Hindenburg Report: चीनी नागरिक के साथ गौतम अडानी का रिश्ता क्या कहलाता है, रिपोर्ट ने उठाया सवाल

GOPAL SHUKLA

01 Feb 2023 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:35 PM)

Adani Group: अडानी ग्रुप के शेयरों में आई गिरावट के बीच हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का एक हिस्सा एक बार फिर चर्चा में आ गया है और ये हिस्सा एक चीनी नागरिक को लेकर है।

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Adani Group Scam: आज कल इस बात पर बहस ज़ोरों पर है कि अडानी ग्रुप का क्या होगा? हर कोई इस सवाल का जवाब जानने को बेताब है कि अमेरिकी फाइनेंस कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट (Hindenburg Report) ने जो रायता फैलाया है अब उसे कैसे समेटा जाएगा और कौन समेटेगा?

लेकिन इस बात पर हरेक की निगाह जरूर लगी हुई है कि पिछले तीन दिनों से शेयर बाजार में जो उठापटक मची हुई है, वो कम शांत होगी...क्योंकि बीते तीन दिनों के भीतर ही करीब दो लाख करोड़ से ज़्यादा की रकम निवेशकों की डूब चुकी है और पिछले हफ्ते से यानी 24 तारीख के बाद से अब तक पौने छह लाख करोड़ की रकम अडानी समूह के साथ साथ निवेशक गंवा चुके हैं।

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इसी बीच एक ऐसी खबर आई है जो बाजार में एक अलग तरह का धुआं उठा सकती है। और वो खबर है अडानी ग्रुप के साथ चीनी कनेक्शन का।

ये बात तो सब जानते हैं कि 106 पन्नों की हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में उठाए गए 88 सवालों के जवाब में अडानी ग्रुप ने करीब 413 पन्नों के जवाब का पूरा पोथन्ना दिया था और हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में उठाए गए तमाम सवालों में से 65 सवालों के जवाब भी अडानी ग्रुप की तरफ से दिए जाने का दावा किया गया है।

लेकिन बचे हुए सवालों में से कुछ ऐसे सवाल हैं जिन्होंने बाजार को अजीब से दोराहे पर लाकर खड़ा कर दिया है कि आखिर इनमें से किसकी बात पर गौर किया जाए और किसकी बात को नज़रअंदाज किया जाए।

Hindenburg Report Effact: अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में पूछे गए सवालों में से एक सवाल ये भी है कि आखिर अपने निवेशकों को अडानी ग्रुप पारदर्शी तरीके से चीन के नागरिक चांग चुंग लिंग के साथ अपने रिश्तों को क्यों उजागर नहीं करता।

इस चीनी नागरिक का नाम इसलिए भी नज़र अंदाज नहीं किया जा सकता क्योंकि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में इस नाम का जिक्र कम से कम चार बार किया गया है। और हर बार रिपोर्ट इस नाम को लेकर सवाल खड़े करती है। मगर अडानी ग्रुप की तरफ से किए गए तमाम जवाबों में से कहीं भी इस नाम का जिक्र करते हुए किसी भी तरह की कोई सफाई नहीं दी गई है।

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का अहम सवाल यही है कि अडानी ग्रुप आखिर क्यों इस नाम को अपने निवेशकों और भारत के राष्ट्रीय हितों के मद्देनज़र तस्वीर साफ नहीं करता।

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट कहती है कि चुंग लिंग का अडानी ग्रुप के साथ बहुत गहरा नाता है। लेकिन वो नाता किस हद तक है और इसका अडानी ग्रुप पर किस तरह का प्रभाव है ये बात साफ होनी सबसे ज़्यादा जरूरी है।

रविवार को सामने आई हिंडनबर्ग की रिपोर्ट इस बात का आरोप लगाती है कि अडानी ग्रुप ने धोखाधड़ी और मार्केट में जोड़तोड़ की है। और उसी सिलसिले में रिपोर्ट में सबसे पहले चांग चुंग लिंग का पहली बार नाम तब आता है जब उनके बारे में रिपोर्ट में लिखा गया है कि वो गुदामी इंटरनेशनल से ताल्लुक रखते हैं जहां वो एक डायरेक्टर के तौर पर काम करते हैं। और रिसर्च के मुताबिक गुदामी इंटरनेशनल का अडानी इंटरप्राइजेस के साथ नाता है जिसका जिक्र कंपनी ने साल 2002 में अपने दस्तावेजों में किया है।

लेकिन भारत में साल 2018 में पहली बार गुदामी का नाम उस वक़्त सुर्खियों में उछला था जब तीन संदिग्ध कंपनियों में से एक सिंगापुर की इस कंपनी का नाम सामने आया जिन्हें अगुस्टा वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाले में शामिल बताया जा रहा था।

Gautam Adani And Chinese Connection: और ये बात गौरतलब है कि गुदामी ने मोंटेरोसा इनवेस्टमेंट होल्डिंग्स के तहत अडानी ग्रुप की कई कंपनियों में करीब 4.5 अरब डॉलर का निवेश कर रखा है।

आउटलुक में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक चीनी नागरिक चुंग लिंग अडानी समूह की कई कंपनियों में बतौर डायरेक्टर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इस बात का दावा हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में किया गया है। और रिपोर्ट अपने इस दावे को पुख्ता तौर पर प्रमाणित करने के लिए DRI यानी डायरेक्ट्रेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस की तरफ से जारी किए गए एक नोटिस का हवाला देती है।

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक DRI के रिकॉर्ड में चुंग लिंग का वही पता दर्ज है जो विनोद शांतिलाल शाह उर्फ विनोद अडानी के घर का पता है। विनोद अडानी असल में गौतम अडानी के भाई हैं। ऐसे में अडानी ग्रुप का विनोद अडानी से रिश्ता तो साफ हो जाता है लेकिन विनोद अडानी और चुंग लिंग का रिश्ता साफ नहीं होता।

इसके बाद हिंडनबर्ग की रिपोर्ट चुंग लिंग का जिक्र उस संदर्भ में करती है जब ग्रोमोर ट्रेड एंड इनवेस्टमेंट कंपनी का जिक्र किया जाता है। क्योंकि इस कंपनी का साल 2011 में विलय अडानी पॉवर के साथ हुआ था और वो भी 423 मिलियन डॉलर के मुनाफे के साथ।

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट से मिले दस्तावेजों के हवाले से कहा गया है कि ग्रोमोर कंपनी का संचालन चुंग लिंग कर रहे थे। और जिससे ये जाहिर होता है कि किसी भी तरह अडानी परिवार के किसी करीबी के हाथों संचालित एक अपारदर्शी निजी संस्था को अप्रत्याशित फायदा पहुँचाने का संकेत भी है।

हालांकि अडानी ग्रुप ने अपने जवाब में इस बात को झुठलाते हुए साफ कहा है कि भारतीय रेगुलेटर्स के बनाए गए क़ायदे क़ानून के तहत ही कंपनी को विलय करने की कार्रवाई की गई थी और उसमें किसी भी तरह की कोई अनियमितता नहीं बरती गई थी।

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