अपराधियों के 'तमंचे पर डिस्को' करती क्यों दिख रही दुनिया की सबसे बड़ी पुलिस फोर्स!

GOPAL SHUKLA

09 Jun 2023 (अपडेटेड: Jun 9 2023 5:44 PM)

up police action court security : यूपी पुलिस की सुरक्षा यानी हिफाजत की बातें वो भी कंडीशन अप्लाई के साथ। ऐसा ही कुछ होता दिख रहा है उत्तर प्रदेश की पुलिस फोर्स के साथ, क्योंकि कोर्ट रूम की वारदात ने समूचे तंत्र को हिलाकर रख दिया।

यूपी में कोर्ट में फायरिंग के बाद पुलिस महकमा एक्शन में

यूपी में कोर्ट में फायरिंग के बाद पुलिस महकमा एक्शन में

follow google news

up police action: सुरक्षा आपकी संकल्प हमारा...यही Motto यानी ध्येय वाक्य जिस उत्तर प्रदेश पुलिस का है, जिस यूपी पुलिस की वेबसाइट पर जाइए तो लिखा मिल जाएगा कि ये दुनिया की सबसे बड़ी पुलिस फोर्स है। मगर वहां सुरक्षा की बातें ‘कंडीशन अप्लाई’ के साथ हैं और सबसे बड़ी फोर्स होने के बावजूद यूपी पुलिस न तो कोर्ट में गोली चलने से रोक पाती है और न ही कोर्ट में शूटर को वकीलों के हाथों पिटने से रोक पाती है। ऐसा लगता है कि पुलिस सिर्फ अपराध को चुनौती देते अपराधियों के आगे तमंचे पर डिस्को देखती है। 

कोर्टरूम में गोलीबारी की घटना के बाद कोर्ट रूम को सील करती यूपी पुलिस
यह भी पढ़ें...

कोर्ट की सुरक्षा के लिए बड़ी फोर्स

आखिर ये सारी बातें क्यों कही जा रही है तो इसे ऐसे समझिये लखनऊ कोर्ट में गैंगस्टर संजीव जीवा की हत्या के बाद गृह विभाग का सभी जिलों को आदेश गया है कि किसी भी कोर्ट परिसर में कोई व्यक्ति अब हथियार लेकर प्रवेश नहीं कर सकता। सभी जिलों में कोर्ट की सुरक्षा के लिए बड़ी फोर्स तैनात कर दी गई।  सभी कोर्ट परिसर की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त QRT यानी क्विक रिस्पॉन्स टीमें भी लगाई गई हैं, जो सुनने में राहत देती महसूस होती हैं। लेकिन शायद सच ये है कि ये सारी कवायद सिर्फ लकीर पीटने जैसी है।

40 घंटे बाद पुलिस का एक्शन

लखनऊ के कोर्ट में संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा की हत्या के 40 घंटे बाद अब पुलिस एक्शन दिखाई पड़ा जब उन पुलिस कर्मियों पर गाज गिरी जो कोर्ट में अलग अगल गेट पर तैनात थे। ये छह पुलिसवाले हैं जिन्हें निलंबित किया गया। जिन पुलिसवालों को निलंबित कर दिया गया है उनकी तैनाती उस गेट पर थी जहां से शूटर विजय यादव असलहे समेत कोर्ट परिसर में घुसा था। इसके अलावा यूपी के गृह विभाग की तरफ से एक चिट्ठी रवाना हुई है प्रदेश के हरेक जिले के लिए। उस चिट्ठी में कहा गया है कि जिले की किसी भी कोर्ट परिसर में कोई भी व्यक्ति अब हथियारों के साथ प्रवेश नहीं कर सकता। 

जीवा की हत्या के बाद दिखा पुलिस में एक्शन

कोर्ट की सुरक्षा बढ़ाने का आदेश

इतना ही नहीं सभी ज़िलों की कोर्ट की हिफाजत के लिए अब 71 सुरक्षा प्रभारी इंस्पेक्टर, 22 इंस्पेक्टर, 240 सब इंस्पेक्टर, 522 कांस्टेबल और 1772 हेड कांस्टेबल की तैनाती कर दी गई है। इसके अलावा हरेक कोर्ट परिसर में QRT यानी क्विक रेस्पॉन्स टीमें भी लगाई गई हैं जिसमें 60 दारोगा, 112 हेडकांस्टेबल और 256 कांस्टेबल तैनात किए गए हैं। 

पुलिस पर उठे सवालिया निशान

बताया जा रहा है कि कोर्ट के बाहर वकील की ड्रेस पहनकर आए बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या कर दी. गोली लगने से मौके पर ही मौत हो गई. बताते हैं कि बीजेपी नेता ब्रह्मदत्त दिवेदी की हत्या में संजीव जीवा आरोपी था. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची. जांच की जा रही है. लेकिन इस घटना से एक बार फिर से पुलिस पर सवालिया निशान उठ रहे हैं. क्योंकि इससे पहले प्रयागराज में पुलिस की मौजदूगी अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या की गई थी।  यानी कहना गलत न होगा कि कोर्ट रूम में घुसकर की गई संजीव जीवा की हत्या के बाद अब शासन और प्रशासन दोनों की नींद टूटी है। क्योंकि अब इंतेहा हो गई महसूस होने लगी। 

    follow google newsfollow whatsapp