Delhi Crime: दिल्ली दंगों में अदालत का बड़ा फैसला,आगज़नी मामले में नौ आरोपी बरी

Delhi News: अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने कहा, “ मुझे लगता है कि इस मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ लगाए गए आरोप संदेह से परे साबित नहीं हुए हैं।

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31 Jan 2023 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:35 PM)

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Delhi Court News: राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत (Court) ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में 2020 में हुए दंगों (Riots) के दौरान तोड़फोड़ और आगज़नी करने के नौ आरोपियों (9 Accused) को सोमवार को बरी (Acquitted) कर दिया। नौ व्यक्ति मोहम्मद शाहनवाज, मोहम्मद शोएब, शाहरुख, राशिद, आजाद, अशरफ अली, परवेज, मोहम्मद फैसल और राशिद हैं।

उन पर उस अवैध भीड़ का हिस्सा होने का आरोप था जिसने 25 फरवरी 2020 को यहां गोकलपुरी थाना क्षेत्र के चमन पार्क इलाके में शिकायतकर्ता की संपत्ति में तोड़फोड़ की थी और आग लगाई थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने कहा, “ मुझे लगता है कि इस मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ लगाए गए आरोप संदेह से परे साबित नहीं हुए हैं। इसलिए, आरोपियों को इस मामले में उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों से बरी किया जाता है।”

न्यायाधीश ने कहा, 'मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि एक गैरकानूनी भीड़ थी, जिसने संपत्ति में तोड़फोड़ की और आग लगाई।' लेकिन, गैरकानूनी भीड़ में आरोपियों की भागीदारी के संबंध में, अदालत ने कहा कि दो सरकारी गवाहों ने अभियोजन पक्ष के मामले का समर्थन नहीं किया।

अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष के एक अन्य गवाह, सहायक उप-निरीक्षक हरि बाबू ने कहा कि उन्हें याददाश्त खोने की बीमारी है और वह इसकी दवाई ले रहे हैं। अदालत ने कहा, “ अभियोजक ने उनसे जिरह की जिसमें उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि याददाश्त खोने के कारण वे चार दंगाइयों की सही पहचान करने में असमर्थ थे।”

अदालत ने कहा कि सिर्फ हेड कांस्टेबल विपिन अभियोजन के गवाह के तौर पर आरोपियों की पहचान कर सके। उसने कहा कि लेकिन, आरोपियों का विवरण जानने के बावजूद, हेड कांस्टेबल ने इसे सात अप्रैल 2020 तक आधिकारिका तौर पर दर्ज नहीं किया। अदालत ने उनकी गवाही को पर्याप्त नहीं माना। न्यायाधीश ने कहा कि आरोपी व्यक्तियों को संदेह का लाभ दिया जाता है।

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