NOIDA CYBER CRIME: नोएडा में साइबर क्राइम पुलिस ने साइबर ठगों का एक गिरोह पकड़ा और उनकी कारगुजारियों का भंडाफोड़ किया है। बताया जा रहा है कि ये गिरोह गूगल पर बैंक के फर्जी टोल फ्री नंबर जारी कर देता था। ग्राहक टोल फ्री नंबर के चंगुल में फंसकर इनके पास पहुँच जाता था।
नोएडा में पकड़ी गई साइबर ठगों की टोली, टोल फ्री नंबर से ऐसे लगाते थे शिकार के खातों में सेंध
22 Apr 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:17 PM)
गूगल को हथियार बनाने वाले साइबर ठग, टोल फ्री नंबर से शिकार, बैंक में कर्मचारी बनकर की धोखाधड़ी, ऐप से खातों में सेंध, LATEST CYBER CRIME, NOIDA CYBER GANG, CYBER GANG KA JHARKHAND CONNECTION
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अपने पास चलकर आए शिकार को नोंचने में ये गैंग ज़रा भी देरी नहीं लगाता था और QUICK SUPPORT APP इंस्टॉल करवाते ही ग्राहक के ख़ाते तक पहुँच जाता था। फिर तो ग्राहक की जेब पर इनका कब्ज़ा होता था जितना चाहा उतना माल साफ।
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पुलिस की अब तक की तफ्तीश कहती है कि ये गैंग अब तक 150 से ज़्यादा लोगों को चूना लगा चुका है। पुलिस को इन लोगों के पास से अलग अलग बैंकों के डेबिट कार्ड समेत तीन मोबाइल फोन मिले हैं।
LATEST CYBER CRIME: दरअसल पकड़ा गए एक आरोपी ने कुछ रोज़ पहले 28 जनवरी को इंदिरा पुरम में रहने वाले एक स्टीफन थॉमस की बेटी के ICICI बैंक के खातों पर इंटरनेट बैंकिंग एक्टिवेट कराने के नाम पर पहले तो QUICK SUPPORT APP डाउनलोड करवाया और फिर 5, 97032 रुपये की धोखाधड़ी कर ली।
पुलिस की पूछताछ में ये भी साफ हो गया है कि ये एक गैंग है जो बड़े ही ऑर्गनाइज्ड तरीक़े से साइबर ठगी करता था। ये तो इनकी ठगी का एक पहलू है। असल में पुलिस ने जब इन ठगों के खातों को खंगाला तो एक और बात भी खुलकर सामने आ गई।
असल में इन लोगों ने बैंक में जो खाता खुलवाया था उसमें लिखा हुआ था कि ज़रूरतमंद लोगों के लिए लोन लेने के लिए। और ये लोग झारखंड के साइबर ठगी के लीडर मामा के इशारे पर ही काम करते थे और उसके एवज में कमीशन ले लेते थे।
असल में ये जिससे ठगी करते थे तो उसके पैसों को खाते में ट्रांसफर करने के साथ ही खाते का डेबिट कार्ड मोबाइल सिम और खाता पासबुक लीडर मामा तक पहुँचा देते थे और बदले में 10 से 20 परसेंट कमीशन ले लेते थे। पुलिस अब इनके ज़रिए झारखंड में छुपे बैठे शातिर ठगों की पूरी टोली को दबोचने की कोशिश में है।
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