फर्राटेदार अंग्रेज़ी बोलकर अंग्रेज़ों को लगाया चूना गुरुग्राम में इस जगह चल रहा था फ़र्ज़ी कॉल सेंटर

फर्जी कॉल सेंटर पर छापा, पुलिस ने 24 को पकड़ा, अमेरिकी और कनाडाई नागरिकों को बनाया शिकार, अंग्रेजी बोलकर अंग्रोजों को लगाया चूना, GURUGRAM FAKE CALL CENTER TARGET AMERICANS AND CANADIAN TECH SUPPORT

CrimeTak

26 Mar 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:16 PM)

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गुरुग्राम से नीरज वशिष्ट की रिपोर्ट

CYBER CRIME JAAL: फर्राटे दार अंग्रेज़ी और अंग्रेज़ी में गाली, और गाली में छुपी धमकी, ये वो हथियार हैं जिनके दम पर गुरुग्राम के एक कमरे में बैठकर कुछ लोगों ने अमेरिका और कनाडा के लोगों की जेब काटनी शुरू कर दी थी। Microsoft Tech support और SIN (Social Insurance Number) का ऐसा झांसा देते थे कि स्मार्ट अमेरिकी और कनाडाई नागरिकों का भी सिर चकरा जाता था।

फाइनेंसियल क्राइम यूनिट, ब्यूरो ऑफ़ नारकोटिक्स, कनाडाई इंटेलिजेंस सर्विस, ये ऐसे जुमले थे जिन्हें सुनकर सात समंदर पार बैठे लोगों का हलक सूख जाता था। लेकिन इससे पहले ये शातिरपना और आगे बढ़ पाता, गुरुग्राम पुलिस ने सारा खेल ही बिगाड़ दिया और 24 लोगों को पकड़कर जेल में बंद कर दिया।

पुलिस को मिली थी कॉल सेंटर की ये शिकायत

CYBER CRIME JAAL: गुरुग्राम पुलिस ने एक कॉल सेंटर पर ताबड़तोड़ छापामारी की तो अचानक वहां अफ़रा तफ़री मच गई और देखते ही देखते 10 महिलाएं और 14 लोग पुलिस के सामने सिर झुकाए अपने गुनाहों का इकरार कर रहे थे।

गुरुग्राम के एसीपी क्राइम की मानें तो कॉल सेंटर में काम करने वाले लोग वाईस मेल और पॉपआप भेजकर माइक्रोसॉफ्ट टीच सपोर्ट देने के नाम पर ऐसा जाल बिछाते थे कि अमेरिका और कनाडा के नागरिक भौचक्के रह जाते थे। चौंकाने वाली बात तो ये है कि ये लोग मादक पदार्थो की तस्करी, मनी लॉन्डरिंग और ऐसे ही पहचान छूपाने वाले गुनाहों में लिप्त बताकर उनसे वसूली कर रहे थे।

लेकिन पुलिस के इन सबके शातिर कारनामों की भनक मिल गई और फौरन उसने कार्रवाई करके इन सभी को दबोच लिया। पुलिस टीम ने कॉल सेन्टर से दो सीपीयू दो मोबाइल फोन और ढाई लाख रुपयों की नगदी बरामद की है।

पुलिस ढूंढ रही है मास्टरमाइंड

CYBER CRIME JAAL: एसीपी की माने तो देर रात मुख्यमन्त्री उडनदस्ता की टीम को एक सूचना मिली कि DLF फेज 2 के प्लॉट नम्बर-9, गली नंबर-11, M ब्लाक से कुछ गड़बड़ हो रही है। पुलिस को ये तो पता चल गया था कि बताए गए पते पर उमेश यादव उर्फ ओमी उसका दोस्त माणिक मिलकर एक कॉल सेन्टर चला रहे हैं।

ये बात पुलिस को बाद में पता चली कि इस कॉल सेन्टर में काम करने वाले कर्मचारी कनाडा के नागरिकों को कम्प्यूटर की वाईस मेल और पॉपआप भेजकर SIN (Social Insurance Number) और Microsoft Tech support देने के नाम पर पैसा वसूल करने में लगे हुए हैं।

पुलिस ने जब कॉल सेंटर पर छापा मारा तो उन्हें शिकायत सही लगी। तलाशी और पूछताछ में अमेरिका और कनाडा के लोगों से धोखाधड़ी करके पैसा वसूल करने की बात भी सही पाई।

पुलिस ने कॉल सेंटर का भंडाफोड़ कर आरोपियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया है। इस पूरे क़िस्से में सबसे ख़ास बात तो ये है कि कॉल सेंटर को चलाने वाला उमेश सिर्फ 12वी पास है, लेकिन फर्जी और शातिर तरीके से कॉल सेंटर चला रहा था। पुलिस अब ये पता लगा रही है कि इनके इस कॉल सेंटर का असली मास्टरमाइंड कौन है।

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