है एक महायोगी...ये महायोगी साढ़े पांच सौ सालों से तपस्या में जुटा हुआ है... महायोगी के शरीर में अब जान तो बाकी नहीं है...लेकिन जिस्म के खत्म ना होने के सारे सबूत जिंदा मौजूद हैं....महायोगी की इस ममी के बाल अब तक बढ़ रहे हैं। ममी बन चुके महायोगी के दांत, जो अब तक जस के तस हैं। महायोगी के नाखून...
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जिन्हें देखकर एकबारगी आप भी हैरत में पड़ जाएंगे...क्योकि ये नाखून भी बढ़ रहे हैं। महायोगी की सैकड़ों साल पुरानी योगमुद्रा, जिसे देखकर ऐसा लगता है कि अगर ममी के हाथ में माला दे दी जाए, तो ये अभी अपनी आंखें बंद कर माला फेरने लगेंगे। ये महायोगी कौन हैं, आखिर क्यों ये इस मुद्रा में बैठे हैं...क्या इनके शरीर पर कोई लेप लगाकर इन्हें इस तरह रखा गया है...
इस ममी का राज़ जानने के लिए हमें कांगड़ा घाटी में जाना होगा... जैसे ही हम पालमपुर से मंडी के रास्ते की तरफ बढ़ते हैं...पहाड़ों पर घने पेड़ों के बीच छिपी एक बस्ती दूर से ही दिखाई पड़ती है...ये ताशी जुंग है...दुनिया के शोरशराबे से दूर...हरे पेड़ों के बीच सुनसान एकांत में। सालों पहले एक योगी ने ताशी जुंग को चुना अपनी आध्यात्मिक यात्रा की ऊंचाईयां हासिल करने के लिए...और सालों की कठोर तपस्या के बाद तोकदेन की पदवी हासिल की थी।
84 साल की उम्र में तोकदेन आमत्रिन ने जब शरीर छोड़ा तो उनके शिष्यों के मुताबिक वो ऐसी अवस्था पा चुके थे जब शरीर बाकी योगियों के लिए अमूल्य निधि की तरह हो चुका होता था।
अपने गुरु के शरीर की ममी बनाना, फिर उसकी पूजा करना...ये रहस्य-रोमांच का वो संसार है जिसका वजूद बीते हुए कल और आज के बीच कहीं ना कहीं जरुर मौजूद है...जिसकी जड़ें आप वैज्ञानिक तथ्यों और धार्मिक मान्यताओं के बीच कहीं भी तलाश सकते हैं।
ममी का ये रहस्य हिमाचल के केवल इस हिस्से तक सीमित नहीं है बलकि हिमाचल में और भी कई ऐसी जगह हैं जहां पर बकायदा ममी को रखा जाता है । कई साल से रखी ये ममियां आज भी वैसी ही है जैसी उनके मौत के वक्त पर थीं । हालांकि जिस तरह से ताशीजुंग के योगी के नाखून और बालों को बढ़ने का सिलसिला चल रहा है वो न केवल आम लोगों बलकि वैज्ञानिकों को भी हैरान करती है।
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